महिला की तस्वीरें लेना ‘स्टॉकिंग’ नहीं, हिमाचल हाईकोर्ट से आरोपी को अग्रिम जमानत
शिमला – हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक व्यापारी को अग्रिम जमानत देते हुए स्पष्ट किया कि महिला की तस्वीरें लेना, भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 78 के तहत ‘पीछा करने’ यानी स्टॉकिंग की परिभाषा में नहीं आता। जस्टिस राकेश कैंथला ने कहा कि, भले ही लगाए गए आरोप सही हों, यह मामला स्टॉकिंग के दायरे में नहीं आता और आरोपी की हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है।
मामला एक क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी और उनकी पत्नी से जुड़ा है। अधिकारी का आरोप था कि व्यापारी ने उनकी पत्नी की तस्वीरें और वीडियो लेकर उन्हें धमकाने की कोशिश की। अधिकारी ने यह भी दावा किया कि आरोपी ने उनकी गाड़ी में टक्कर मारने का प्रयास किया था। राज्य सरकार और शिकायतकर्ता के वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड से पीछा करने के सबूत मिलते हैं, लेकिन अदालत ने इसे स्टॉकिंग मानने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि धारा 78 तभी लागू होती है जब किसी महिला का बार-बार पीछा किया जाए, व्यक्तिगत मेल-जोल बढ़ाने की कोशिश की जाए या उसकी ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखी जाए। इस मामले में ऐसे कोई तथ्य नहीं हैं, इसलिए अग्रिम जमानत देना उचित है।
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