भारत-पाक युद्ध के बीच में पांच जेट गिराए गए थे ! ट्रंप के दावे पर कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरा !
क्या देश के सम्मान के बदले व्यापार की सौदेबाज़ी की गई?” कांग्रेस का सवाल
ट्रंप के दावे के बाद मानसून सत्र के हंगामेदार होने के आसार , मानसून सत्र में उठेगा मामला
नई दिल्ली गौरव कोठारी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एक बार फिर भारत-पाकिस्तान तनाव को लेकर दिए गए बयान ने भारतीय सियासत में हलचल पैदा कर दी है। ट्रंप ने कहा कि भारत-पाक के बीच हालिया सैन्य झड़प के दौरान 5 लड़ाकू विमान गिराए गए और उन्होंने व्यापारिक दबाव के जरिए युद्ध टलवाया। कांग्रेस ने इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए पूछा है — “क्या देश के सम्मान के बदले व्यापार की सौदेबाज़ी की गई?”
ट्रंप का नए बयान में 5 जेट गिराने और युद्ध रुकवाने का दावा !
व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ बातचीत के दौरान ट्रंप ने दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के दौरान चार या पांच युद्धक विमान गिराए गए। हालांकि उन्होंने यह नहीं स्पष्ट किया कि ये विमान भारत के थे या पाकिस्तान के। ट्रंप ने साथ ही कहा कि उनकी चेतावनी और हस्तक्षेप के चलते ही युद्ध रुका।
ट्रंप इससे पहले भी कई बार यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाक के बीच युद्ध को रोका था। यह उनका 24वां सार्वजनिक दावा है जिसे कांग्रेस ने अब प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना लिया है।
कांग्रेस का हमला: “प्रधानमंत्री क्यों हैं खामोश?”
कांग्रेस पार्टी ने ट्रंप के इस दावे को लेकर सोशल मीडिया पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा:
“डोनाल्ड ट्रंप बार-बार कह रहे हैं कि उन्होंने भारत को धमकाकर युद्ध रुकवाया। मोदी जी चुप क्यों हैं? क्या भारत ने अपने सम्मान से समझौता किया?”
पार्टी ने सरकार से संवेदनशील कूटनीतिक फैसलों पर पारदर्शिता की मांग की है और यह स्पष्ट करने को कहा है कि भारत ने अपनी संप्रभुता को किस हद तक सुरक्षित रखा।
भारत सरकार की सफाई: ट्रंप का कोई रोल नहीं
भारत सरकार की ओर से विदेश सचिव विक्रम मिस्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि सीजफायर भारत-पाक के बीच आपसी बातचीत से हुआ था, न कि किसी बाहरी दबाव में। मिस्री के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप से हुई 35 मिनट की बातचीत में साफ कहा था कि भारत किसी भी प्रकार की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता।
सरकार ने कहा कि पाकिस्तान ने संघर्ष विराम की पहल की थी और भारतीय सेना ने अपनी रणनीति के तहत कार्रवाई की थी। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था, जिसके बाद तनाव चरम पर पहुंचा।
मानसून सत्र में उठेगा मुद्दा
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है, और “ट्रंप का दावा”, “ऑपरेशन सिंदूर” और “सीजफायर की पृष्ठभूमि” विपक्ष के लिए बड़े मुद्दे बनने जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, शनिवार को विपक्षी दलों की एक बैठक में इन मुद्दों पर रणनीति बनाई जाएगी।
भारत-पाक हालिया तनाव: घटनाक्रम
- 22 अप्रैल: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला।
- 7 मई: भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू किया, पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया।
- 10 मई: पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम का प्रस्ताव, भारत ने जवाब में सहमति दी।
- 17 जून: भारत ने स्पष्ट किया कि सीजफायर में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी।
ट्रंप के दावों का दोहराव और कांग्रेस की आक्रामकता एक बार फिर भारत की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को सार्वजनिक बहस के केंद्र में ला रही है। मानसून सत्र में सरकार को स्पष्ट और ठोस जवाब देने होंगे कि कूटनीति और सैन्य नीति में किन सिद्धांतों को तरजीह दी गई।
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