तिरुपति मंदिर बोर्ड ने लिए कई बड़े फैसले, गैर-हिंदुओं के तबादले, राजनीतिक भाषणों पर प्रतिबंध, एआई से भीड़ नियंत्रण की योजना
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की बोर्ड बैठक मंगलवार को संपन्न हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस बैठक में टीटीडी के नए अध्यक्ष बीआर नायडू के नेतृत्व में भगवान श्री वेंकटेश्वर मंदिर के प्रबंधन से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इनमें से कुछ फैसले धार्मिक और प्रशासनिक दृष्टि से काफी विवादास्पद रहे हैं।
टीटीडी ने इस बैठक में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन के समय को घटाने के लिए एक्सपर्ट पैनल गठित करने का निर्णय लिया है, ताकि भक्तों को लंबी कतारों में खड़ा न रहना पड़े। साथ ही, बोर्ड ने तिरुपति में मंदिर दर्शन के दौरान भीड़ नियंत्रण के लिए एआई और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल करने का भी प्रस्ताव रखा। इस तकनीकी समाधान के जरिए मंदिर में भक्तों की भीड़ को सुव्यवस्थित करने का प्रयास किया जाएगा, जिससे दर्शन का समय भी कम हो सके।
गैर-हिंदू कर्मचारियों का तबादला
टीटीडी ने मंदिर में कार्यरत गैर-हिंदू कर्मचारियों के मामले में भी बड़ा फैसला लिया। टीटीडी ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि मंदिर में कार्यरत ऐसे कर्मचारियों को अन्य सरकारी संस्थानों में स्थानांतरित किया जाए या फिर उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) की पेशकश की जाए। अधिकारियों के अनुसार, मंदिर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वहां काम करने वाले सभी कर्मचारी टीटीडी के धार्मिक और आध्यात्मिक मूल्यों के अनुरूप हों।
विशेष दर्शन कोटा समाप्त
टीटीडी ने विशेष प्रवेश टिकटों के जारी होने में कथित अनियमितताओं को लेकर शिकायतों की गहन जांच के बाद विभिन्न राज्यों के आंध्र प्रदेश पर्यटन निगम के दर्शन कोटा को समाप्त करने का फैसला लिया है। इस निर्णय का उद्देश्य मंदिर में दर्शन व्यवस्था को पारदर्शी और समान बनाना है, ताकि किसी भी प्रकार की धांधली या पक्षपाती व्यवस्था से बचा जा सके।
राजनीतिक भाषणों पर प्रतिबंध
एक और अहम निर्णय के तहत, टीटीडी ने मंदिर परिसर में राजनीतिक भाषणों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि अब से तिरुमाला में दर्शन के बाद किसी भी राजनीतिक नेता या व्यक्ति को मंदिर परिसर में भाषण देने की अनुमति नहीं होगी। यदि कोई नेता या उनके प्रचारक ऐसा करते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। टीटीडी ने इस फैसले को धार्मिक स्थानों की पवित्रता और अपवित्रता से बचाने के लिए लिया है।
प्रसाद की गुणवत्ता में सुधार
इस बैठक में प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर भी निर्णय लिया गया। बोर्ड ने विशेष रूप से तिरुपति के प्रसिद्ध लड्डू के लिए बेहतर गुणवत्ता वाले घी की खरीद को लेकर नई निविदाएं जारी करने का विचार किया है। इस कदम से प्रसाद की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है, जो पहले भी भक्तों और श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का विषय रहा है।
नकद पुरस्कार में वृद्धि
टीटीडी ने 4 से 13 अक्टूबर तक आयोजित वार्षिक ब्रह्मोत्सवम के दौरान विशेष सेवाएं प्रदान करने वाले कर्मचारियों के लिए 10 प्रतिशत नकद पुरस्कार बढ़ाने का भी निर्णय लिया है। यह निर्णय कर्मचारियों के योगदान को मान्यता देने और उन्हें प्रेरित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
निजी बैंकों से राशि स्थानांतरित करने का फैसला
टीटीडी के कुछ सदस्यों ने चिंता जताई थी कि संस्था की जमा राशियों को निजी बैंकों में रखा जा रहा था। इस पर बोर्ड ने निर्णय लिया कि अब से टीटीडी अपनी सभी जमा राशियों को निजी बैंकों से निकालकर सरकारी बैंकों में स्थानांतरित करेगा। इससे वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा और सरकारी बैंकों के साथ मजबूत संबंध बनेंगे।
आगे की योजना और दृष्टिकोण
टीटीडी ने आने वाले दिनों में मंदिर के संचालन में और सुधार लाने के लिए कई अन्य कदम उठाने की योजना बनाई है। इनमें प्रमुख रूप से मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सख्त करना, भक्तों के लिए सुविधाएं बढ़ाना और तिरुपति के आसपास के इलाकों में पर्यटन और धर्मिक गतिविधियों को बढ़ावा देना शामिल है।
इस बैठक के बाद से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि टीटीडी अब अपनी व्यवस्था को और अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनाएगा, और साथ ही धार्मिक और आध्यात्मिक मूल्यों के अनुरूप संचालन सुनिश्चित करेगा।
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