क्या आपका रिश्ता ‘साइलेंट डिवोर्स’ की ओर बढ़ रहा है?
जानिए इसके संकेत और बचाव के उपाय
नई दिल्ली। बीते कुछ वर्षों में भारत में तलाक के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इस बढ़ती प्रवृत्ति के चलते वैवाहिक जीवन से संबंधित कई नए सामाजिक ट्रेंड सामने आए हैं, जिनमें ‘ग्रे डिवोर्स’, ‘स्लीप डिवोर्स’ और ‘सिल्वर डिवोर्स’ के बाद अब ‘साइलेंट डिवोर्स’ की अवधारणा भी तेजी से चर्चा में है। खासकर युवा विवाहित जोड़ों में यह प्रवृत्ति चिंताजनक रूप से बढ़ रही है।
क्या है साइलेंट डिवोर्स?
साइलेंट डिवोर्स एक ऐसी स्थिति को दर्शाता है जिसमें पति-पत्नी कानूनी रूप से एक साथ रहते हैं लेकिन उनके बीच भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक दूरी इस कदर बढ़ जाती है कि रिश्ता केवल औपचारिकता बनकर रह जाता है। वे एक ही घर, कभी-कभी एक ही कमरे में रहते हुए भी एक-दूसरे के प्रति भावनात्मक रूप से पूरी तरह कट जाते हैं।
साइलेंट डिवोर्स के प्रमुख संकेत
- भावनात्मक और शारीरिक जुड़ाव की कमी
यदि आप और आपके जीवनसाथी के बीच लंबे समय से इंटीमेसी या भावनात्मक संवाद नहीं हो रहा है, तो यह स्थिति साइलेंट डिवोर्स की ओर इशारा कर सकती है। ऐसे रिश्ते में पार्टनर्स केवल रूममेट्स की तरह रहते हैं। - लगातार असहमति, पर झगड़े नहीं
सामान्य रिश्तों में असहमति होना आम बात है, लेकिन हर मुद्दे पर चुपचाप नाराजगी जताना और संवाद न करना रिश्ते के लिए खतरनाक संकेत है। - झगड़ों की पूर्ण अनुपस्थिति
कई बार झगड़ा भी एक स्वस्थ रिश्ते का संकेत होता है क्योंकि यह उम्मीद और जुड़ाव को दर्शाता है। लेकिन जब झगड़े ही नहीं होते, तो यह दर्शाता है कि पार्टनर्स ने एक-दूसरे से उम्मीदें ही छोड़ दी हैं। - रुचि और भागीदारी की कमी
जब पार्टनर्स एक-दूसरे की बातों या गतिविधियों में रुचि लेना बंद कर देते हैं, तो वह केवल औपचारिक संबंध में बंधे होते हैं। न सामान्य पूछताछ होती है, न ही प्रतिक्रिया। - जीवन योजना में भागीदारी न होना
यदि जीवनसाथी एक-दूसरे को अपने भविष्य की योजनाओं में शामिल नहीं कर रहे, चाहे वह घर, परिवार या बच्चों से जुड़ा हो, तो यह स्पष्ट संकेत है कि भावनात्मक संबंध टूट चुका है।
समाधान क्या है?
विशेषज्ञों का मानना है कि साइलेंट डिवोर्स से बचने के लिए सबसे जरूरी है संवाद। खुलकर बात करना, एक-दूसरे की भावनाओं को समझना और साथ में समय बिताना रिश्ते में फिर से गर्माहट ला सकता है। विवाह एक निरंतर प्रयास है, जिसे दोनों तरफ से संजोना आवश्यक होता है।
साइलेंट डिवोर्स एक अदृश्य लेकिन गहराई से प्रभावित करने वाली स्थिति है। इसके लक्षणों को समय रहते पहचानकर, पेशेवर मदद और आपसी प्रयास से रिश्ते को फिर से जीवंत किया जा सकता है।
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