महाकुंभ-2025 की शुरुआत : पहला शाही स्नान कल
लोहड़ी पर श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब, आस्था और भक्ति की दिव्यता से सजी महाकुंभ नगरी
प्रयागराज
महाकुंभ-2025 का आगाज एक ऐतिहासिक और अलौकिक क्षण के रूप में हुआ, जब लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था और भक्ति के संगम में अपनी श्रद्धा अर्पित की। पौष पूर्णिमा के दिन संगम के पवित्र जल में स्नान कर श्रद्धालुओं ने पुण्य की प्राप्ति के साथ मोक्ष की कामना की। महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता ने न केवल भारतीयों, बल्कि विदेशों से आए श्रद्धालुओं को भी मंत्रमुग्ध कर दिया।
महाकुंभ नगर में, संगम सहित सभी प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं का अपार जनसैलाब उमड़ा। तीर्थराज प्रयागराज के घाटों पर हर-हर महादेव, जय श्रीराम, और जय बजरंग बली के उद्घोष से वातावरण गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र जल में डुबकी लगाकर अपनी आस्था को प्रकट किया। इस मौके पर विशेष रूप से महादेव की उपासना का भी आयोजन किया गया, जिससे यह दिन और भी शुभ और दुर्लभ बन गया।
महाकुंभ के पहले शाही स्नान से एक दिन पहले लोहड़ी के दिन महाकुंभ में एक दिन में ही श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ ने यह संकेत दे दिया कि आगामी 45 दिनों में इस महापर्व के दौरान करोड़ों श्रद्धालु आस्था और श्रद्धा के इस महाकुंभ का हिस्सा बनेंगे। खासकर विदेशों से आए श्रद्धालु इस अद्भुत आयोजन के साक्षी बनने के लिए संगम में जुटे रहे। दक्षिण कोरिया, जापान, रूस, अमेरिका, और यूरोप के देशों से आए पर्यटकों ने महाकुंभ के विभिन्न शॉट्स कैमरे में कैद किए और इसकी भव्यता पर अपनी सराहना व्यक्त की।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ के साथ स्थानीय बाजारों में भी चहल-पहल रही।
संगम मेला क्षेत्र और लेटे हनुमान मंदिर के पास पूजा सामग्री बेचने वाले दुकानदारों और तिलक लगाने वालों का कार्य भी बढ़ गया है।
महाकुंभ-2025 ने यह साबित कर दिया कि यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक संगम है जो दुनिया भर के श्रद्धालुओं को एकत्रित करता है और उन्हें आस्था के माध्यम से एकता का अहसास कराता है।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!