नाग पंचमी बन रहा है तीन अद्भुत संयोग जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और मंत्र
नागपंचमी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है और इस दिन भगवान शिव बहुत ही प्रसन्न अवस्था में रहते हैं। इस दिन नागदेवता की पूजा करना शुभ माना जाता है। इस दिन नागदेवता को दूध और लावा चढ़ाने की परंपरा काफी समय से प्रचलित है। ऐसा करने सर्पदंश का भय दूर होता है और साथ ही आपके घर में आर्थिक समृद्धि भी बढ़ती है और मां लक्ष्मी खुद चलकर आपके द्वार पर आती हैं। नागपंचमी के दिन धन वृद्धि के उपाय करना बहुत ही कारगर माना जाता है। आपके घर में खुशहाली आती है और सभी कष्ट दूर होते हैं।
आचार्य पंडित सुधांशु तिवारी, (प्रश्न कुण्डली विशेषज्ञ/ज्योतिषाचार्य)
हिंदू धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व है। यह त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है। नाग पंचमी तिथि के दिन नाग देवता की विशेष पूजा का विधान है। साथ ही नागों का स्नान दूध से कराया जाता है। वहीं इस दिन लोग नागों का प्रतीक चित्र बनाकर पूजा करते हैं। मान्यताओं के अनुसार नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक शक्ति, मनोवांछित फल और अपार धन की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान शिव का आपको आशीर्वाद प्राप्त होता है।
साथ ही अगर ज्योतिष के दृष्टिकोण से देखें तो इस दिन कालसर्प दोष की पूजा होती है। मतलब जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष और राहु दोष होता है वो लोग इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं। इस साल नाग पंचमी का त्योहार 9 अगस्त को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं तिथि और शुभ मुहूर्त…
नाग पंचमी: सावन माह में नाग पंचमी 9 अगस्त 2024 को है. इस दिन सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि प्रात: 12.36 से शुरू होकर अगले दिन 10 अगस्त 2024 को प्रात: 03.14 पर समाप्त होगी
नाग पंचमी पर पूजा का मुहूर्त: नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा के लिए ढाई घंटे का शुभ मुहूर्त बन रहा है. 9 अगस्त को सुबह 06.01 से सुबह 08.38 मिनट में नाग देवता की पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा
नाग पंचमी पर दुर्लभ संयोग: लक्ष्मी नारायण योग – 9 अगस्त 2024 नाग पंचमी के दिन सिंह राशि में शुक्र और बुध युति से लक्ष्मी नारायण योग बनेगा. इस योग के प्रभाव से कभी भी धन की तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है. बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है
शश राजयोग – इस दिन शनि देव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहते हुए शश राजयोग का निर्माण करेंगे
सिद्ध योग – 8 अगस्त, दोपहर 12:39 – 9 अगस्त 2024, दोपहर 01:46, अगस्त 09
नाग देवता की पूजा क्यों होती है: सनातन धर्म में देवी-देवताओं का नागों के साथ संबंध काफ़ी पुराना रहा है जिसकी झलक हमें देवी-देवताओं के चित्रों में देखने को मिलती है. भगवान श्रीहरि विष्णु की शैय्या शेषनाग हैं और नाग देवता को ही शिव जी ने अपने गले में धारण किया है. ऐसे में नाग पंचमी का दिन नाग देवताओं को समर्पित है. इनकी आराधना से शिव, विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है
नाग पंचमी पूजा विधि: नाग पंचमी पर सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान करके साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लें। फिर भगवान शिव की आराधना करें और प्रतीकात्मक नाग बनाकर पूजा करें। नाग देवता की पूजा में फल, फूल, मिठाई और दूध अर्पित करें। वहीं अगर जन्मकुंडली में कालसर्प दोष हो तो व्यक्ति को नाग पंचमी के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना चाहिए। साथ ही इस दिन ब्राह्राण और जरूरतमदों को दान करना चाहिए। ऐसा करने से राहु- केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिल सकती है। वहीं नाग पंचमी के दिन व्यक्ति को व्रत रखना चाहिए।
नाग पंचमी का महत्व: नाग पंचमी का दिन बेहद शुभ है. जिन जातकों की कुंडली में काल सर्प दोष होता है, उनके लिए नाग पंचमी पर नाग पूजा करना फलदायी होता है और राहु-केतु से जुड़े दोषों के निवारण के लिए भी इस दिन को श्रेष्ठ माना जाता है
नाग पंचमी पूजा मंत्र
- सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः।
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥ - अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः।
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥ - ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।। –
- ॐ सर्पाय नमः
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!