सर्वपितृ अमावस्या 1 या 2 अक्टूबर को ? मंडरा रहा है सूर्य ग्रहण का साया,
कैसे होगा श्राद्ध…
सर्व पितृ अमावस्या पर बन रहे हैं 3 शुभ योग : पं. रामकिशन महाराज
तोशाम दीपक माहेश्वरी
सर्व पितृ अमावस्या यानी वो दिन जब सारे पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है। इस बार अमावस्या पर सूर्य ग्रहण भी है। ऐसे में पितरों का श्राद्ध कर्म कैसे होगा। इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए तोशाम के प्राचीन छपारिया हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित रामकिशन महाराज ने बताया कि भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से अश्विन माह की अमावस्या तक पितृ पक्ष रहता है। ये 15 दिन पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करने का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि यमराज साल में इन 15 दिनों के लिए पितरों को पृथ्वी पर जाने की अनुमति देते हैं।
पितर धरती पर आकर अपने वंशज से अन्न-जल ग्रहण करते हैं, इससे उन्हें सद्गति प्राप्त होती है। पंडित रामकिशन महाराज के अनुसार पितृ पक्ष का सबसे अहम दिन माना जाता है सर्व पितृ अमावस्या, इस दिन पितरों को विदा किया जाता है।
अबकी बार सर्व पितृ अमावस्या 1 या 2 अक्टूबर को ?
पंडित रामकिशन महाराज ने बताया कि पंचांग के अनुसार सर्व पितृ अमावस्या 1 अक्टूबर को रात 09 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और 3 अक्टूबर को प्रात: 12 बजकर 18 मिनट पर इसका समापन होगा। उन्होंने बताया कि हिंदू धर्म में अमावस्या उदयातिथि से मान्य होती है, ऐसे में इस साल 2 अक्टूबर को उदयातिथि अनुसार अमावस्या मान्य होगी।
सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का साया….
प्राचीन छपारिया हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित रामकिशन महाराज ने बताया कि इस साल सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का साया मंडरा रहा है। सूर्य ग्रहण 1 अक्टूबर को रात में 9 बजकर 40 मिनट से 2 अक्टूबर की मध्य रात्रि 3 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। हालांकि ये सूर्य ग्रहण रात में लगेगा इसलिए भारत में ये दिखाई नहीं देगा। ऐसे में सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण के कारण तर्पण और श्राद्ध कर्म में बाधा नहीं आएगी।
सर्व पितृ अमावस्या पर बन रहा है शुभ संयोग….
पंडित रामकिशन महाराज ने बताया कि इस साल सर्व पितृ अमावस्या के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं। ब्रह्म योग का प्रारंभ प्रात: काल से होकर अगले दिन 3 अक्टूबर को प्रात: 3 बजकर 22 मिनट तक है। उसके बाद इंद्र योग लगेगा, साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से लगेगा, जो 3 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 15 मिनट तक है, जोकि बहुत ही शुभ है।
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