कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की कोशिश, UP ATS और पुलिस की जांच में जुटी
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में शनिवार रात एक बड़ी रेल दुर्घटना टल गई, जब कुछ अज्ञात तत्वों ने कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने का प्रयास किया। इस मामले में ट्रेन को रोकने वाले लोको पायलट की सतर्कता के कारण हादसा होते-होते बच गया। ट्रेन को रोकने के बाद, मौके से पुलिस को एक एलपीजी सिलेंडर, पेट्रोल से भरी कांच की बोतल, माचिस, और बारूद जैसे खतरनाक सामान मिले। इस घटना की जांच में यूपी ATS और अन्य सुरक्षा एजेंसियां जुट गई हैं।
यह घटना कानपुर के अनवरगंज-कासगंज रेलवे लाइन पर बर्राजपुर और बिल्हौर स्टेशन के बीच रात लगभग 8:30 बजे हुई। कालिंदी एक्सप्रेस, जो अनवरगंज से कासगंज जा रही थी, अचानक ट्रैक पर रखे एक एलपीजी सिलेंडर से टकरा गई। लोको पायलट ने ट्रैक पर कुछ संदिग्ध सामान देखकर तुरंत ब्रेक लगाई, लेकिन ट्रेन सिलेंडर से टकरा ही गई, जिससे ज़ोरदार आवाज़ हुई। इसके बाद ट्रेन को रोक दिया गया और तुरंत रेलवे अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई।
मौके पर मिले खतरनाक सामान
रेलवे अधीक्षक और RPF की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और इलाके की तलाशी ली। तलाशी के दौरान झाड़ियों से पुलिस को एक एलपीजी सिलेंडर, पेट्रोल से भरी बोतल, माचिस, और बारूद जैसे कई संदिग्ध वस्तुएं मिलीं। फॉरेंसिक टीमों ने भी मौके पर पहुंचकर सबूत जुटाए और उन्हें जांच के लिए भेजा।
जांच में जुटी एजेंसियां
इस गंभीर मामले की जांच के लिए ATS (आतंकवाद विरोधी दस्ता) और कानपुर तथा लखनऊ की अन्य एजेंसियों की टीमें भी मौके पर पहुंच गईं। अधिकारियों ने बताया कि घटना की जांच कई एंगल से की जा रही है, जिसमें आतंकी साजिश का शक भी शामिल है। कानपुर पुलिस के अनुसार, इस मामले में सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है।
जमातियों पर शक?
मकनपुर के हजरत बदीउद्दीन जिंदा शाह की मजार के पास यह घटना घटित होने से पुलिस ने जमातियों को भी जांच के दायरे में लिया है। मजार पर देश-विदेश से जमातियों का आना-जाना लगा रहता है, जिसके चलते पुलिस यह जांच कर रही है कि कहीं बाहरी लोगों ने तो इस साजिश को अंजाम नहीं दिया। वहीं, मिठाई के डिब्बे में मिले पेट्रोल और बारूद की भी जांच की जा रही है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत पांच टीमों का गठन किया है, जो इस घटना की तह तक जाने का प्रयास कर रही हैं। इसके साथ ही, दो हिस्ट्रीशीटरों को भी हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे प्रयास
यह कोई पहली घटना नहीं है जब कानपुर या उसके आसपास ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश की गई हो। इससे पहले 16-17 अगस्त की रात को कानपुर-झांसी रूट पर साबरमती एक्सप्रेस (19168) के 22 डिब्बे इंजन समेत पटरी से नीचे उतर गए थे। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। इसके अलावा, 24-25 अगस्त की रात को फर्रुखाबाद में भी कासगंज-फर्रुखाबाद एक्सप्रेस को डिरेल करने का प्रयास किया गया था, जिसे लोको पायलट की सतर्कता से रोका जा सका था।
इस पूरी घटना ने उत्तर प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। यह सवाल उठता है कि लगातार हो रही इन घटनाओं के पीछे क्या कोई बड़ी साजिश है या कुछ और? फिलहाल, जांच एजेंसियां इस गुत्थी को सुलझाने में जुटी हैं।
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