झांसी मेडिकल कॉलेज में आग की भीषण घटना: 10 नवजातों की दर्दनाक मौत, 39 बच्चों को बचाया गया
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट (SNCU) में शुक्रवार रात आग लगने से बड़ा हादसा हो गया। इस त्रासदी में 10 नवजातों की मौत हो गई, जबकि 39 बच्चों को खिड़कियां तोड़कर बाहर निकाला गया। हादसे का मुख्य कारण ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है।
आग बुझाने में असफलता: फायर एक्सटिंग्विशर था एक्सपायर
हादसा रात करीब 10:30 बजे हुआ। जब आग बुझाने की कोशिश की गई, तो अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) चार साल पहले ही एक्सपायर हो चुका था और काम नहीं कर पाया। वार्ड में आग तेजी से फैल गई, जिससे बच्चों को बचाने में मुश्किलें बढ़ गईं।
सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और तत्काल उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए। मृतकों के परिजनों को 5 लाख और घायलों के परिजनों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गई। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मौके पर पहुंचकर जांच के लिए तीन स्तरीय प्रक्रिया शुरू करने की बात कही।
परिजनों का रोष और अस्पताल प्रशासन पर सवाल
घटना के बाद परिजनों ने मेडिकल कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ने बच्चों की जान ली। सुरक्षा उपकरण ठीक से काम नहीं कर रहे थे, और डॉक्टर तथा नर्स घटना के समय मौके से भाग गए।
आग की बड़ी लापरवाहियां
- अग्निशमन यंत्र का रखरखाव न होना।
- फायर अलार्म सिस्टम का निष्क्रिय रहना।
- SNCU वार्ड में प्रवेश और निकास का एक ही रास्ता होना, जिससे धुएं के बीच बचाव मुश्किल हो गया।
जांच और कार्रवाई के आदेश
सरकार ने 24 घंटे के भीतर प्राथमिक जांच रिपोर्ट मांगी है। मजिस्ट्रेट, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन की ओर से जांच की जा रही है। यदि लापरवाही पाई गई, तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
इस त्रासदी ने न केवल झांसी, बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और प्रशासन इस घटना से सीख लेकर भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाते हैं।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!