पंचकूला में मॉक ड्रिल बनी औपचारिकता , प्रशासनिक तालमेल की कमी ने खोली तैयारियों की पोल
ऑपरेशन ब्लैक आउट सेक्टर 26 पॉलिटेक्निक में जलती रही लाइट , बाकी जगह पर मिला-जुला असर
सेक्टर-20 में मॉक ड्रिल से पहले ही मौके पर पहुंची फायर और एंबुलेंस, ट्रैफिक व पुलिस की रही भारी कमी
ऑपरेशन ब्लैक आउट के दौरान भी पंचकूला में लोगों ने जलाई राखी बत्तियां
पंचकूला, 7 मई –
देशभर में सुरक्षा उपायों की समीक्षा के तहत बुधवार को पंचकूला उपायुक्त कार्यालय और सेक्टर-20 मार्केट में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, लेकिन यह आयोजन अधिकतर स्थानों पर महज एक औपचारिकता बनकर रह गया। सेक्टर-20 में हुई मॉक ड्रिल में प्रशासनिक तालमेल की कमी स्पष्ट रूप से नजर आई।
ड्रिल के दौरान कई गंभीर खामियां उजागर हुईं। सबसे बड़ी चूक यह रही कि हूटर बजने से पहले ही फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस मौके पर मौजूद थीं, जिससे मॉक ड्रिल का वास्तविक उद्देश्य — आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया का आकलन — ही विफल हो गया।
पुलिस और ट्रैफिक नियंत्रण में भारी लापरवाही
ड्रिल के दौरान पुलिस बल और ट्रैफिक पुलिस की भारी कमी देखने को मिली। न ही ट्रैफिक नियंत्रित किया गया और न ही आपातकालीन हालात के अनुरूप पुलिसबल की मौजूदगी सुनिश्चित की गई।
एम्बुलेंस में स्ट्रेचर तक नहीं
सबसे चिंताजनक बात यह रही कि मॉक ड्रिल के दौरान आई एम्बुलेंस में स्ट्रेचर नहीं था, जिससे “घायलों” को गोद में या कंधों पर उठाकर ले जाना पड़ा।


नगर निगम की पूर्व योजना पर उठे सवाल
सेक्टर-20 में ड्रिल की जिम्मेदारी नगर निगम कमिश्नर अपराजिता के पास थी। घटनास्थल पर पहले से मौजूद नगर निगम की टीम, और सफाई कर्मचारियों को ही “पब्लिक” दिखाकर बसों में बैठाना, इस पूरे अभ्यास को पूर्व नियोजित और दिखावटी बना गया।
प्रशासनिक समन्वय की कमी
मॉक ड्रिल के दौरान अधिकारियों और आपदा प्रबंधन टीम के बीच तालमेल की कमी साफ झलक रही थी। मौके पर उपायुक्त मोनिका गुप्ता, एडीसी, सिटी मजिस्ट्रेट, पार्षद सुशील गर्ग नरवाना, और व्यापार मंडल के सदस्य उपस्थित थे, लेकिन मैदान पर व्यवस्थाओं की स्थिति उनके विपरीत नजर आई।
प्रशासनिक अधिकारियों की प्रतिक्रिया
सेक्टर-20 थाने की प्रभारी सोमवीर ढाका ने कहा कि जैसे ही कंट्रोल रूम से सूचना मिली, पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। वहीं, एनडीआरएफ के एक सदस्य ने माना कि खराब ट्रैफिक व्यवस्था के कारण उन्हें वाहन दूर खड़ा कर पैदल घटनास्थल तक आना पड़ा।
व्यापार मंडल ने भी जताई चिंता
सेक्टर-20 व्यापार मंडल अध्यक्ष राकेश गोयल ने भी ट्रैफिक और सुरक्षा प्रबंधों पर सवाल उठाए। हालांकि उन्होंने मॉक ड्रिल को जारी रखने की वकालत की, ताकि भविष्य में ऐसी त्रुटियों को सुधारा जा सके।
ऑपरेशन ब्लैक आउट पंचकूला में रहा मिला जिला असर
अगर बात ऑपरेशन ब्लैक आउट की की जाए तो इसके लिए रात 7:50 से 8 .00 बजे तक लोगों से अपील की गई थी कि अपने घरों की और प्रतिष्ठान की लाइट बंद रखें । पर शायद यह नियम आम आदमी के लागू था सरकारी बिल्डिंग पर यह नियम लागू नहीं था क्योंकि पंचकूला के सेक्टर 26 में पॉलिटेक्निक कॉलेज की लाइट इस दौरान जलती हुई नजर आई । अगर बात मार बाजार की की जाए तो ज्यादातर दुकानदारों ने अपनी लाइट बंद रखी पर फिर भी कुछ दुकानदार ऐसे थे जिनके बोर्ड पर लाइट जलती हुई नजर आई । ब्लैकआउट के टाइम में ज्यादातर लोगों ने अपनी अपनी गाड़ियां अपनी-अपनी जगह पर ही खड़ी कर दी थी । ऐसे में कहां जा सकता है कि पंचकूला में ब्लैक आउट का मिला-जुला असर रहा उसकी वजह भी थी क्योंकि पंचकूला प्रशासन की तरफ से इस बात की जानकारी बुधवार को दोपहर 1:00 बजे आम जनता को दी गई थी ।



कुल मिलाकर पंचकूला में ऑपरेशन अभ्यास सिर्फ कागजी अभ्यास बनकर रह गया । भले कागजों में ऑपरेशन अभ्यास को मॉकड्रिल मान लिया गया हो पर जमीनी हकीकत उसके विपरीत रही ।
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