पीआर 7 रोड पर सीवरेज लाइन नहीं, सोसाइटीयों द्वारा खुले मे गिराया जा सीवरेज
बिल्डरों द्वारा सीवरेज का दूषित पानी टैंकरों में भर कर खुले में जा रहा गिराया, अधिकारी सो रहे गहरी नींद
संदीप सिंह बावा: शहर की पॉश व बड़ी 200 फीट रोड पर कई नामी कंपनियों बड़े बड़े रिहायशी व व्यपारिक प्रोजेक्ट हैं और पिछले लंबे समय से पीआर 7 रोड की सभी सोसायटीयां लगभग आबाद हो चुकी है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है के मेकडी से लेकर छत लाइट प्वाइंट तक करीब पांच से 6 किलोमीटर के पैच में सीवरेज लाइन नहीं बिछाई गई है। जबकि खाना पूर्ति के तौर पर सभी सोसायटीयों द्वारा लोगों की आंखों में घुल झोंकने के लिए अपने अपने एस्टीपी लगाए हुए हैं। लेकिन वह केवल दिखावे के लिए हैं, किसी भी सोसायटी का एस्टीपी ऑपरेशनल नहीं है। इस रोड पर मौजूद सोसायटीयों द्वारा सीवरेज का पानी या तो खुले में खाली पड़े खेतों में गिराया जा रहा है या फिर अंधेरे का फायदा उठाकर रात को या अल सुबह सीवरेज का दूषित पानी टैंकरों में भर कर खुले मे गिरा दिया जाता है। जिसका नुकसान पर्यावरण व आसपास लोगों को पड़ रहा है। खुले में दूषित पानी गिराने के कारण बीमारियां फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है। जिसके जिम्मेवार बिल्डर व प्रसाशन के अधिकारी है जो इस तरफ ध्यान नही दे रहे हैं। लोगों की मांग है के ऐसे बिल्डरों व अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
पीआर 7 रोड पर रिहायशी सोसायटियां इतनी महंगी है के एक फ्लैट डेढ़ से दो करोड़ तक है और इतना महंगा घर लेने के बाद भी यदि सीवरेज की समस्या से जूझना पड़े तो इससे बुरी बात उपभोगताओं के लिए क्या हो सकती है। यहां यह बताना भी अनिवार्य है के एस्टीपी की सुविधा ना होने के कारण सरकार द्वारा जीरकपुर में नए प्रोजेक्ट को परमिशन देने पर पाबंदी लगाई हुई है। लेकिन इस सबके बावजूद शहर में धड़ल्ले से निर्माण हो रहा है। जबकि सरकारी आदेशों के अनुसार कोई सोसायटी डवेल्प नही होनी चाहिए। लेकिन हैरानी की बात तो यह है के सरकारी अधिकारियों की मिली भगत से निर्माण करता कोई ना कोई रास्ता निकाल कर कैसे ने कैसे निर्माण कर ही लेते हैं। बता दें के शहर मे मात्र एक 16.5 एम्एलडी का एक ही एस्टीपी है वह भी प्रॉपर काम नही करता है और सीवरेज का दूषित पानी बिना ट्रीट किए घग्गर मे गिराया जा रहा है, जोकि चिंता का विषय है लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नही दे रहा है।
पीआर 7 रोड पर सीवरेज लाइन नही है। यहां नई लाइन बिछाने के लिए हमने नगर परिषद से आसपास जगह की मांग की है। क्योंकि पीआर 7 रोड वाले साइड की ढलान घग्गर की तरफ है तो एस्टीपी भी इसी साइड ही होना चाहिए। जगह मिलने के बाद टैंडर आदि का प्रक्रिया को पूरा होते होते करीब एक साल से ऊपर का समय लग जाता है। इसलिए जितनी जल्दी जमीन मिलेगी उतनी जल्दी काम शुरू हो जाएगा। – जसबीर सिंह, जेई सीवरेज बोर्ड विभाग जीरकपुर।
इसके लिए जगह ढूंढ़ रहे हैं, जैसे ही जगह मिल जाएगी काम शुरू करवा दिया जाएगा। पीआर 7 रोड की सभी सोसायटीयों को सीवरेज के पानी को ट्रीट करने के बाद इस्तेमाल करने के आदेश दिए गए है। जोकि जरूरी है, यदि कोई खुले मे गिराता हुआ पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। – अशोक पथरिया, कार्यकारी अधिकारी जीरकपुर।
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