2.5 दशक के रिकॉर्ड तोड़ने के बाद 3 दशक के रिकॉर्ड तोड़ने की कगार पर शेयर बाजार
नई दिल्ली | भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट से निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। बीते पांच महीनों से सेंसेक्स और निफ्टी में मंदी का रुख बना हुआ है, जिससे बाजार पर दबाव लगातार बढ़ रहा है। वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और घरेलू आर्थिक नीतियों में बदलाव के चलते भारतीय बाजार संघर्ष कर रहा है।
साल 2024 के आखिरी महीनों में बाजार में सुधार की उम्मीद थी, लेकिन अक्टूबर से शुरू हुआ यह गिरावट का सिलसिला फरवरी 2025 में भी जारी है। सेंसेक्स और निफ्टी ने लगातार गिरावट दर्ज की है, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। अब अगर बाजार इसी तरह गिरता रहा तो यह 1996 के बाद पहली बार तीन दशक का रिकॉर्ड तोड़ने की कगार पर पहुंच जाएगा।
गिरावट का सिलसिला जारी, 30 साल के रिकॉर्ड पर खतरा
21 फरवरी 2025 को सेंसेक्स 424.90 अंक गिरकर 75,311.06 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी में 117.25 अंकों की गिरावट रही और यह 22,795.90 के स्तर पर आ गया। अक्टूबर 2024 से शुरू हुई इस गिरावट ने अब तक 24 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, और अगर यह ट्रेंड फरवरी के अंत तक जारी रहता है, तो तीन दशक में सबसे लंबी गिरावट दर्ज होगी।
1996 में ऐसा ही परिदृश्य देखने को मिला था, जब शेयर बाजार लगातार पाँच महीने तक गिरावट में रहा था। मौजूदा गिरावट इस रिकॉर्ड की बराबरी कर चुकी है और आने वाले दिनों में इसमें और गिरावट की संभावना जताई जा रही है।
2.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान, निवेशकों की चिंता बढ़ी
शेयर बाजार में भारी बिकवाली के कारण 21 फरवरी को निवेशकों को 2.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। BSE पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 401.98 लाख करोड़ रुपये पर आ गया, जो पिछले कारोबारी दिन 404.85 लाख करोड़ रुपये था।
BSE के 30 शेयरों में से 22 में गिरावट और केवल 8 में तेजी देखी गई। निफ्टी के 50 में से 37 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स और अदाणी पोर्ट्स टॉप लूजर्स रहे, जबकि टाटा स्टील और HDFC बैंक ने बाजार को कुछ सहारा देने की कोशिश की।
विदेशी निवेशकों ने निकाले 3,311 करोड़ रुपये, बाजार में घबराहट
20 फरवरी को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 3,311.55 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे बाजार पर और दबाव बढ़ा। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 3,907.64 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, लेकिन इससे कोई राहत नहीं मिली।
विश्लेषकों के अनुसार, सेंसेक्स और निफ्टी के प्रमुख सपोर्ट लेवल टूट चुके हैं। यदि सेंसेक्स 75,500 के नीचे जाता है, तो बिकवाली और तेज हो सकती है। वहीं, यदि बाजार 76,000 के ऊपर निकलने में कामयाब होता है, तो निवेशकों को थोड़ी राहत मिल सकती है।
क्या फरवरी में टूटेगा 30 साल का रिकॉर्ड?
अगर बाजार में अगले 8 दिनों तक और गिरावट दर्ज होती है, तो यह 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ देगा। इससे पहले 1994-95, 1996 और 2001 में ऐसा लंबा गिरावट का दौर देखा गया था।
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है और निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। अगले कुछ दिनों में बाजार की चाल यह तय करेगी कि 30 साल का रिकॉर्ड टूटेगा या शेयर बाजार कुछ राहत की ओर बढ़ेगा।
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