डीसी मोहाली के आदेशों को भी हल्के में लेते हैं नगर कौंसिल अधिकारी
डीसी के आदेशों पर भी नहीं की गई फ्लाई ओवर के नीचे बैठे प्रवासी लोगों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई
15 मिनट बाद दोबारा बस गई पूरी बस्ती
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जीरकपुर के चंडीगढ़ अंबाला हाईवे पर स्थित फ्लाईओवर के नीचे प्रवासी लोग आकर कब्जा जमा कर बैठे हुए हैं यह लोग कौन है और कहां से आते हैं इसकी जानकारी किसी भी अधिकारी के पास नहीं है लेकिन सैकड़ो की संख्या में लोगों का आकर ऐसे कब्जा करके बैठ जाना अपने आप में एक बड़ा सवाल है।एक तरफ तो सरकारी विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही है और 80 करोड़ भूखे लोगों को मुफ्त अनाज देने की बातें कर रही है दूसरी तरफ प्रवासी लोगों का चुपके से आकर बैठ जाना इन सारे दावों की हवा निकाल रहा है। फ्लावर के नीचे कब्जा जमा कर बैठे लोग क्या काम करते हैं और इनका कमाई का क्या साधन है यह तो कोई नहीं जानता लेकिन यहां पर अंडा, मीट, मछली आदि बनते हुए अक्सर ही देखे जा सकते हैं। ऐसे लोग यहां पर इतनी गंदगी फैला रहे हैं के इस जगह पर धरती में से बड़े-बड़े चूहे निकलने लगे हैं जो की फ्लाईओवर के पिलरों के नीचे बड़े-बड़े गड्ढे कर रहे हैं और उन्हें नीचे से खोखला कर रहे हैं।
डीसी मोहाली ने फ्लाईओवर के नीचे बैठे लोगों को हटाने के दिए थे निर्देश
कुछ दिन पहले जीरकपुर की एक समाज सेवी संस्था पुकार ने डिप्टी कमिश्नर मोहाली को पत्र लिखा था जिसमें लिखा गया था के जीरकपुर के चंडीगढ़ अंबाला हाईवे पर बने हुए बड़े फ्लाईओवर के नीचे बहुत बड़ी संख्या में प्रवासी लोगों ने कब्जा जमाया हुआ है। इन लोगों की कोई पहचान नहीं है कि यह कौन है और कहां से आए हैं और यह क्या करते हैं यह लोग शहर की कानून व्यवस्था के लिए खतरा भी बन सकते हैं। यह लोग यहां पर गंदगी भी फैला रहे हैं इसलिए इन लोगों को यहां से हटाया जाए। पुकार संस्था की तरफ से दिए पत्र के बाद पिछले हफ्ते इस संस्था की फाउंडर मैडम शिवानी डिप्टी कमिश्नर मोहाली को मिलकर भी आई थी और उन्हें यहां पर कार्रवाई करने के निर्देश देने के लिए गुहार भी लगाई थी इसके बाद डिप्टी कमिश्नर मोहाली द्वारा नगर कौंसिल जीरकपुर के कार्यकारी अधिकारी को निर्देश दिए थे के इन प्रवासी लोगों को फ्लाइओवर के नीचे से जल्द से जल्द हटाया जाए। ऊपर से आए आदेशों के बाद कार्यकारी अधिकारी द्वारा एंक्रोचमेंट टीम को शनिवार को इन प्रवासी लोगों को फ्लाईओवर के नीचे से हटाने के लिए भेजा गया।
एंक्रोचमेंट टीम द्वारा डिप्टी कमिश्नर के आदेशों को हल्के में लेते हुए हल्की सी कार्रवाई करके पल्ला झाड़ लिया गया जैसे ही एंक्रोचमेंट टीम नगर कौंसिल दफ्तर से निकलकर मौके पर जाने लगी नगर कौंसिल का एक व्यक्ति इन लोगों को होने वाली कार्यवाही संबंधी सूचित कर गया इसके बाद सभी लोग फ्लावर के नीचे से अपना-अपना सामान उठाकर आसपास की गलियों में छुप गए। इसके बाद नगर कौंसिल की एंक्रोचमेंट टीम की गाड़ी मौके पर पहुंची तो वहां से सभी लोग गायब थे लेकिन एक दो लोग एंक्रोचमेंट टीम की पकड़ में आ गए तो टीम द्वारा उनका सामान उठा लिया गया। यहां पर बैठे लोगों का सामान इतना गंदा था कि बाकी लोगों का जो सामान यहां पर बचा हुआ था उसे हाथ लगाना भी एंक्रोचमेंट टीम के लिए मुश्किल लग रहा था। करीब 15 मिनट वहां पर चक्कर लगाने के बाद एंक्रोचमेंट टीम की गाड़ी वापस चली गई। गाड़ी के वापस जाने के तुरंत बाद सभी लोग फिर से फ्लाईओवर के नीचे आकर बैठ गए और अपना पूरा गांव बसा लिया। यहां पर एक बड़ा सवाल यह उठता है कि इन लोगों को कार्रवाई संबंधी सूचना देने वाला व्यक्ति कौन था और नगर कौंसिल द्वारा इन प्रवासी लोगों पर ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की जाती? क्या नगर कौंसिल के अधिकारी इनको यहां से हटाना नहीं चाहते? क्या नगर कौंसिल द्वारा इसे यहां बैठने का किराया वसूला जाता है? एक तरफ तो फ्लाई ओवर के नीचे सौंदर्य करण की बड़ी-बड़ी बातें हो रही है और दूसरी तरफ यहां पर गंदगी डालने वाले लोगों को हटाया नहीं जा रहा इसके पीछे क्या राज है यह तो नगर कौंसिल के अधिकारी ही बता सकते हैं।
कार्यकारी अधिकारी ने नहीं उठाया फोन
इस मामले संबंधी और अधिक जानकारी लेने के लिए जब नगर कौंसिल जीरकपुर के कार्यकारी अधिकारी अशोक पथरिया को फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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