भूपेंद्र हुड्डा पर ED का शिकंजा कसने की तैयारी: मनी लॉन्ड्रिंग केस में 834 करोड़ की संपत्ति कुर्क
हरियाणा विधानसभा चुनाव के माहौल में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हुड्डा और अन्य आरोपियों की 834 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। इन संपत्तियों में गुरुग्राम और दिल्ली के 20 गांवों की जमीनें शामिल हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग में हुड्डा का नाम
भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (DTCP) के तत्कालीन डायरेक्टर त्रिलोक चंद गुप्ता के साथ मिलकर सस्ती दरों पर जमीनें खरीदीं और सरकार को भारी नुकसान पहुंचाया। इस घोटाले में शामिल कंपनियों में मेसर्स ईमार इंडिया लिमिटेड (EMAAR) और MGF डेवलपमेंट लिमिटेड प्रमुख हैं।
छह साल पहले शुरू हुई थी CBI जांच
यह मामला 2017 में तब सामने आया जब CBI ने 1,417 एकड़ भूमि के अधिग्रहण में अनियमितताओं को लेकर हुड्डा और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया। इसके बाद हुड्डा के घर और कई बिल्डर्स के परिसरों पर छापेमारी की गई। इस घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट ने CBI को सौंपी थी, जिसके बाद कई प्रमुख कॉलोनाइजर कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हुई।
कुर्क की गई संपत्तियां: गुरुग्राम और दिल्ली में फैली
ED द्वारा जब्त की गई 834 करोड़ रुपये की संपत्तियां गुरुग्राम और दिल्ली के 20 गांवों में स्थित हैं। इस घोटाले में जमीन मालिकों को जबरन उनकी जमीनें सस्ते दामों पर बेची गईं, जिससे उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ।
मानेसर लैंड डील: हुड्डा से 7 घंटे तक चली थी पूछताछ
इससे पहले जनवरी 2024 में भी ED ने मानेसर लैंड डील केस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा से चंडीगढ़ में 7 घंटे तक लंबी पूछताछ की थी। यह मामला 2004-2007 के दौरान गुरुग्राम में 1,500 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले से जुड़ा हुआ है। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में हुड्डा को तलब किया था।
क्या चुनाव में पड़ेगा असर?
हरियाणा में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच भूपेंद्र हुड्डा पर ED की इस कार्रवाई का कांग्रेस पार्टी पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना होगा। हुड्डा राज्य में कांग्रेस के प्रमुख चेहरा हैं और यह मामला उनके चुनावी अभियान को बड़ा झटका दे सकता है।
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