सपने हुए साकार: 50 साल बाद कबाड़ी की किस्मत चमकी, निकली ढाई करोड़ की लॉटरी
67 वर्षीय प्रीतम सिंह ने 500 रुपए में खरीदा था लॉटरी का टिकट।
लॉटरी निकली पत्नी के नाम से खरीदे गए टिकट पर।
जीवनभर कबाड़ बेचने वाले प्रीतम सिंह बने करोड़पति।
पंजाब के जालंधर जिले के आदमपुर कस्बे में एक ऐसा चमत्कार हुआ जिसने सबको हैरान कर दिया। 67 वर्षीय प्रीतम सिंह, जो जीवनभर कबाड़ी का काम करते रहे, उनकी ढाई करोड़ रुपए की लॉटरी निकल आई है। यह लॉटरी उन्होंने सिर्फ 500 रुपए में खरीदी थी, और वह भी अपनी पत्नी अनीता जग्गी के नाम से। प्रीतम सिंह की यह कहानी उन लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणा है, जो अपनी किस्मत पर भरोसा करते हैं और कभी हार नहीं मानते।
प्रीतम सिंह ने बताया कि वह पिछले 50 सालों से लॉटरी का टिकट खरीद रहे हैं, लेकिन आज तक किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया था। पहली बार उन्होंने 1 रुपए में लॉटरी का टिकट खरीदा था, और तब से लगातार टिकट खरीदते आ रहे हैं। इस बार उन्होंने राखी के मौके पर 500 रुपए में एक टिकट खरीदा, जिसका नंबर 452749 था। रविवार की सुबह जब उन्होंने अखबार में देखा, तो उन्हें पता चला कि उनकी लॉटरी निकल चुकी है।
प्रीतम सिंह को पहले तो इस खबर पर यकीन नहीं हुआ। लेकिन जब लॉटरी एजेंसी से फोन आया, तब उन्हें विश्वास हुआ कि उनकी किस्मत सचमुच चमक गई है। इस खबर ने प्रीतम और उनके परिवार को खुशी से झूमने पर मजबूर कर दिया।
प्रीतम सिंह ने अपनी जीत पर कहा कि वह इस पैसे से न केवल अपनी ज़रूरतें पूरी करेंगे, बल्कि समाजसेवा में भी 25 प्रतिशत हिस्सा दान करेंगे। उन्होंने कहा, “मैंने जीवनभर मेहनत की है, लेकिन अब जब किस्मत ने साथ दिया है, तो समाज को कुछ वापस देने का समय आ गया है।”
प्रीतम सिंह का जीवन कभी आसान नहीं रहा। कबाड़ बेचकर उन्होंने अपना और अपने परिवार का गुजारा किया। उनका एक बेटा भी है जो उनके साथ इस काम में हाथ बंटाता है। हालांकि, प्रीतम सिंह ने कभी अपनी गरीबी को अपने सपनों के आड़े नहीं आने दिया। उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया कि मेहनत और धैर्य का फल जरूर मिलता है, भले ही उसमें वक्त लगे।
प्रीतम सिंह ने बताया कि उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा सपना अब जाकर पूरा होगा। वह अब अपना घर और दुकान बनवा पाएंगे। 50 सालों की मेहनत के बाद आखिरकार प्रीतम सिंह की किस्मत ने उन्हें जीवनभर की सबसे बड़ी खुशी दी है।
प्रीतम सिंह की कहानी उन लोगों के लिए एक मिसाल है जो जीवन में कभी हार नहीं मानते। यह दिखाता है कि धैर्य, उम्मीद और लगातार प्रयास से जीवन में कभी न कभी किस्मत का दरवाजा जरूर खुलता है।
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