भाजपा नेता की दुकान इसलिए अफसर डर रहे कार्यवाही से
पंचकूला में खाद्य सुरक्षा अधिकारी केवल कागजों में मौजूद*
पिछले दिनों पंचकूला के पिंजौर स्थित रौनक स्वीट्स में कीड़े मिलने की घटना के बाद पंचकुला में खाद्य सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठ गए हैं। जानकारी के मुताबिक, पिछले खाद्य सुरक्षा अधिकारी गौरव का करीब आठ महीने पहले पंचकूला से ट्रांसफर होने के बाद उनकी जगह प्रेम सिंह को नियुक्त किया गया था। हालांकि, प्रेम सिंह ने पंचकूला में अपने कार्यभार संभालने के बावजूद अब तक किसी भी खाद्य सुरक्षा संबंधित कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया है। सूत्रों के अनुसार, प्रेम सिंह के पास पंचकूला के अतिरिक्त एक और जिले का कार्यभार है, जिससे उनकी उपस्थिति यहां पर प्रभावित हो रही है । और यह हाल तब है जब पंचकूला वीवीआईपी शहर में आता है । मुख्यमंत्री, मंत्री , विधानसभा स्पीकर तो यहां अक्सर होते ही है उसके साथ-साथ हरियाणा के लगभग सभी विभागों के मुख्यालय भी यही है ।
हाल ही में पंचकूला के पिंजौर स्थित रौनक स्वीट्स में एक ग्राहक द्वारा वायरल किए गए वीडियो में चाऊमीन में कीड़ा दिखने से हड़कंप मचा हुआ है। इस वीडियो की जानकारी मिलने पर खबरी प्रशाद अखबार ने रौनक स्वीट्स के मालिक तरसेम गुप्ता से संपर्क किया, लेकिन उनकी ओर से इस संबंध में सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं मिला । बल्कि जानकारी तो यहां तक मिली है कि जिस कस्टमर के द्वारा इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया गया था, उसको अपने राजनीतिक रसूल का इस्तेमाल करके या दबाव बनाकर उसके सोशल मीडिया अकाउंट से वह वीडियो भी अब हटवा दिया गया है ।
तरसेम गुप्ता की राजनीतिक पहचान
तरसेम गुप्ता भारतीय जनता पार्टी के कालका विधानसभा क्षेत्र के बड़े नेताओं में से एक हैं। उनकी राजनीतिक स्थिति को देखते हुए, प्रशासनिक अधिकारियों ने तीन दिन बाद भी रौनक स्वीट्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, जबकि वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
प्रशासनिक अधिकारियों को खबरी प्रशाद की टीम ने भेजा वीडियो
खबरी प्रशाद अखबार के आधिकारिक नंबर से पंचकुला के जिन अधिकारियों को वीडियो भेजा गया उनके नाम और समय नीचे दिए जा रहे ।
खबरी प्रशाद अखबार ने इस मामले की जानकारी कालका के एसडीएम लक्षित सरीन को भेजी। एसडीएम ने वीडियो देखने की बात कही, उनको वीडियो हमारी टीम के द्वारा सोमवार को सुबह 11:23 पर भेजा गया ।
लेकिन दो घंटे बाद संपर्क करने पर उन्होंने फोन नहीं उठाया । जबकि पहले उन्होंने कहा था वह समस्या समाधान कार्यक्रम में मौजूद है ।
पंचकूला के एडीसी सचिन गुप्ता को पहले व्यक्तिगत तौर पर वीडियो दिखाया गया उसके बाद उनके फोन पर भी वीडियो भेजा गया, लेकिन उन्होंने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। सचिन गुप्ता को वीडियो 11:34 पर भेजा गया ।
पंचकूला की सीटीएम मन्नत राणा ने समस्या समाधान शिविर के बाद अपने केबिन में व्यक्तिगत तौर पर वीडियो को देखा और कहा कि वह मामले की जानकारी डीसी साहब को देंगी । क्योंकि आज पंचकूला के उपायुक्त डॉक्टर यस गर्ग दफ्तर में मौजूद नहीं थे । उनकी जगह पर एडीसी सचिन गुप्ता मौजूद थे ।
वहीं, खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रेम सिंह से संपर्क की कोशिशें अब तक बेनतीजा रही हैं । उनका फोन उनके पंचकुला में ज्वाइन करने के बाद आज तक कभी नहीं उठा ।
पंचकूला के डिस्ट्रिक्ट लेवल ऑफिसर सुभाष से भी हमारी टीम ने संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। उनके फोन पर भी हमारे आधिकारिक नंबर से वीडियो भेजा गया । उनको वीडियो भेजने का समय रहा सुबह 11:40 मिनिट पर।
हमने डिस्ट्रिक्ट ऑफीसर सुभाष से संपर्क करने की कोशिश की परंतु उनकी तरफ से किसी प्रकार का कोई रिस्पांस फोन पर नहीं दिया गया। डिस्टिक ऑफीसर सुभाष को हमारी टीम ने सुबह 11:12 पर , फिर 11:50 पर उसके बाद 12:14 पर फोन किया मगर उन्होंने फोन उठाने के तो दूर दोबारा कॉल करने की भी जहमत नही उठाई। डिस्टिक ऑफीसर सुभाष के आधिकारिक नंबर पर भी हमारी टीम के द्वारा यह वीडियो भेजा गया है।
इस वीडियो को हमने जॉइंट कमिश्नर फूड सेफ्टी डी. के. शर्मा के व्हाट्सएप नंबर पर भी शेयर किया और उनसे बात की । उन्होंने इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह पूरी तरह से धांधली का मामला है और आज ही इस पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, पंचकूला में खाद्य सुरक्षा से संबंधित सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे ।
मुख्यमंत्री को शिकायत
इस वीडियो को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर भी शेयर किया गया है । साथ ही हरियाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ-साथ कई और अधिकारियों को भी यह वीडियो शेयर किया गया है , पर संभवत यह मामला भाजपा नेता से जुड़ा हुआ है जिसकी वजह से अब तक इस मामले पर कोई भी कार्यवाही नहीं हो रही है ।
त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है और पंचकूला में खाद्य सुरक्षा अधिकारी का ना होना एक बहुत बड़ा सवाल है जबकि पंचकूला वीवीआईपी शहर माना जाता है। यहां पर ज्यादातर समय मंत्री और मुख्यमंत्री मौजूद रहते हैं उसके बावजूद भी अगर पंचकूला जैसे वीवीआईपी शहर में खाद्य सुरक्षा अधिकारी का ना होना कहीं ना कहीं सिस्टम की कमी की तरफ भी इशारा करता है। और वर्तमान समय में अगर पंचकूला में देखा जाए तो हर चौक चौराहा के आसपास छोटी-छोटी गाड़ियों में घेवर की दुकान लग गई है किसी को नहीं पता कि यह घेवर कौन बना रहा है , कहां से आ रहा है , इनकी एक्सपायरी डेट क्या है अगर कभी इन घेवर को खाने के बाद में कोई व्यक्ति बीमार हो गया या कोई हादसा हो गया तो क्या प्रशासन उसके बाद ही कार्रवाई करेगा। अब यह देखना होगा कि पंचकूला में खाद्य सुरक्षा के मामले में जिला स्तर से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक की शिकायतों के बावजूद क्या कोई ठोस कार्रवाई होती है। या मामला भाजपा नेता का होकर ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
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