बिजनौर में किसान एक्सप्रेस हादसा: 13 डिब्बे लेकर 4 किमी आगे निकला इंजन, 8 डिब्बे पीछे छूटे
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में रविवार सुबह एक गंभीर हादसा हुआ जब किसान एक्सप्रेस (13307) दो हिस्सों में बंट गई। हादसे के दौरान ट्रेन की स्पीड 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा थी। यह घटना मुरादाबाद के स्योहारा और धामपुर स्टेशन के बीच तड़के करीब 4 बजे हुई, जब ट्रेन का इंजन 13 बोगियों को लेकर 4 किलोमीटर आगे निकल गया, जबकि 8 डिब्बे पीछे छूट गए। इस हादसे के पीछे की वजह S3 और S4 डिब्बों को जोड़ने वाली कपलर का टूटना बताया जा रहा है।किसान एक्सप्रेस झारखंड के धनबाद से पंजाब के फिरोजपुर की ओर जा रही थी। चकरामल गांव के पास ट्रेन के S3 और S4 डिब्बों को जोड़ने वाली कपलर अचानक टूट गई, जिससे ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई। गार्ड ने तुरंत इस घटना की सूचना ट्रेन ड्राइवर और रेलवे अधिकारियों को दी।
किसान एक्सप्रेस झारखंड के धनबाद से पंजाब के फिरोजपुर की ओर जा रही थी। चकरामल गांव के पास ट्रेन के S3 और S4 डिब्बों को जोड़ने वाली कपलर अचानक टूट गई, जिससे ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई। गार्ड ने तुरंत इस घटना की सूचना ट्रेन ड्राइवर और रेलवे अधिकारियों को दी।
इस दौरान ट्रेन में सवार ज्यादातर यात्री सो रहे थे। अचानक हुए इस हादसे के बाद ट्रेन के यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। जैसे ही यात्रियों को पता चला कि उनके डिब्बे इंजन से अलग हो गए हैं, उनमें घबराहट फैल गई। ट्रेन में मौजूद पुलिस भर्ती परीक्षा के कई अभ्यर्थियों ने इस घटना के बाद हंगामा करना शुरू कर दिया।
रेलवे की त्वरित कार्रवाई: हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे की एक टीम तुरंत मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर करीब 1 घंटे की मशक्कत के बाद सभी डिब्बों को फिर से जोड़ दिया। हालांकि, S4 बोगी को तकनीकी समस्या के कारण रोक लिया गया और उसे ट्रेन से नहीं जोड़ा जा सका। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सभी यात्री सुरक्षित हैं और उन्हें वैकल्पिक साधनों से उनके गंतव्य तक भेजा गया
जांच और रेल यातायात बहाल: मुरादाबाद रेल डिवीजन के सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने बताया कि कपलर टूटने की वजह से ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई थी। उन्होंने कहा कि इस हादसे की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं। यह जांच की जाएगी कि कपलर किसी मैटेरियल डिफेक्ट के कारण टूटा या फिर इसके पीछे कोई और वजह थी।
रेलवे अधिकारियों ने तीन घंटे के अंदर ट्रैक को फिर से बहाल कर दिया और ट्रेन को सुरक्षित तरीके से रवाना कर दिया गया। हादसे के कारण उत्पन्न हुई असुविधा के बावजूद, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने त्वरित कदम उठाए।
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