सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट को उड़ाने की धमकी, मथुरा ईदगाह केस में पाकिस्तान से आया वॉट्सऐप मैसेज
मथुरा, 19 नवंबर 2024। सोमवार रात को श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष और शाही ईदगाह मामले के पक्षकार आशुतोष पांडे को पाकिस्तान से बम से सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट को उड़ाने की धमकी भरे वॉट्सऐप मैसेज प्राप्त हुए। यह धमकी मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले की सुनवाई से ठीक पहले आई थी, जब आशुतोष पांडे को पाकिस्तान के नंबर से छह वॉइस मैसेज और एक कॉल प्राप्त हुई।
आशुतोष पांडे ने दावा किया कि ये धमकियां पाकिस्तान के नंबर से भेजी गई थीं और इनमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट को उड़ाने की धमकी दी गई थी। धमकी में कहा गया था, “तेरे हाईकोर्ट को क्या, सुप्रीम कोर्ट को भी उड़ा देंगे। हिंदुस्तान के सभी बड़े मंदिरों को उड़ा देंगे।” इसके बाद एक और मैसेज में 19 नवंबर की सुबह प्रयागराज रेलवे स्टेशन और हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी दी गई।
यह धमकी श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले की सुनवाई से पहले मिली, जिसमें आशुतोष पांडे ट्रस्ट के अध्यक्ष होने के नाते पक्षकार हैं। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार दोपहर 2 बजे से सुनवाई होने वाली थी। पिछले कुछ महीनों से इस मामले को लेकर विवाद बढ़ गया है और राजनीतिक दबाव भी बना हुआ है।
आशुतोष पांडे ने बताया कि उन्होंने इस घटना की जानकारी शामली पुलिस को दी और धमकी भरे मैसेज को संबंधित अधिकारियों को मेल कर दिया। इसके अलावा, आशुतोष पांडे ने 13 नवंबर को भी ऐसी ही धमकियां मिलने की जानकारी दी थी, जब उन्हें पाकिस्तान से 22 ऑडियो रिकॉर्डिंग मिली थीं। उन रिकॉर्डिंग्स में हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी।
यह पहली बार नहीं है जब आशुतोष पांडे को धमकी मिली हो। इससे पहले भी कई बार उन्हें वॉट्सऐप कॉल और मैसेज के जरिए जान से मारने की धमकी दी जा चुकी है। जनवरी 2024 में उन्हें मथुरा के जैंत थाने में भी इसी तरह की धमकी दी गई थी, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी। इसके बाद फरवरी और मार्च में भी धमकियां मिलने के बाद आशुतोष ने विभिन्न स्थानों पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
इस नए धमकी मामले ने श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह केस की सुनवाई को और संवेदनशील बना दिया है। इस केस में हिंदू पक्ष की मांग है कि शाही ईदगाह मस्जिद को श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के स्थान से हटाया जाए, जबकि मुस्लिम पक्ष इसे एक ऐतिहासिक स्थल मानते हुए अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए अलग-अलग सुनवाई की मांग करता है।
अब देखना यह होगा कि धमकी मिलने के बावजूद कोर्ट में आज की सुनवाई पर क्या असर पड़ता है और इस मामले की कानूनी प्रक्रिया में आगे क्या घटनाएं घटित होती हैं।
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