कुंभकर्ण टेक्नोलॉजी का जानकार : यूपी गवर्नर का अजीबोगरीब दावा 6 महीने सोने की बात झूठ, रावण ने ..
उत्तर प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को एक अजीबोगरीब बयान देकर सबको हैरान कर दिया। लखनऊ में एक समारोह के दौरान, उन्होंने लंका के राक्षस कुंभकर्ण को लेकर एक सनसनीखेज दावा किया। गवर्नर पटेल के मुताबिक, कुंभकर्ण केवल एक राक्षस नहीं, बल्कि एक टेक्नोक्रेट (तकनीकी विशेषज्ञ) था। उनका कहना था कि कुंभकर्ण 6 महीने सोता नहीं था, बल्कि गुप्त रूप से यंत्रों और तकनीकी उपकरणों पर काम करता था।
गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने दावा किया कि कुंभकर्ण की सोने की जो प्रसिद्ध कहानी है, वह पूरी तरह से गलत है और रावण ने यह अफवाह फैलायी थी। उनके अनुसार, कुंभकर्ण का असली काम यंत्रों और तकनीकी विकास में था। रावण ने अपने भाई को एक गुप्त मिशन पर रखा था, जिसमें उसे 6 महीने तक काम करना था और लोगों से छिपकर नए उपकरण विकसित करने थे।
पटेल ने कहा, “हमारे सामने यह सवाल उठाया गया है कि कुंभकर्ण 6 महीने सोता रहता था और 6 महीने जागता था। क्या यह सच है? नहीं, यह सच नहीं है। कुंभकर्ण एक टेक्नोक्रेट था, वह तकनीक जानता था। रावण ने उसे आदेश दिया था कि वह 6 महीने तक अपने यंत्रशाला में ही काम करे और बाहर न आए। ताकि उसकी तकनीक दूसरे देशों तक न पहुंचे।”
गवर्नर के अनुसार, रावण ने जानबूझकर यह अफवाह फैलाई थी कि कुंभकर्ण सोता रहता था, ताकि उसकी तकनीकी खोजों की जानकारी छुपी रहे।
यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कई लोग गवर्नर के इस दावे को बेहद अजीब और अविश्वसनीय मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे महज एक ऐतिहासिक संदर्भ में मजाक के रूप में देख रहे हैं।
क्या सच में कुंभकर्ण था एक टेक्नोक्रेट?
हालांकि, महाकाव्य “रामायण” में कुंभकर्ण का चित्रण एक विशाल, सोने वाला राक्षस के रूप में किया गया है, जिसने अपनी नींद के कारण युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में देरी की। लेकिन गवर्नर के बयान ने इस पर नई परत चढ़ा दी है। क्या यह आधुनिक समय में एक मजेदार व्याख्या है या यह एक ऐतिहासिक सत्य का नाया रूप है, यह सवाल अब तक उठ रहा है।
इस अजीबोगरीब बयान पर राजनीति और सोशल मीडिया में चर्चा तेज हो गई है, और लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि इस बयान का उद्देश्य क्या था और यह कैसे जनता के बीच तूल पकड़ेगा।
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