17 साल की उम्र तक कराया स्तनपान, जानिए किस उम्र तक कराए स्तनपान
सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें एक 17 साल का लड़का अपनी मां का दूध पीता हुआ नजर आ रहा है। वायरल हो रहे इस वीडियो ने स्तनपान को लेकर कई सारे सवाल खड़े कर दिए। सबसे पहले तो क्या ऐसा करना समाज में सही है या गलत? और एक महिला आखिर कितने समय तक अपने बच्चों को दूध पिला सकती है?
प्रेरणा ढिंगरा
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने सबको हिला कर रख दिया है। समाज के लिए भी इसने कई सारे सवाल खड़े कर दिए हैं। 17 साल का लड़का इस उम्र में भी आखिर अपनी मां के दूध का सेवन क्यों करना चाहता है? स्तनपान माता और शिशु दोनों के लिए कई कारणों से फायदेमंद है, जैसे कि स्तन का दूध पोषक तत्वों की सही मात्रा प्रदान करता है और यह माता और नवजात शिशु के बीच लगातार जुड़ाव सुनिश्चित करता है। अब ऐसे में कितनी बार बच्चे को स्तनपान करवाना चाहिए इस बात की जानकारी होना भी जरूरी है। इन सब सवालों की जानकारी से आप यह तय कर सकते हैं कि कितनी उम्र तक ब्रेस्टफीडिंग करवानी चाहिए और कितनी बार करनी चाहिए यहां तक की ब्रेस्टफीडिंग करवाना जरूरी क्यों है इस बात का भी पता होना आवश्यक है।
जानिए स्तनपान करवाने की सही उम्र
स्तन दूध में जीवन के पहले 6 महीनों में शिशुओं के सामान्य स्वस्थ विकास और वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है । इसमें सभी पोषण होते हैं और यह बच्चे के पहले वर्ष के दौरान सबसे महत्वपूर्ण भोजन होता है। लगभग छह महीने की उम्र तक बच्चे के आहार में प्रोटीन, जिंक और आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल होना चाहिए, जबकि पोषण का प्राथमिक स्रोत स्तन का दूध ही रहना चाहिए। पर आप कम या ज़्यादा समय तक स्तनपान कराने का फ़ैसला करती हैं या नहीं, यह आप और आपके परिवार पर निर्भर करता है। क्योंकि एक मां ही जानती है उसके और उसके बच्चे के लिए सबसे ज्यादा जरूरी क्या है।
बच्चों का दूध किस उम्र में छुड़वाना है सही?
सबसे पहले तो स्तनपान रोकने की कोई सही उम्र नहीं होती है। कई लोग 6 महीने बाद दूध पिलाना बंद कर देते हैं तो कई लोग 2 साल तक भी अपने बच्चों को स्तनपान करवाना जारी रखते हैं। ऐसे में बस तरीका ही काम आ सकता है। आपके बच्चे की उम्र और स्तन को चूसने की ज़रूरत के आधार पर, आप उसे कप या बोतल से दूध पिलाना शुरू कर सकती हैं। अगर आप बोतल से दूध पिलाने का फ़ैसला करती हैं, तो आपके बच्चे को खुद का दूध छुड़ाना होगा।
हमेशा याद रखें ब्रेस्टफीडिंग एकदम से कभी भी बंद ना करें और अगर आप यह करते हैं तो आपके बच्चे को यह बदलाव अपनाने में मुश्किल होगी।
हमेशा धीरे-धीरे स्तनपान करवाने की आदत को छुड़वाए। पूरे दिन में कभी बोतल से तो कभी खुद का दूध पिलाकर बच्चे का पेट भरे। अचानक दूध पिलाना बिल्कुल बंद न कर दें। 1 महीने तक लगातार गैप देकर स्तनपान कराती रहें। यह आपके स्तनों के लिए अच्छा रहेगा। 6 महीने बाद वैसे भी बच्चा ऊपर का खाना शुरू कर देता है। अगर आपको अपने बच्चे को जल्दी से स्तनपान छुड़ाना है, तो अपने स्तनों की देखभाल के बारे में किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर या स्तनपान सलाहकार से बात करें। दूध छुड़ाना शुरू करने के कुछ हफ्ते या 1 महीना पहले ही इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
बच्चे को ठोस आहर देना कब शुरू करें?
अगर स्वास्थ्य पेशेवर की बात की जाए तो वह सिर्फ 6 महीने तक स्तनपान कराने की सलाह देते हैं, दूसरे 6 महीनों में धीरे-धीरे उचित खाद्य पदार्थों की शुरूआत और 2 साल या उससे अधिक समय तक स्तनपान जारी रखने को कहा जाता है। ठोस आहार देने के लिए सबसे पहले तो बच्चे के मन में खाने को लेकर रुचि जगानी होगी। यानी जब आप खाना खाने बैठते हैं तभी थोड़ा-थोड़ा उसे भी साथ खाना खिलाना शुरू कर दे। अपने शिशु के भोजन के प्रति तत्परता के बारे में अपनी मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य नर्स से सलाह भी जरूर ले।
कई बार बच्चे अपनी मां के दूध से जुड़े होते हैं। वे मां का दूध छोड़ना नहीं चाहते। यह उन्हें सुरक्षा और आराम का एहसास देता है। लेकिन जिस तरह चलना, दौड़ना और बोलना जरूरी है वैसे ही स्तनपान छुड़वाना भी विकास के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। जब बच्चा 12 महीने से अधिक उम्र का हो जाता है, तो गाय के एक कप दूध से उसके फीडिंग की शुरुआत कराई जा सकती है। यहां तक की बच्चों को 12 महीने के बाद फॉर्मूला मिल्क की भी जरूरत नहीं पड़ती है।
स्तनपान करवाना क्यों है जरूरी?
स्तनपान से आपको और आपके बच्चे को कई लाभ होते हैं। स्तनपान करवाना आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है यानि उनके अपरिपक्व पेट और आंतों के लिए इसे पचाना आसान होता है। आपके बच्चे के विकास के लिए इसमें वसा, चीनी, पानी, प्रोटीन और विटामिन की सही मात्रा मौजूद होती है।इसमें ऐसे पदार्थ होते हैं जो स्वाभाविक रूप से आपके बच्चे को आराम देते हैं। लैक्टोफेरिन और स्रावी IgA जैसे प्रोटीन आपके शिशु को संक्रमण से बचाते हैं। कार्बोहाइड्रेट, जैसे लैक्टोज, जो आपके बच्चे के पेट में बैक्टीरिया के स्वस्थ संतुलन को बनाए रखते हैं।
एक महिला को भी इससे कई सारे लाभ मिलते हैं जैसे की होता है ब्रेस्टफीडिंग आपको स्तन कैंसर , अंडाशयी कैंसर , एंडोमेट्रियल कैंसर, थायराइड कैंसर , ऑस्टियोपोरोसिस , टाइप 2 मधुमेह, हृदवाहिनी रोग, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल से बचाता है। स्तनपान से ऑक्सीटोसिन नामक हार्मोन बनता है और ऑक्सीटोसिन प्रसव के बाद आपके गर्भाशय को सिकुड़ने में मदद करता है। आप बोतल तैयार करने या फॉर्मूला मिलाने की चिंता किए बिना लगभग कहीं भी स्तनपान करा सकती हैं।
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