फतेहाबाद में कांवड़ियों का बवाल: स्कूल बस पर पत्थरबाजी, चालकों ने किया सड़कों पर हंगामा
बस में सवार बच्चे घबराकर बाहर निकल आए और इसके बाद कावडिय़ों ने वहां पड़े ईंट-पत्थर उठाकर बस पर मारने शुरू कर दिए। जो भी रास्ते में आता गया उस पर पत्थर मारे पर अभी तक किसी के घायल होने की खबर सामने नहीं आई है। इस हादसे के बाद हर तरफ अफरा तफरी का माहौल बन गया। कावड़ियों के वार से स्कूल के बच्चों की जान बाल बाल बची।
आपको बता दे कि सावन का महीना शुरू हो चुका है और हर तरफ भोलेनाथ की भक्ति में सब लोग लिन नजर आ रहे हैं। ऐसे में हरियाणा के फतेहाबाद में कावड़ियों ने स्कूल की बस पर हमला कर दिया और पत्थर बाजी शुरू कर दी। जिससे स्कूल के बच्चे डर गए और बस छोड़कर वहां से भाग निकले। इस पूरी स्थिति में स्कूल की बस के शीशे से लेकर जो भी रास्ते में आया उस पर कावड़ियों ने पत्थर मारे। दरअसल, कावड़ियों का एक जत्था हरिद्वार से कांवड़ भरकर रतिया होते हुए फतेहाबाद की तरफ जा रहा था और उस दौरान जत्था जब रतिया के टोहाना रोड से गुजर रहा था तब अकाल अकादमी की एक बस कांवड़ियों से चट हो गई। कावड़ियों को इस बात पर गुस्सा आया और भड़के हुए कावड़ियों ने बस पर हमला कर दिया।
हंगामें के बाद लगा जाम: हंगामा होने के बाद का कावड़िए आगे की तरफ चलने लगे पर घटना की सूचना मिलने के बाद स्कूल बस के चालक वहां पर पहुंच गए और जाम लगा दिया। हालांकि, मौके पर पहुंचे डीएसपी संजय बिश्नोई ने उन्हें समझाने की कोशिश की पर चालकों ने हंगामा करने वालों की गिरफ्तारी की मांग सामने रखी।
सावन के महीने में शिव भक्त निकालते हैं कावड़: सावन के महीने में शिव भक्त कांवड़ लेकर जाते हैं और पवित्र नदी से गंगाजल लाकर शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो इंसान कावड़ लेकर जाता है उसकी भगवान शिव सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। पर कावड़ जैसी पवित्र यात्रा को लोग अपने गुस्से से खराब कर देते हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब सावन के महीने में कावड़ियों ने किसी के ऊपर हमला किया हो या किसी तरीके का कोई हंगामा हुआ हो। क्या इन हादसों को कांवड़ियों की गुंडागर्दी कहा जा सकता है?
कावड़ियों की वजह से हुआ हंगामा: एक तरफ जहां भक्ति नजर आ रही है वहीं दूसरी तरफ कांवड़ियों का उत्पात भी नजर आ रहा है। सोमवार को मेरठ रोड पर दुहाई के पास सुबह मेरठ से दिल्ली लाइन पर कांवड़ियों के बीच घुसी पुलिस की गाड़ी में तोड़फोड़ की गई। इसके बाद कबाड़ियों ने कार को पलट दिया। लेकिन तोड़फोड़ के बाद कावड़िए मौके से फरार हो गए। इससे पहले भी यानी पिछले हफ्ते गाजियाबाद के मुरादनगर थाना क्षेत्र में रावली रोड के निकट कार की टक्कर लगने से एक कांवड़िए की कांवड़ खंडित हो गई। इसके बाद कबाड़ियों में गुस्सा इतना बढ़ गया कि उन्होंने कर चलने वाले इंसान को बाहर निकाल कर खूब पीटा। ऐसे कितने सारे हादसे आए दिन सुनने को मिल रहे हैं। कावड़ियों का गुस्सा, तोड़फोड़ और हर जगह बवाल की खबर सामने आ रही है। क्या इस गुस्से को शिव भक्ति कह सकते हैं? मारना पीटना या हमला कर देना क्या असली कावड़िए की पहचान है?
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