घग्गर नदी के कॉजवे पर भारी वाहनों के कारण लग रहा जाम, प्रशासन की लापरवाही से बढ़ा खतरा
मुबारिकपुर के पास बहने वाली घग्गर नदी को पार करने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से एक पक्की सड़क का निर्माण किया गया था, जिसे केवल हल्के वाहनों के लिए ही उपयोगी माना गया था। भारी वाहनों के प्रवेश को रोकने के लिए सड़क के दोनों ओर ओवरहेड बैरिकेड्स लगाए गए, परंतु खनन माफियाओं ने अपनी सुविधा के लिए इन्हें कई बार नष्ट कर दिया। प्रशासन ने बार-बार बैरिकेड्स की मरम्मत की, लेकिन समस्या जस की तस बनी रही।
हाल ही में, प्रशासन ने केवल एक तरफ बैरिकेड लगाया, जिससे दूसरी तरफ से आने वाले भारी वाहनों के लिए बड़ा संकट उत्पन्न हो गया। भारी वाहनों के यहां पहुँचने पर उन्हें वापस मुड़ने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिलती, जिससे कॉजवे पर लंबा जाम लग जाता है। शाम के समय यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
लोगों ने बताया कि पिछले साल बाढ़ के दौरान इस पक्की सड़क के नीचे से मिट्टी खिसकने से सड़क कमजोर हो गई थी। सनौली की तरफ की सड़क पर भी पानी भर गया था, जिससे कॉजवे के अस्तित्व पर खतरा पैदा हो गया था। इसके बावजूद, प्रशासन की लापरवाही के कारण भारी वाहन अभी भी इस क्षेत्र से गुजर रहे हैं, जो कॉजवे के लिए खतरा बने हुए हैं।
हालांकि जीरकपुर से डेराबस्सी की ओर जाने वाली साइड पर बैरिकेड लगा है, परंतु जीरकपुर से आने वाले भारी वाहनों को रोकने के लिए कोई बैरिकेड नहीं लगाया गया है। परिणामस्वरूप, भारी वाहन कॉजवे के ऊपर चढ़ जाते हैं और आगे पहुँचने पर बैरिकेडिंग के कारण रास्ता बंद पाते हैं। इससे जाम की समस्या उत्पन्न होती है, और भारी वाहन को वापस मुड़ने में मुश्किल होती है, जिससे कॉजवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से दूसरी तरफ भी बैरिकेड लगाने की मांग की है ताकि कॉजवे सुरक्षित रह सके और जाम की समस्या का समाधान हो सके।
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