क्या अत्यधिक मोबाइल का प्रयोग मनुष्य के जीवन को प्रभावित तो नहीं कर रहा
आज आधुनिकता और मोबाइल/स्मार्टफोन के युग में मनुष्य का जीवन चक्र बहुत अधिक गतिमान हो गया है। एक और स्मार्टफोन के अत्यधिक लाभ हैं। आज घंटों का कार्य मिनटों में ओर मिनटों कर कार्य सेकंडों में हो रहा है। सरलता के साथ साथ स्पष्टता और कुशलता में वृद्धि हुई है लेकिन दूसरी और इसके मनुष्य के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़े हैं। आज छोटे छोटे बच्चे इसका शिकार होकर आँखों की दृष्टि खो चुके हैं। कहा गया है आवश्यकता अविष्कार की जननी है तो दूसरी और अधिकता विनाश का कारण बनती है। भौतिकतावाद के इस युग में सड़कों पर, गाड़ियों में, मेट्रो में, बसों में हर स्थान पर लोगों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। इस भीड़ में लोगों के हाथ में मोबाइल उनके जीवन का बहुत अधिक महत्वपूर्ण भाग बन चुका है। सड़कों पर लोग कान पर मोबाइल और अब तो ईयर फोन/हेडफोन और ब्लूटूथ आ चुके हैं जो लगाकर सड़क पर लोग प्राय: प्रयोग करते हुए मिलेंगे। माना आज मनुष्य के लिए मोबाइल फोन का प्रयोग बहुत ही आवश्यक है लेकिन यह मनुष्य के जीवन से अधिक महत्वपूर्ण नहीं है। आज सड़कों पर दुर्घटना का मुख्य कारण मोबाइल फोन का प्रयोग बनता जा रहा है जो राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो द्वारा भी दर्शाया गया है। इतना ही नहीं कानों में लीड लगा कर दुपहिया वाहन चलाना और भी खतरनाक है। प्राय: युवा इसका प्रयोग अधिक करते हैं। बड़े वाहनों के चालक भी इसका प्रयोग करते हैं। होता ऐसा है कि कानों में ईयर फ़ोन लगे हैं और आसपास क्या हो रहा है चालक को पता ही नहीं लगता। अनेक बार किसी से वार्तालाप हो रहा होता है और व्यक्ति दूसरे विचार में रहकर सड़क दुर्घटना का कारण बन जाता है। यह मोबाइल दूसरी ओर लोकसेवा में लगे व्यक्तियों के जीवन को भी प्रभावित करता है।
यह सत्य है कि बहु-तकनीकी के इस युग में मोबाइल, कंप्यूटर, इंटरनेट और संचार माध्यम के बिना जीवन रसहीन सा होकर रह जाएगा। बिना मोबाइल, स्मार्टफोन और संसाधन के बिना के जीवन की कल्पना करना आज के परिप्रेक्ष में कैसा लगेगा। पहले भीं तो लोग इनके बिना जीते थे और बहुत ही बढ़िया जीवन जीते थे लेकिन आज समय की मांग है। ऐसे में हरियाणा में पुलिस के कर्मचारियों को डयूटी के समय मोबाइल आदि के प्रयोग को प्रतिबंधित किया गया है। ऐसा सुनना बहुत ही अटपटा सा लगता है लेकिन वास्तविकता में यह बहुत ही आवश्यक कार्य हुआ है और हरियाणा प्रथम राज्य बना है जहां पर पुलिस को कर्तव्य पालन के समय अपना मोबाइल थाना प्रभारी के पास जमा करना होगा। सत्य तो यह है पुलिस का काम जनता की सेवा सुरक्षा और सहयोग करना है। यदि डयूटी के समय पुलिस कर्मी के पास मोबाइल होगा तो यह उसके कर्तव्य पालन में निश्चित रूप से बाधा उत्पन्न होगी क्योंकि यह एक ऐसा साधन है जिसमें यदि एक बार मन लग गया तो घंटों का पता ही नहीं लगता। इसमें व्यक्ति उलझ सा जाता है और कई-2 घंटे व्यतीत हो जाते हैं। पुलिस का कार्य तो बहुत ही महत्वपूर्ण है और कहावत है- सावधानी हटी दुर्घटना घटी। बहुत बार थोड़ी सी असावधानी ही समस्या का कारण बन सकती है। इसीलिए हरियाणा पुलिस पुलिस महानिदेशक द्वारा यह बहुत ही उचित निर्णय लिया गया है जिसे अन्य राज्यों में भी लागू करने की आवश्यकता है।
दूसरी ओर केवल पुलिस ही क्यों अन्य सभी विभागों में भी यह नियम बनाने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य और चिकित्सा के साथ साथ परिवहन और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभागों में भी इस पर नियम बनाने की आवश्यकता है।
लेखक- डॉ अशोक कुमार वर्मा, 90531-15315
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