एक और ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त : मोदी सरकार को हादसा मंत्रालय और हादसा मंत्री बनाना चाहिए
हावड़ा मुंबई एक्सप्रेस की 18 बोगियों पटरी से उतरी , 3 की मौत
हादसों ने खोली सरकार की पोल, 1 साल में हुई कई रेल दुर्घटना
ट्रेन की हालत बता रही है हादसा कितना बड़ा है
पिछले 13 दिन में ये 7वां रेल हादसा है. जिम्मेदारी किसकी है, पता नहीं
दूसरे ट्रैक पर खाली-खड़ी मालगाड़ी से टकराई
शुरुआती जानकारी 20 से ज्यादा लोग घायल
भारतीय रेल अब सुरक्षित रेल नहीं रह गई है। लगातार रेल हादसों के बाद तो यही कहा जाने लगा है। 30 जुलाई मंगलवार की सुबह 4:00 बजे के आसपास मुंबई हावड़ा (12810) एक्सप्रेस की पांच बोगियों पटरी से उतर गई है। शुरुआती जानकारी के अनुसार यह ट्रेन के डिब्बे बगल में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गए जिसकी वजह से 20 से ज्यादा लोगों के घायल होने की शुरुआती खबर आ रही है।
हादसे के बाद से ही बचाव कार्य लगातार जारी है। मौके पर पटना से एसडीआरएफ की टीम भी बचाव कार्य में लगी हुई है। कुछ यात्रियों को बाहर निकाल लिया गया है जबकि कुछ कोच के अंदर फंसे हुए हैं। ऐसे ही दो यात्रियों को जब बचाव दल ने कोच काट कर बाहर निकाला तो दोनों मृत मिले।
लगातार हो रहे रेल हादसे के बाद लगता है सरकार को हादसा मंत्रालय और हादसा मंत्री की जरूरत पड़ने वाली है। बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस 29 जुलाई, सोमवार को दो भागों में बटी और एक बड़ा हादसा होने से टल गया क्योंकि बाकी डब्बे पीछे छूट गए। अभी तक नुकसान की कोई भी सूचना नहीं मिली है। इसके बाद 30 जुलाई, मंगलवार को हावड़ा मुंबई एक्सप्रेस जमशेदपुर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
रेलवे की तरफ से हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं
- टाटानगर – 06572290324
- चक्रधरपुर- 06587 238072
- राउरकेला- 06612501072, 06612500244
- हावड़ा- 9433357920, 03326382217
इस मामले पर विस्तृत खबर का भी इंतजार है। यह हादसा राज खरसावां और बड़ा बंबू स्टेशन के बीच हुआ। घायलों को चक्रधरपुर स्थित रेलवे अस्पताल ले जाया जा रहा है।
सीएम हेमंत सोरेन ने दिए निर्देश: घायलों के इलाज और सहायता के लिए त्वरित कदम उठाएं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिलाधिकारियों को तत्काल घायलों के इलाज और मौके पर मौजूद लोगों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सुनिश्चित किया कि जरूरतमंदों को समय पर मदद पहुंचाई जाए और सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं।
चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम आदित्य कुमार चौधरी ने बताया कि रिलीफ ट्रेन और जिला प्रशासन की ओर से तमाम एंबुलेंस घटनास्थल की ओर रवाना हो चुकी हैं।
आपको बता दे कि के समस्तीपुर में बड़ा रेल हादसा होते-होते बच गया। दरभंगा से दिल्ली जा रही बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस पूसा और कर्पूरीग्राम स्टेशन के बीच दो भागों में बंट गई थी। रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचकर इंजन से डिब्बों को जोड़ने के कार्य में जुट गए और जल्द ही स्थिति को संभाल लिया गया। हालांकि, हादसे के बाद ट्रेन में सवार लोगों के बीच अफरा तफरी का माहौल बन गया। रेल यात्रियों ने बताया कि इंजन के साथ दो डब्बे आगे की तरफ बढ़े और बाकी की बोगी पीछे की तरफ छूट गई। इंजन से अलग होते ही यात्रियों को जोर का झटका महसूस हुआ। यात्रियों ने बताया कि इंजन को पीछे की तरफ लाया गया और वापस से डब्बो के साथ जोड़ा गया। फिलहाल अफसरों को रिपोर्ट का इंतजार है। रेलवे के अधिकारियों ने अभी सिर्फ इतना कहा है की जांच के बाद ही कुछ बताया जाएगा। घटना के बाद सबके मन में एक सवाल है कि हादसे के पीछे की वजह क्या थी? अभी तक की जानकारी के अनुसार कोई भी यात्री जख्मी नहीं हुआ है। पर इतना तो तय है कि लगातार हो रही रेलवे हादसे के बाद मोदी सरकार को आने वाले समय में हादसा मंत्रालय के साथ हादसा मंत्री की जरूरत पढ़ने वाली है।
देश के 5 सबसे बड़े रेल हादसे
- यूपी में फिरोजाबाद के पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस कालिंदी एक्सप्रेस से टकराई। हादसा 20 अगस्त 1995 को हुआ था। इस हादसे में 400 लोगों को मौत हुई थी।
- बिहार में पुल पार करते समय एक पैसेंजर ट्रेन बागमती नदी में गिर गई थी। यह दुर्घटना 6 जून 1981 को हुई थी। इस हादसे में 300 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी।
- ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा-बेंगलुरु एक्सप्रेस और मालगाड़ी टकरा गई थीं। यह हादसा 2 जून 2023 को हुआ था। इस हादसे में 293 लोगों की मौत हुई थी।
- कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर अवध असम एक्सप्रेस से ब्रह्मपुत्र मेल टकरा गई। हादसा 2 अगस्त 1999 को हुआ था। इस हादसे में 285 लोगों की मौत हुई थी।
- जम्मू तवी-सियालदाह एक्सप्रेस पंजाब में गोल्डन टेंपल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बों से टकराई। हादसा 26 नवंबर 1998 को हुआ था। इस हादसे में 212 लोगों की मौत हुई थी।
1 साल में हुए बड़े रेल हादसे
देशभर में 1 साल के भीतर कई रेल हादसे सामने आए हैं। यूपी के गोंडा में हाल ही में एक बड़ा रेल हादसा हो गया। चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 6 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हफ्ते में दो लोगों की मौत हुई और करीब 31 लोग घायल पाए गए। यह ट्रेन गोंडा से करीब 25 किलोमीटर आगे पटरी से उतर गई। यह हादसा दोपहर 2 जबकर 37 मिनट पर झिलाही स्टेशन से आगे हुआ। रेलवे की ओर से हादसे के बाद मुआवजे का ऐलान भी किया गया।
17 जून 2024: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में 17 जून को कंचनजंघा एक्सप्रेस और मालगाड़ी की टक्कर हो गई थी। इस हादसे में मालगाड़ी के लोकोपायलट समेत 10 लोगों की मौत हुई थी और 41 लोग घायल हुए। यह दुर्घटना सुबह लगभग 8:30 बजे हुई और यह उत्तर बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से लगभग 11 किलोमीटर दूर हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रत्येक मृतक के निकट संबंधी को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 10 लाख रुपये , गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50,000 रुपये मुआवजा देने की घोषणा भी की गई थी।
29 अक्टूबर 2023: आंध्र प्रदेश के अलमांडा-कंथकपल्ली में विशाखापत्तनम-रायगढ़ पैसेंजर ट्रेन को पीछे से पलासा एक्सप्रेस ने टक्कर मार दी। इस हादसे में विशाखापत्तनम-रायगढ़ पैसेंजर ट्रेन पटरी से उतर गई और हादसे में 10 लोगों मौत गई। जानकारी के मुताबिक इस रेल हादसे में दो ट्रेनों की भिड़ंत हुई थी। रेल मंत्री ने बताया कि आंध्र प्रदेश में यह दुर्घटना इस कारण हुई क्योंकि लोको पायलट और सह-पायलट दोनों का ध्यान क्रिकेट मैच की वजह से भटक गया था।
11 अक्टूबर 2023 : दिल्ली के आनंद विहार से गुवाहाटी जा रही नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस 11 अक्तूबर को बिहार में बक्सर के पास पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में 4 यात्रियों की मौत भी हो गई थी। हादसा बक्सर जंक्शन से ट्रेन खुलने के कुछ ही देर बाद रघुनाथपुर पूर्वी गुमटी के पास हुआ। रात 9:30 बजे से लेकर 10:00 के करीब यह हादसा हुआ।
2014 से लेकर अब तक हुए हैं 638 रेल हादसे
भारतीय जनता पार्टी के आने के बाद यानी 2014 के बाद रिपोर्ट के अनुसार पिछले नौ साल में देश के विभिन्न हिस्सों में करीब 638 रेल हादसे हो चुके हैं। इस में 2014-15 के दौरान सबसे अधिक 135 हादसे हुए हैं। वहीं रेलवे के अनुसार 2015-16 में 107, 2016-17 में 104, 2017-18 में 73, 2018-19 में 59, 2019-20 में 55, 2020-21 में 22, 2021-22 में 35 और 2022-23 में 48 रेल हादसे हुए हैं।
कई रेल दुर्घटनाओं में लापरवाही की हद सामने आई है। बेपरवाही लापरवाही और गलत टाइमिंग रेल हादसों का बड़ा कारण बनी है। हालांकि कांग्रेस का कहना है लगातार पूरे रेल हादसे मोदी सरकार की लापरवाही के कारण हो रहे हैं। कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार रेलवे को बर्बाद करने पर तुली है ताकि जल्द से जल्द इसको अपने मित्रों को बेच दिया जाए।
राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष किसके लिए बनाया गया?
भारतीय जनता पार्टी ने रेलवे की सुरक्षा के लिए प्लानिंग तो बहुत की लेकिन हकीकत कुछ दूसरी तरफ इशारा करती हुई नजर आ रही है। रेलवे की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष को साल 2017 में बनाया गया। इसमें 5 साल के लिए 1 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। पर इस फंड का इस्तेमाल अधिकारी अपनी सुविधाओं के लिए करते हुए नजर आ रहे हैं। साल 2021 में आई CAG की रिपोर्ट के अनुसार फंड का इस्तेमाल गैर जरूरी चीजों को खरीदने में किया जा रहा है। जैसे की जैकेट, फुट मसाजर, फर्नीचर, मैगी क्रोकरी, लैपटॉप। फंड में अधिकारियों के लिए बनाए गए घरों की लिस्ट भी शामिल है। अब यह आंकड़े सरकार की पोल खोलते हुए नजर आ रहे हैं। यानी यात्रियों की सुरक्षा के लिए जो पैसा इस्तेमाल किया जाता है उसे अब अधिकारी अपनी सुविधाओं के लिए इस्तेमाल करने लगे हैं।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!