हिमाचल और उत्तराखंड में कुदरत का कहर: बादल फटने से 2 की मौत, दर्जनों लापता, कई इमारतें ध्वस्त
हिमाचल प्रदेश में बीती रात तीन जगह बादल फटने से भारी तबाही मची है। कुल्लू, मंडी और रामपुर जिलों में यह कुदरती हादसा हुआ, जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। रामपुर के समेज खड्ड में बादल फटने के बाद कई घर और स्कूल बह गए, जिससे 2 लोगों की मौत हो गई और 51 लोग लापता हैं। SDRF और NDRF की टीमें मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
कुल्लू जिले के मलाणा में पार्वती नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया, जिसके चलते पावर प्रोजेक्ट 1 का डैम टूट गया। मनाली में भी सब्जी मंडी की 5 मंजिला इमारत ढह गई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई है।
उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा पर भी असर: उत्तराखंड के केदारनाथ और टिहरी गढ़वाल के घनसाली में भी बादल फटने की खबर है, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति घायल हो गया। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 30 मीटर लंबी सड़क धंसकर मंदाकिनी नदी में समा गई, जिससे 200 से अधिक यात्री फंस गए हैं। यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
भारी बारिश के चलते स्कूलों में छुट्टियां: धर्मशाला में भारी बारिश को देखते हुए अगले दो दिनों के लिए सभी स्कूलों में छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। मौसम विभाग ने अगले चार से पांच दिनों तक राज्य में भारी बारिश की चेतावनी दी है। दिल्ली और कर्नाटक के कुछ जिलों में भी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं, क्योंकि मौसम विभाग ने 24 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
दिल्ली में जलभराव और यातायात प्रभावित: राजधानी दिल्ली में भी बारिश का कहर जारी है। संसद, सुप्रीम कोर्ट और एम्स जैसे प्रमुख संस्थान जलमग्न हो गए हैं। कई इलाकों में पेड़ धराशायी हो गए, जिससे यातायात में बाधा आई। दिल्ली के कई इलाकों में जलभराव के कारण LG ने अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है।
उत्तरी भारत में जन-जीवन प्रभावित: उत्तराखंड के मंदाकिनी नदी के उफान पर आने से केदारनाथ यात्रा पर आए श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई। गौरीकुंड और सोनप्रयाग के होटलों को खाली करा लिया गया है और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। रुद्रप्रयाग के DM सौरभ गहरवार ने जानकारी दी कि यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
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