तोशाम मैं होगी परिवारों के बीच जंग, ऐसे में बंसीलाल का सियासी वारिश कौन होगा?
हरियाणा विधानसभा चुनाव में तोशाम सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है। हर किसी की नजर इस सीट पर टिकी हुई है भाई बहन आमने-सामने होने वाले हैं। एक तरफ बीजेपी ने किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को तो दूसरी ओर कांग्रेस ने अनिरुद्ध चौधरी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। यह सीट चौधरी बंसीलाल की विरासत वाली सीट मानी जाती है।
आपको बता दे कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव 5 अक्टूबर को होने वाले हैं। चुनाव में राज्य के तीन मशहूर ‘लाल’ के कई सगे-संबंधी भी मैदान में उतरे हुए हैं और उनमें से कुछ के एक दूसरे के खिलाफ भी नजर आएंगे। 1966 में हरियाणा को अलग राज्य का रूप दिया गया था और तभी से इसकी राजनीति तीन मशहूर लालों के आसपास घूमती हुई दिखाई दी है- भजनलाल, देवीलाल और बंसीलाल। अब इन प्रमुख परिवारों के सदस्यों को भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, इनेलो और जेजीपी ने विधानसभा चुनाव में टिकट दी है। ऐसे में कई सदस्य परिवार के आमने-सामने एक दूसरे का विरोध करते हुए दिखाई देंगे। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे ही राजनीतिक लड़ाई हर एक सीट पर अलग मोड लेती हुई नजर आ रही है। इसी कड़ी में तोशाम विधानसभा सीट पर चचेरे भाई-बहन आमने सामने मैदान में उतारे गए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने श्रुति चौधरी को टिकट दिया तो वहीं कांग्रेस पार्टी ने उनके चचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी को टिकट सोपा है।
परिवार में हुई जंग
अनिरुद्ध चौधरी पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल के पोते और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष रणबीर महेंद्रा के बेटे हैं। अनिरुद्ध भी बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष रह चुके हैं और श्रुति चौधरी किरण चौधरी की बेटी है। किरण चौधरी की बताएं तो वह पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र चौधरी की पत्नी हैं। बंसीलाल और सुरेंद्र चौधरी का निधन हो चुका है। लोकसभा चुनाव के दौरान किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी टिकट न मिलने के कारण भाजपा में जाकर शामिल हो गई। हालांकि, किरण चौधरी पहले तोशाम सीट से विधायक भी रही थी। अब बंसीलाल के पोते और पोती दोनों ही चुनावी मैदान में एक दूसरे के सामने खड़े हुए हैं। ऐसे में जीत किसकी होगी यह दिलचस्प सवाल है, जिसका जनता को भी बेसब्री से इंतजार है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी से टिकट ना मिलने से बागी हुए पूर्व विधायक शशिरंजन परमार भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में तोशाम सीट पर कांटे की टक्कर होने वाली है।
आखिर तोशाम सीट ही क्यों?
ऐसे में एक सवाल खड़ा होता है कि आखिर तोशाम सीट ही क्यों? दोनों भाई बहन इसी सीट से चुनाव क्यों लड़ना चाहते हैं? तोशाम विधानसभा सीट चौधरी बंसीलाल की परंपरागत सीट मानी जाती है। पहले बंसीलाल भी इस सीट से 7 बार चुनाव लड़ चुके हैं और 6 बार विधायक बनने में सफल भी हुए। इसके बाद उनके बेटे सुरेंद्र चौधरी ने भी इसी सीट से 4 बार चुनाव लड़ा, जिसमें से वह तीन बार सफल भी हुए। पर 2005 में उनका निधन हो गया और उनके बाद इस सीट कि कमान उनकी पत्नी ने संभाली यानि वह भी इसी सीट से विधायक बनी। इस तरह तोशाम सीट पर चौधरी बंसीलाल की सियासी विरासत को लेकर भाई-बहन एक दूसरे के खिलाफ मैदान में है। अब इन परिवार का जो भी समर्थन करता है उनका वोट बट जाएगा। ऐसे में जीत किसकी होगी?
श्रुति चौधरी या अनिरुद्ध चौधरी किसका पंजा है मजबूत?
जाहिर सी बात है तोशाम विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी श्रुति चौधरी का मजबूत पक्ष यह है कि उनकी मां किरण चौधरी और पिता सुरेंद्र सिंह तीन-तीन बार विधायक रह चुके हैं। अगर बात अनिरुद्ध चौधरी की करे तो वह बंसीलाल के इकलौते पोते है, ऐसे में हनुमान लगाया जा रहा है कि बंसीलाल परिवार का परंपरागत वोट उनके साथ आ सकता है। पर किरण चौधरी के पीछे नहीं हटेंगी और उनका पंचा इस सीट पर मजबूत माना जाता है। श्रुति चौधरी बीजेपी पार्टी की तरफ से मैदान में उतारी गई है तो जाहिर सी बात है गैर जाट वोट उनके पक्ष में है पर जाट मतदाताओं का वोट उनके खिलाफ ज्यादा हुआ नजर आएगा। एक सप्ताह विरोधी लहर का सामना श्रुति चौधरी को करना पड़ सकता है।
हालांकि, अनिरुद्ध चौधरी भी पहली बार ही चुनाव लड़ेंगे। इलाके के जाट मतदाता भी अनिरुद्ध के पक्ष में मतदान कर सकते हैं, पर कमजोर पक्ष यह भी है कि अनिरुद्ध पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे है। ऐसे में देखना यह होगा कि बंसीलाल का असली सियासी वारिश कौन बनेगा? एक बात यह भी है कि ऐसा दूसरी बार होगा जब बंसीलाल की पीढ़ी के सदस्य एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। 1998 में भी श्रुति के पिता सुरेंद्र सिंह ने अनिरुद्ध के पिता महेंद्र सिंह को भिवानी लोकसभा सीट से हराया था।
श्रुति चौधरी ने शुरू किया चुनाव प्रचार
मुकाबला की टक्कर देखते हुए स्तुति चौधरी का चुनाव प्रचार शुरू हो चुका है। सोमवार को श्रुति चौधरी ने करीब एक दर्जन गांव में जनसंपर्क अभियान चलाया। यहां तक की गांव की महिलाओं ने श्रुति चौधरी के स्वागत के लिए लोकगीत भी गाए। उन्होंने किसान वोट को अपनी तरफ करने के लिए पिटारा खोलते हुए कहां है कि प्रति एकड़ 2 हजार देने का मामला हो या न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का, किसानों को हर प्रकार की सहायता दी जा रही है।
श्रुति चौधरी के खिलाफ चुनाव लड़ने पर अनुरोध ने क्या कहा?
अपनी बहन के खिलाफ चुनाव लड़ने पर अनिरुद्ध चौधरी ने कहा कि हम दोनों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। यह चुनाव तोशाम की जनता भाजपा के खिलाफ लड़ रही है। उन्होंने आमने-सामने होने पर यह भी कहा कि “ये पार्टी तय करेगी पर मैं अपनी बहन की इज्जत करता हूं। मैं घमंड नहीं करुंगा, पर तोशाम में चुनाव भाजपा वर्सेज़ जनता का होगा और मैं जीतूंगा।”
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