चंडीगढ़-मनाली फोरलेन पर भूस्खलन: बारिश का अलर्ट जारी, सामान्य से 24% कम बरसे बादल
हिमाचल प्रदेश – मंडी में चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर बीती रात 9 मील और 6 मील के पास फिर से भूस्खलन हुआ, जिससे हाईवे करीब 9 घंटे तक बंद रहा। सुबह 10 बजे के आसपास यातायात के लिए इसे वन-वे किया जा सका। इस दौरान दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और सड़क दलदल में तब्दील हो गई, जिसमें एक ट्रक फंस गया था।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने चेतावनी दी कि हिमाचल प्रदेश में आज और कल के लिए मानसून एक्टिव रहेगा। शिमला के अधिकतर क्षेत्रों में सुबह से ही मौसम खराब बना हुआ है और घनी धुंध छाई रही, जिससे विजिबिलिटी 50 मीटर से भी कम हो गई थी। शिमला में बीच-बीच में हल्की बूंदाबांदी भी हुई और शाम के करीब जोरदार बारिश देखने को मिली।
9 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट
मौसम विभाग ने चंबा, किन्नौर और लाहौल स्पीति को छोड़कर हिमाचल प्रदेश के 9 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में तेज बारिश की संभावना जताई गई है। हालांकि, 4 सितंबर से प्रदेश में मौसम के साफ होने का अनुमान है। बीते 3 दिनों से हिमाचल के ज्यादातर हिस्सों में मौसम साफ रहा है, लेकिन मानसून की सक्रियता के साथ फिर से स्थिति बदल गई।
कमजोर मानसून और कम बारिश
हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून शुरुआत से ही कमजोर रहा है। अब तक सामान्य से 24% कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, 1 जून से 1 सितंबर तक राज्य में 618.9 मिलीमीटर सामान्य बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन इस बार केवल 471.1 मिलीमीटर ही बारिश हुई है। शिमला जिले को छोड़कर अन्य सभी जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। शिमला में इस सीजन में सामान्य से 10% ज्यादा बारिश हुई है, जबकि लाहौल स्पीति में 73% और कांगड़ा में 8% कम बारिश हुई है।
प्राकृतिक आपदाओं की मार
प्रदेश में मानसून के दौरान बादल फटने और बाढ़ की 51 घटनाएं हुई हैं। भूस्खलन की 40 बड़ी घटनाओं से प्रदेश को भारी नुकसान पहुंचा है। इस दौरान 176 घर पूरी तरह ढह गए, जबकि 483 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। सरकारी और निजी संपत्ति को कुल मिलाकर 127 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अब तक 274 लोगों की मौत हो चुकी है और 30 लोग लापता हैं।
इस कमजोर मानसून ने हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ जन-जीवन और संपत्ति पर गंभीर प्रभाव डाला है।
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