हरियाणा चुनाव से पहले राम रहीम को 21 दिन की फरलो
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिल गई है। मंगलवार सुबह राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आया और उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरनावा आश्रम पहुँच गया।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में हरियाणा सरकार को निर्देशित किया था कि राम रहीम को फरलो देने से पहले पूरी सोच-समझ कर निर्णय लिया जाए। इसके बाद सरकार ने शर्त रखी कि राम रहीम सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा नहीं जाएगा और पूरे 21 दिन बागपत आश्रम में रहेगा।
बरनावा आश्रम पहुंचकर राम रहीम ने एक 23 सेकंड का वीडियो जारी किया, जिसमें उसने अपने अनुयायियों से कहा, “प्यारी साध संगत जी, आपके दर्शनों के लिए फिर से हाजिर हुए हैं। आप अपने-अपने घरों में रहना है। किसी ने यहां नहीं आना। जैसे ही सेवादार-जिम्मेदार आपको बताएंगे, उसी हिसाब से सेवा करनी है। सबको बहुत-बहुत आशीर्वाद।”
इससे पहले, 10 अगस्त को हाईकोर्ट ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें बार-बार पैरोल या फरलो देने पर सवाल उठाए गए थे। हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इन मुद्दों पर निर्णय लेने में सक्षम है।
राम रहीम का चुनावों से पहले जेल से बाहर आना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी उसे विभिन्न चुनावों के समय फरलो या पैरोल मिल चुकी है। हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान भी उसने 14 दिन की पैरोल की मांग की थी, लेकिन हाईकोर्ट की सख्ती के कारण उसे पैरोल नहीं दी गई।
पिछले चुनावों में, विशेषकर 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव और 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में डेरा सच्चा सौदा का प्रभावी समर्थन रहा था। 2019 के चुनाव में भी बाबा की जेल में होने के बावजूद कई नेताओं और उम्मीदवारों को डेरा का समर्थन मिला था।
डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में राम रहीम और अन्य पांच लोगों को 2024 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था। 2002 में हुई इस हत्या में सीबीआई कोर्ट ने 2021 में राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इस फैसले को रद्द कर दिया।
इस घटनाक्रम से चुनावी माहौल में नया मोड़ आ सकता है, और राम रहीम की फरलो का राजनीतिक असर देखने को मिल सकता है।
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