क्यों खाते हैं श्रद्धालु जन्माष्टमी के दिन मथुरा के ही पेड़े !
जन्माष्टमी पर मथुरा में रेलवे और रोडवेज की क्या है तैयारी
मथुरा-वृंदावन में जन्माष्टमी की धूम : करोड़ों का कारोबार, विशेष व्यवस्थाएं और ऐतिहासिक आयोजनों की झलक
200 से ज्यादा स्पेशल ट्रेनें जन्माष्टमी पर चलाएगा रेलवे
150 से ज्यादा स्पेशल रोडवेज बसें चलाएगी उत्तर प्रदेश सरकार
जलाभिषेक, मंगला आरती, और 5251 दीपों का प्रकाश: मथुरा-वृंदावन की तैयारियों का विशेष विवरण
मथुरा और वृंदावन में जन्माष्टमी का पर्व इस बार ऐतिहासिक रूप से मनाया जा रहा है। मथुरा में भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर आज 26 अगस्त 2024 को जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाएगा, जबकि वृंदावन में यह पर्व 27 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। इस मौके पर मथुरा-वृंदावन की नगरी पूरी तरह से सजी-धजी है और लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार है।
जलाभिषेक और मंगला आरती : श्रीकृष्ण के जन्म का विशेष आयोजन
भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा में जन्माष्टमी के दिन रात 12 बजे लड्डू गोपाल का विधिपूर्वक जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की जाएगी। इस अवसर पर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। वहीं, वृंदावन में 27 अगस्त को जन्माष्टमी के दिन बांके बिहारी मंदिर में विशेष मंगला आरती का आयोजन किया जाएगा। यह मंगला आरती वर्ष में एक बार ही होती है, और इसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। इस अवसर पर मंदिर परिसर में अत्यधिक भीड़ होने की संभावना है, और भक्तों के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
रोप-वे की सौगात: बरसाना में उड़न खटोले का आनंद
जन्माष्टमी के पावन अवसर पर, मथुरा में उत्तर प्रदेश का तीसरा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पहला 210 मीटर लंबा रोप-वे का लोकार्पण होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बरसाना में इस रोप-वे का उद्घाटन करेंगे, जिससे श्रद्धालुओं को अब 350 सीढ़ियां चढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी। रोप-वे के माध्यम से केवल 7 मिनट में ब्रह्मांचल पर्वत पर स्थित श्रीजी के दर्शन किए जा सकेंगे। यह रोप-वे न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक नई सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
जन्माष्टमी की पूर्व संध्या: 5251 दीपों की रोशनी और ठाकुरजी का विशेष श्रृंगार
रविवार, 26 अगस्त की शाम को भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित की जाने वाली पोशाक को गाजे-बाजे के साथ ले जाया जाएगा, और इस अवसर पर रविवार को 7 बजे 5251 दीप जलाए गए । इसके साथ ही भगवान श्रीकृष्ण का 5251वां जन्म महोत्सव शास्त्रीय विधि और मंदिर परंपरा के अनुसार भाद्रपद कृष्ण अष्टमी पर मनाया जाएगा। इस बार ठाकुरजी को पद्मकान्ति पुष्प बंगले में विराजमान किया जाएगा और वे सोम-चंद्रिका पोशाक धारण करेंगे।
ठाकुरजी का जन्माभिषेक: गऊ द्वारा विशेष अभिषेक
ठाकुरजी का जन्माभिषेक कामधेनु स्वरूपा गऊ द्वारा रात 12:10 बजे से रात 12:25 बजे तक किया जाएगा। यह विशेष आयोजन मथुरा के धार्मिक महत्व को और अधिक बढ़ाता है और भक्तों के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रस्तुत करता है।
सुरक्षा व्यवस्था: हर 100 मीटर पर तैनात रहेंगे पुलिस जवान
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मथुरा-वृंदावन में विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। श्री कृष्ण जन्मस्थान के आसपास के क्षेत्र में 3 जोन और 17 सेक्टर बनाए गए हैं। प्रत्येक जोन के प्रभारी अपर पुलिस अधीक्षक, और सेक्टर के प्रभारी सीओ को नियुक्त किया गया है। यहां करीब ढाई हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही केंद्रीय सुरक्षा बल, ATS, बम निरोधक दस्ता और LIU के जवान भी तैनात किए गए हैं। मुख्य चौराहों पर पुलिस जवानों के साथ-साथ ट्रैफिक पुलिस सिपाही भी तैनात रहेंगे।
रेलवे और रोडवेज की विशेष व्यवस्थाएं
जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा-वृंदावन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे और उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं। देशभर से 200 से ज्यादा स्पेशल ट्रेनें मथुरा जंक्शन और मथुरा कैंट स्टेशन पर पहुंचेंगी। इन ट्रेनों के लिए मथुरा जंक्शन और मथुरा कैंट स्टेशन पर अतिरिक्त टिकट काउंटर बनाए गए हैं। रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा और खाने-पीने की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भी विशेष कदम उठाए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने मथुरा में 150 से ज्यादा स्पेशल रोडवेज बसें चलाने का निर्णय लिया है, जो दिल्ली, आगरा, हरियाणा, राजस्थान सहित अन्य स्थानों के यात्रियों के लिए उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, वृंदावन बस स्टैंड से भी देश के कई हिस्सों के लिए बसें चलाई जाएंगी।
मथुरा-वृंदावन आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मार्गदर्शन
मथुरा में तीन प्रमुख बस अड्डे हैं—नया बस अड्डा, पुराना बस अड्डा और गोकुल रेस्टोरेंट बस अड्डा। यहां से श्रद्धालु दिल्ली, आगरा, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, कासगंज, बरेली, हाथरस, अलीगढ़, और मध्य प्रदेश जैसे विभिन्न स्थलों के लिए बसें पकड़ सकते हैं। वृंदावन बस स्टैंड से चंडीगढ़, पटियाला और उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों के लिए भी बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
मथुरा में जन्माष्टमी पर करोड़ों का कारोबार: पेड़े से लेकर श्रृंगार तक की भव्य तैयारियां
जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा में इस बार करोड़ों रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है। मथुरा-वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर जो तैयारियां की गई हैं, उन्होंने इस पूरे क्षेत्र को एक व्यावसायिक केंद्र में बदल दिया है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक वस्त्र, श्रृंगार सामग्री, पेड़े, और अन्य पूजा सामग्रियों की बिक्री में जबरदस्त वृद्धि हो रही है।
पेड़े का व्यापार: 500 करोड़ से अधिक की उम्मीद
मथुरा में जन्माष्टमी के दिन पेड़े का खास महत्व है। यहां की परंपरा के अनुसार, व्रत रखने वाले श्रद्धालु मथुरा के पेड़े से ही व्रत तोड़ते हैं। इस साल, केवल पेड़े के व्यापार से 500 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की उम्मीद है। मथुरा के स्थानीय बाजारों में पेड़े की मांग इतनी बढ़ गई है कि आपूर्ति के लिए बाहर से भी पेड़े मंगवाए जा रहे हैं।
श्रृंगार सामग्री और झूलों का करोड़ों का व्यापार
मथुरा-वृंदावन में भगवान कृष्ण के विभिन्न रूपों के लिए विशेष श्रृंगार सामग्री की भी बड़ी मांग है। बांके बिहारी मंदिर में होने वाले विशेष श्रृंगार के लिए भक्तों ने करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। इसके अलावा, वृंदावन के बाजारों में सजावट के लिए इस्तेमाल होने वाले झूलों का भी करोड़ों रुपये का व्यापार हुआ है। विदेश में बसे भारतीय भी ऑनलाइन माध्यम से इन झूलों और श्रृंगार सामग्री को मंगवा रहे हैं, जिससे लगभग 100 करोड़ रुपये का कारोबार ऑनलाइन ही हो चुका है।
धर्मशालाओं और होटलों की बुकिंग से व्यापार में उछाल
मथुरा-वृंदावन में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 4000 से अधिक होटल और धर्मशालाओं की बुकिंग पूरी तरह से भर चुकी है। इनकी बुकिंग से भी व्यापार में भारी वृद्धि हुई है। कई होटलों और धर्मशालाओं ने इस दौरान अपने किराए में भी वृद्धि की है, जिससे पर्यटन उद्योग को भी बड़ा लाभ होने की संभावना है।
रिटेल मार्केट और स्थानीय कारीगरों को मिला बढ़ावा
जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर मथुरा के रिटेल मार्केट में भी भारी उछाल देखने को मिल रहा है। विशेषकर कारीगरों द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प, कपड़े, और पूजा सामग्री की मांग आसमान छू रही है। इससे न केवल मथुरा बल्कि आसपास के क्षेत्रों के कारीगरों को भी बड़ा आर्थिक लाभ मिल रहा है।
धार्मिक पर्व के साथ आर्थिक उन्नति
जन्माष्टमी का पर्व मथुरा में न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आर्थिक गतिविधियों का भी एक प्रमुख केंद्र बन गया है। स्थानीय व्यापारियों से लेकर बड़े-बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान तक, सभी को इस पर्व से बड़ा लाभ हो रहा है। इस बार मथुरा में जन्माष्टमी के दौरान करोड़ों रुपये का व्यापार होने की उम्मीद है, जो इस पवित्र नगरी की आर्थिक उन्नति में सहायक सिद्ध हो रहा है।
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