अवैध सट्टेबाजी विज्ञापनों पर जल्द लगेगी नकेल
ASCI और ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री ने मिलाया हाथ
भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) ने अवैध सट्टेबाजी और जुए के विज्ञापनों पर लगाम लगाने के लिए ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के साथ साझेदारी की है। मंगलवार को ASCI ने फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (FIFS), ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) और ई-गेमिंग फेडरेशन (EGF) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए, जिसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को भ्रामक और अवैध विज्ञापनों से बचाना है।
इस समझौते के तहत, अवैध ऑफशोर सट्टेबाजी विज्ञापनों को ट्रैक करने और संबंधित मंत्रालयों को रिपोर्ट करने के लिए एक स्पेशल निगरानी सेल की स्थापना की जाएगी। यह सेल रियल-मनी गेमिंग (RMG) विज्ञापनों की समीक्षा भी करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे ASCI के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं।
ASCI की सीईओ और महासचिव मनीषा कपूर ने कहा, “भारतीय उपभोक्ता अवैध ऑफशोर सट्टेबाजी और जुआ कंपनियों के विज्ञापनों से प्रभावित हो रहे हैं, जो भारत में पूरी तरह से जवाबदेह नहीं होते।” उन्होंने यह भी बताया कि कई भारतीय हस्तियां इन विज्ञापनों का हिस्सा बनी हैं, जो कि भारत में जुए के विज्ञापनों पर प्रतिबंध होने के बावजूद किए जा रहे हैं, और यह कानून का उल्लंघन है।
जनवरी 2025 से अब तक, ASCI ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को 413 अवैध सट्टेबाजी विज्ञापनों की रिपोर्ट की है। इसके अलावा, 12 रियल-मनी गेमिंग विज्ञापनों को भी जांचा गया है, जो ASCI के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर सकते हैं।
ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन के सीईओ रोलैंड लैंडर्स ने कहा कि एआईजीएफ जिम्मेदार गेमिंग प्रथाओं का समर्थन करता है और अवैध सट्टेबाजी और जुए के विज्ञापनों को रोकने के लिए लगातार काम कर रहा है।
ई-गेमिंग फेडरेशन के सीईओ अनुराग सक्सेना ने भी इस साझेदारी की सराहना करते हुए कहा, “बेईमान ऑपरेटरों द्वारा भारतीय नागरिकों को ठगने की घटनाओं के कारण देश और घरेलू उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।”
यह पहल उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और अवैध सट्टेबाजी उद्योग पर नकेल कसने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण कदम है।
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