महाकुंभ मेले में भीषण आग, शास्त्री ब्रिज के पास मची अफरातफरी, सरकार ने दिए जांच के आदेश
प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान एक बड़ी दुर्घटना ने श्रद्धालुओं और आयोजकों को हिलाकर रख दिया। 19 जनवरी 2025 की शाम शास्त्री ब्रिज के पास सेक्टर-19 में लगी आग ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। सिलेंडर ब्लास्ट के कारण लगी इस आग में 50 से अधिक टेंट जलकर राख हो गए। मौके पर मौजूद दमकल विभाग की 16 गाड़ियों और एनडीआरएफ की टीमों ने कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। हालांकि, राहत की बात यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन करोड़ों का नुकसान हुआ है। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। वहीं, एहतियात के तौर पर मेला क्षेत्र में तैनात मेडिकल टीम को अलर्ट कर दिया गया।
सिलेंडर ब्लास्ट बना हादसे की वजह
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आग लगने की वजह एक सिलेंडर ब्लास्ट था, जिसने कुछ ही मिनटों में आसपास के शिविरों को अपनी चपेट में ले लिया। शिविरों में अधिकतर लकड़ी और कपड़े के उपयोग से आग तेजी से फैल गई। आग ने करीब 1,000 वर्ग मीटर क्षेत्र को प्रभावित किया। शिविरों में मौजूद श्रद्धालु आग से बचने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसे के समय पंडाल में कई लोग आरती और भंडारे में शामिल हो रहे थे। अचानक हुए धमाके और आग की लपटों ने उन्हें संभलने का मौका नहीं दिया। इस दौरान कई लोगों के सामान और धार्मिक सामग्री जलकर खाक हो गई।
गीता प्रेस, धर्म संघ समेत कई शिविर प्रभावित
इस अग्निकांड में गीता प्रेस गोरखपुर और धर्म संघ श्रीकरपात्री धाम वाराणसी के शिविर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। गीता प्रेस के शिविर में 180 से अधिक कॉटेज जलकर खाक हो गए। वहां मौजूद श्रद्धालुओं को समय रहते सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
धर्म संघ के शिविर में रखे धार्मिक ग्रंथ, पूजा सामग्री और भोजन की व्यवस्था पूरी तरह से नष्ट हो गई। शिविर में मौजूद सेवक और श्रद्धालु सिलेंडर ब्लास्ट के कारण घबराकर भागने लगे। अधिकारियों ने बताया कि इस हादसे से कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों का भारी नुकसान हुआ है।
रेलवे ब्रिज और यातायात व्यवस्था पर पड़ा असर
आग लगने की घटना का असर शास्त्री ब्रिज के पास रेलवे यातायात पर भी पड़ा। आग की लपटें और धुआं ब्रिज तक पहुंच गया, जिससे कुछ समय के लिए रेलगाड़ियां रोक दी गईं। यात्रियों को तत्काल सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि ट्रेन संचालन को सामान्य करने में लगभग तीन घंटे का समय लगा। वहीं, आग के कारण इलाके की सड़क यातायात व्यवस्था भी चरमरा गई। दमकल गाड़ियों और पुलिस की मौजूदगी के कारण मेला क्षेत्र में भारी जाम लग गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया घटनास्थल का जायजा*
घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों को राहत और पुनर्वास के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने प्रभावित शिविरों के लिए तत्काल मुआवजे की घोषणा की और मेले की सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से महाकुंभ मेला क्षेत्र में आग लगने की घटना की पूरी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि कुशल फायर ब्रिगेड एवं एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम ने समय रहते आग पर काबू पाया गया। कोई हताहत नहीं हुआ है, किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुआ है। स्थिति नियंत्रण में है।
अखिलेश बोले- ऐसी घटना दोबारा न हो
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट करते हुए कहा, “महाकुंभ मेले में लगी आग का तुरंत गंभीरता से संज्ञान लिया जाए और आगे ऐसी दुर्घटना न हो, इसको सुनिश्चित किया जाए।”
मेला क्षेत्र में जारी किए गए कड़े सुरक्षा दिशा-निर्देश
हादसे के बाद मेला प्रबंधन और प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी शिविरों में अग्निशमन उपकरण अनिवार्य किए गए हैं। सिलेंडरों का उपयोग केवल तय मानकों के अनुसार ही किया जाएगा।
इसके अलावा, मेला क्षेत्र में फायर प्रोटेक्शन सिस्टम को आधुनिक बनाने के लिए विशेष दल तैनात किए जा रहे हैं। मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे किसी भी आपात स्थिति में घबराएं नहीं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
आधिकारिक जांच और आगामी कदम
सरकार ने इस घटना की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति आग लगने के कारणों और प्रशासन की चूक की जांच करेगी। मेला क्षेत्र में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नए मानक तैयार किए जाएंगे।
इस घटना ने मेले की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आने वाले दिनों में इस हादसे से जुड़े और भी तथ्य सामने आने की संभावना है। फिलहाल, श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मेला प्रबंधन पूरी तरह सतर्क है।
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