दिल्ली पुलिस ने कहा, पूजा खेडकर का डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट फर्जी
दिल्ली पुलिस ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में एक महत्वपूर्ण स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसमें पूर्व आईएएस प्रशिक्षु पूजा खेड़कर पर दिव्यांगता प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा करने का गंभीर आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, खेड़कर ने सिविल सेवा परीक्षा में ओबीसी और दिव्यांगता कोटे का अनुचित लाभ उठाने के लिए कथित तौर पर फर्जी प्रमाण पत्र का उपयोग किया।
स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया कि खेड़कर ने अहमदनगर, महाराष्ट्र की मेडिकल अथॉरिटी द्वारा जारी दो दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे, जिसमें उन्हें बहुविकलांगता का दावा किया गया था। हालांकि, उक्त प्रमाण पत्र की सत्यता की जांच के दौरान अहमदनगर की मेडिकल अथॉरिटी ने इन प्रमाण पत्रों को जारी करने से इंकार कर दिया।
अहमदनगर सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा प्राप्त उत्तर में कहा गया है कि “दिव्यांगता प्रमाण पत्र (बहुविकलांगता) संख्या MH2610119900342407 हमारी रिकॉर्ड के अनुसार जारी नहीं किया गया है। इस प्रकार, प्रमाण पत्र के फर्जी और निर्मित होने की संभावना अधिक है।”
इस रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली उच्च न्यायालय को इस मामले में महत्वपूर्ण निर्णय लेना है। यह रिपोर्ट पुलिस की दूसरी स्टेटस रिपोर्ट है। पहली रिपोर्ट में पुलिस ने दावा किया था कि पूजा खेड़कर को ओबीसी और नॉन-क्रीमी लेयर आरक्षण का लाभ लेने का कोई अधिकार नहीं था और इस मामले में एक सोची-समझी साजिश की गई थी।
यूपीएससी ने भी खेड़कर के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। इस बीच, पूजा खेड़कर ने अपनी अयोग्यता के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, जिसमें उनका कहना है कि एक बार चयनित और नियुक्त होने के बाद यूपीएससी के पास उन्हें अयोग्य ठहराने का अधिकार नहीं है।
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