सिर्फ चहेते मीडिया कर्मियों से कवरेज करवाएंगे धीरेंद्र शास्त्री की हनुमंत कथा का आयोजक
पर मीडिया कर्मियों के पास कवरेज करने के लिए पास नहीं
चहेते मीडिया कर्मियों को दिए गए हैं कार्यक्रम की कवरेज के पास
क्योंकि आयोजकों की इच्छा उनके मन माफिक खबरें छपे मीडिया में
बाबा बागेश्वर धाम की पांच दिवसीय हनुमंत कथा आज से
पंचकूला में पांच दिवसीय बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री की हनुमंत कथा का आयोजन आज से होना है पर उसके पहले कार्यक्रम की कवरेज करने के लिएज्यादातर मीडिया कर्मियों के पास रविवार की शाम तक अनुमति पत्र ( खबर लिखे जाने के वक्त ) शाम को 6:00 बजे तक नहीं पहुंचे थे। हालांकि यह भी बताया गया है कि कुछ चुनिंदा मीडिया कर्मियों को आयोजन के पास दिए गए हैं क्योंकि आयोजक यह चाहते हैं कि जो वह खबर चाहे वही खबर अखबारों में छपे। इसके पहले रविवार को कलश यात्रा निकाली गई। इस कलश यात्रा में सैकड़ो की संख्या महिलाओं ने भाग लिया। और कलश यात्रा में कुछ महिलाओं का नुकसान भी हुआ। वहीं शनिवार रविवार कीरात को हुई बारिश की वजह से शालीमार ग्राउंड में पानी भरा हुआ है। रविवार देर शाम तक शालीमार ग्राउंड से पानी निकालने की कवायद चलती रही जिसकी वजह से आयोजकों के माथे पर शिकन बैठ गई है क्योंकि आयोजकों को उम्मीद है कि बागेश्वर धाम की वाले धीरेंद्र शास्त्री की कथा में 50000 से ज्यादा लोगों के आने की संभावना है पर पानी भर होने की वजह से मुश्किल स्थिति बन गई है।
चहेते मीडिया कर्मियों को आयोजन कवरेज करने की अनुमति
शुक्रवार को आयोजन समिति की तरफ से आयोजन स्थल पर प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया था। तब वहां पर अनेकों मीडियाकर्मी पहुंचे हुए थे और सभी ने कार्यक्रम की कवरेज करने के लिए अनुमति पत्र की मांग की। तब से लेकर रविवार की शाम तक चंद चहेते मीडिया कर्मियों को ही अनुमति पत्र दिए गए हैं जिसकी वजह से मीडिया कर्मियों में भी रोष व्याप्त है। सवाल यहां यह भी है कि जब चुनिंदा पत्रकारों को ही कार्यक्रम की कवरेज का अनुमति पत्र देना था तो आयोजकों को सभी पत्रकारों को बुलाना ही नहीं चाहिए था शुक्रवार की प्रेस वार्ता में ।
चर्चा : लाखों रुपए का पड़ जाएगा पास
पंचकूला की मार्केट में इस बात की चर्चा है कि बड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम से दूरी बना ली है उसकी वजह कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताई , एक तो कार्यक्रम मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव का है । ऐसे में अगर दूसरी तरफ से कुछ कहा जाता तो इधर वाला पक्ष मन नहीं कर पाता । इसलिए लोग पास मांगने से भी आयोजकों से कतरा रहे हैं । उनका मानना है कि अगर पास मांग लिए तो कहीं पास मंगदा महंगा सौदा ना हो जाए । और यह सौदा कई तरीके की बताया जा रहा है । यही वजह है की पंचकूला के कई समाजसेवियों ने इस कथा से किनारा करना शुरू कर दिया है। अब इस बात में कितनी सच्चाई है इस बात को तो बागेश्वर धाम वाले हनुमान जी ही जाने ।
ग्राउंड में भरा पानी आयोजकों के माथे पर चिंता की लकीरें
शनिवार रविवार की रात हुई बारिश की वजह से ग्राउंड में पानी भर गया जिसकी वजह से आयोजकों के माथे पर चिंता की लकीरें नजर आई। रविवार को देर शाम तक पानी निकालने की कवायत जारी रही। अगर सोमवार को पूरी तरीके से पानी नहीं निकला तो आयोजकों को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है ।



रविवार को निकली कलश यात्रा कुछ महिलाओं का हुआ नुकसान
हनुमंत कथा आयोजन से एक दिन पूर्व रविवार को कलश यात्रा निकाली गई । कलश यात्रा में सैकड़ो महिलाओं ने हिस्सा लिया। पर मिली जानकारी के अनुसार आयोजकों से जुड़ी हुई एक महिला की सोने की चेन गुम हो गई। हालांकि इस सम्बन्ध में किसी प्रकार कोई शिकायत नहीं दी गई।
आज से पंचकूला वासियों को 5 दिन तक करना पड़ेगा परेशानी का सामना
शालीमार ग्राउंड के आसपास अगले 5 दिनों तक दोपहर से लेकर देर रात तक ट्रैफिक की समस्या का सामना पंचकूला वासियों को करना पड़ सकता है क्योंकि आयोजकों को 50000 लोगों के कथा में आने की उम्मीद है। अगर आयोजकों की उम्मीद के अनुसार लोग पहुंच जाते हैं तो ट्रैफिक के साथ-साथ व्यापारियों और आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
पंचकूला के पत्रकारों में कार्यक्रम कवरेज को लेकर असमंजस
दरअसल इस कार्यक्रम को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के राजनीतिक सचिव तरुण भंडारी करवा रहे हैं। ऐसी स्थिति में पंचकूला के पत्रकारों के सामने धर्म संकट की स्थिति हो रखी है क्योंकि अनुमति पत्र है नहीं और कार्यक्रम की कवरेज अगर करने के लिए जाएंगे तो वहां पर आयोजक के बाउंसर भी मौजूद है जो की बदतमीजी करते हैं। ऐसे में पत्रकारों के सामने कार्यक्रम को लेकर सिर्फ तीन ही विकल्प सामने आ रहे हैं:- 1.) या तो वे कवरेज ना करें 2.) या बाउंसर के धक्के खाएं और फिर कवरेज करने जाएं 3.) या फिर कार्यक्रम के बाहर जो कुछ भी घटित हो रहा है सिर्फ उसको कवर करें
मगर कार्यक्रम के आयोजक सत्ता पक्ष से जुड़े हुए हैं इसलिए ऐसे में ज्यादातर पत्रकार सत्ता पक्ष की भाषा ही कार्यक्रम को लेकर बोलेंगे तो कोई आश्चर्य वाली बात नहीं होगी।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि कार्यक्रम शुरू होने के पहले ही इस कार्यक्रम को लेकर ट्राइसिटी में चर्चाएं जोरों सोरों पर हैं। किसी का कुछ कहना है और किसी का कुछ। अब सच क्या है और झूठ क्या है यह तो बागेश्वर धाम वाले हनुमान जी ही जाने ।
पर खबरी प्रसाद अखबार ना तो किसी प्रकार के अनुमति पत्र की चिंता करता है ना अनुमति पत्र मांगने हमारी टीम जाएगी। और जो भी सच वाली खबरें होंगी वह अखबार में जरूर दिखाई जाएगी । चाहे आरजू को इसमें एतराज ही क्यों ना हो ।
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