दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक, AQI 500 पार, 22 ट्रेनें लेट, नोएडा में दुर्घटनाओं से 2 की मौत
दिल्ली और NCR में बढ़ते प्रदूषण के कारण मंगलवार को हालात गंभीर हो गए। दिल्ली के विभिन्न इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 के पार पहुंच गया, जो इस सीजन का सबसे खराब आंकड़ा था। प्रदूषण के कारण मंगलवार को दिल्ली और आसपास के इलाकों में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, खासकर विजिबिलिटी के कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ गईं और यातायात प्रभावित हुआ। साथ ही, कई ट्रेनें भी देरी से चलने लगीं।
दिल्ली में प्रदूषण की वजह से शहर का औसत AQI 494 तक पहुंच गया था, जो इस मौसम का सबसे ज्यादा था और “गंभीर” श्रेणी में आता है। इस बढ़ते प्रदूषण ने लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल कर दिया और सार्वजनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। दिल्ली के आसपास के शहरों जैसे नोएडा, गुरुग्राम और आगरा में भी स्थिति काफी गंभीर रही, जहां धुंध और प्रदूषण के कारण दृश्यता बेहद कम हो गई।
दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने पहले ही 10वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन मोड में तब्दील कर दिया था। इसके बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद 11वीं और 12वीं कक्षाओं को भी ऑनलाइन करने का आदेश दिया गया। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU), जामिया मिलिया इस्लामिया (JNU) और जामिया के कॉलेजों में 4 दिनों तक ऑनलाइन कक्षाएं चलाने का निर्णय लिया गया है।
प्रदूषण को लेकर सरकार के कदम
इस बीच, दिल्ली और NCR में प्रदूषण से निपटने के लिए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने 18 नवंबर से नए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू किया। इसके तहत, बच्चों, बुजुर्गों, दिल और सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है। इस नए GRAP में गंभीर प्रदूषण स्तर के लिए अधिक सख्त नियम लागू किए गए हैं।
नोएडा में सड़क दुर्घटनाएं और दो की मौत
प्रदूषण और धुंध का असर नोएडा में भी देखने को मिला। मंगलवार सुबह नोएडा के ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर कई सड़क दुर्घटनाएं हुईं। घने कोहरे और कम विजिबिलिटी के कारण एक ट्रक डिवाइडर से टकरा गया, जिसके बाद इसके पीछे चल रही चार एसयूवी कारें और कुछ बाइकें भी आपस में टकरा गईं। इस दुर्घटना में दो बाइक सवारों की मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हो गए।
ट्रेनों के शेड्यूल में बदलाव और देरी
दिल्ली में प्रदूषण के कारण रेलवे यातायात भी प्रभावित हुआ। 22 ट्रेनें देरी से चल रही हैं, और 9 ट्रेनों के शेड्यूल को फिर से निर्धारित किया गया है। प्रदूषण के कारण रेलवे ट्रैक पर भी धुंध और खराब दृश्यता की समस्या उत्पन्न हुई, जिसके कारण ट्रेनें अपने निर्धारित समय से काफी देर से चल रही हैं।
दिल्ली सरकार ने कृत्रिम बारिश की मांग की
प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने की मांग की है। राय ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बहुत गंभीर हो चुकी है और इससे निपटने के लिए आर्टिफिशियल रेन (कृत्रिम बारिश) की जरूरत है। राय ने इसे मेडिकल इमरजेंसी बताते हुए कहा कि सरकार को इस पर शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए ताकि नागरिकों की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हो सके।
सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रदूषण पर सख्ती दिखाई
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह स्टेज 4 के प्रतिबंधों को बिना अदालत की अनुमति के हटाने की कोशिश न करे। अदालत ने यह भी कहा कि भले ही AQI 450 से नीचे चला जाए, लेकिन GRAP स्टेज 4 के प्रतिबंध तब तक नहीं हटाए जाएंगे जब तक कोर्ट इस पर फैसला नहीं लेता। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से प्रदूषण नियंत्रण के लिए जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की अपेक्षा की है।
प्रदूषण के कारण पर्यटन उद्योग भी प्रभावित
आगरा में भी प्रदूषण का असर देखने को मिला, जहां ताजमहल देखने पहुंचे पर्यटकों को धुंध और प्रदूषण के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ताजमहल की स्पष्टता और सुंदरता पर प्रदूषण का असर पड़ा, और पर्यटकों को ज्यादा समस्या हो रही थी।
दिल्ली में वाहनों के खिलाफ कार्रवाई
दिल्ली परिवहन विभाग ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण एक्शन लेते हुए 1 अक्टूबर से 15 नवंबर तक 2,234 पुरानी गाड़ियों को जब्त किया है। इनमें 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल और पेट्रोल गाड़ियां शामिल हैं। विभाग का कहना है कि इन गाड़ियों का स्क्रैपिंग या बिक्री के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है, ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
आखिरकार प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारण
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ने के मुख्य कारणों में पराली जलाना, वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण, और औद्योगिक प्रदूषण शामिल हैं। पराली जलाने से दिल्ली और आसपास के राज्यों में 37% प्रदूषण बढ़ता है, जबकि वाहनों से 12% और फैक्ट्रियों से 44% पीएम 2.5 और पीएम 10 कण वातावरण में फैलते हैं।
इन सभी कारणों से प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ चुका है कि इसे एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के रूप में देखा जा रहा है। दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार दोनों को इस स्थिति से निपटने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!