श्रावण मास की शिवरात्रि का होता है विशेष महत्व : पं. रामकिशन महाराज
अबकी बार श्रावण मास की शिवरात्रि मनाई जाएगी 2 अगस्त को : पं. रामकिशन महाराज
शिवरात्रि पर बन रहा है खास योग, जो कुछ राशियों के लिए रहेगा शुभ : पं. रामकिशन महाराज
तोशाम दीपक माहेश्वरी
श्रावण अर्थात सावन के पवित्र महीने की शुरुआत हो चुकी है और श्रावण का ये महीना भगवान शिव को प्रिय है। हर दिन भगवान शिव के लिए विशेष पूजा-अर्चना और व्रत किए जाते हैं। ऐसे में सावन माह में पड़ने वाली शिवरात्रि का भी विशेष महत्व होता है, जो अबकी बार 2 अगस्त के दिन मनाई जाएगी। यह जानकारी देते हुए छपारिया हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित रामकिशन महाराज गोवर्धन-मथुरा वाले ने बताया कि सावन शिवरात्रि के मौके पर भगवान शिव का जलाभिषेक करने का विशेष महत्व होता है और इस दिन शिव और शक्ति दोनों का मिलन होता है। इतना ही नहीं सावन शिवरात्रि के दिन ही कांवड़ यात्रा का समापन होता है और शिवालयों में कांवड़िए पवित्र नदियों का जल लेकर जलाभिषेक करते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार की सावन शिवरात्रि पर कुछ राशि के जातकों की किस्मत खुलने वाली है वहीं सावन शिवरात्रि पर खास योग भी बन रहा है।
शिवरात्रि पर क्या है खास योग, किन राशियों के लिए रहेगा शुभ…
पंडित रामकिशन महाराज का कहना था कि 2 अगस्त सावन शिवरात्रि के दिन इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण होने जा रहा है। जिसके कारण यह शिवरात्रि कुछ राशियों के लिए शुभ मानी जा रही हैं, जिन पर भगवान भोलेनाथ की कृपा हो सकती है ।
मिथुन राशि…
पंडित रामकिशन महाराज ने बताया कि सावन की शिवरात्रि मिथुन राशि वाले जातकों के लिए शुभ मानी जा रही है, इस दिन से आपका अच्छा समय शुरू होगा। भोलेनाथ की कृपा से धन की प्राप्ति होगी, आर्थिक स्थिति पहले से ज्यादा मजबूत होगी, आय के नए रास्ते खुलेंगे और समस्याओं का निवारण होगा।
सिंह राशि…
पंडित रामकिशन महाराज के अनुसार सिंह राशि के जातकों के लिए भी सावन की शिवरात्रि शुभ फल देने वाली है, बिजनेस में तरक्की के योग बन रहे हैं पैसों से जुड़ी हुई समस्याएं खत्म होगी। घर में या करियर में कोई खुशखबरी मिल सकती है और किस्मत का साथ पूरा मिलेगा।
कन्या राशि…
पंडित रामकिशन महाराज का कहना था कि कन्या राशि के जातकों के लिए भी सावन शिवरात्रि शुभ फल लेकर आने वाली है। नौकरी की उम्मीद करने वाले लोगों को अच्छे ऑफर मिल सकते हैं, कोई बड़ी सफलता आपको मिल सकती है। भाग्य का पूरा साथ इस समय रहेगा, लेकिन आप जितनी मेहनत करेंगे उतना ही फल मिलेगा।
तुला राशि….
छपारिया हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित रामकिशन महाराज ने बताया कि सावन महीने की शिवरात्रि तुला राशि के जातकों के लिए भी शुभ मानी जा रही है, इस राशि के जातकों के दांपत्य जीवन में आ रही समस्याएं खत्म होगी, आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलेगा और जो निवेश आपने किया है उसके भी शुभ फल मिल सकते हैं।
श्रावण शिवरात्रि पर बन रहा है भद्रावास योग…..
पंडित रामकिशन महाराज की माने तो वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल बहुत ही दुर्लभ योग श्रावण शिवरात्रि के दिन बन रहा है। इस दौरान भद्रा स्वर्ग पर ही वास करेगी। ऐसे में इस राशि के जातकों को विशेष लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि मान्यता है कि इस योग में शिव-पार्वती की पूजा करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है। इस योग का निर्माण 3 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट से हो रहा है जो रात्रि 3 बजकर 35 पर समाप्त होगा।
43 मिनट है शिवरात्रि पर निशिता काल, व्रत विधि और क्या है व्रत पारण समय….
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ : 02 अगस्त शुक्रवार को दोपहर 03:26 बजे।
चतुर्दशी तिथि का समापन : 03 अगस्त शनिवार को दोपहर 03:50 बजे।
सावन शिवरात्रि : शुक्रवार 2 अगस्त
निशिता काल पूजा समयः 3 अगस्त सुबह 12:05 बजे (2 अगस्त की रात) से सुबह 12:48 बजे तक
अवधि : 00 घंटे 43 मिनट
शिवरात्रि पारण का समय : 3 अगस्त सुबह 05:52 बजे से दोपहर 03:44 बजे तक
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय : 2 अगस्त शाम 07:02 बजे से रात 09:44 बजे तक
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय : 2 अगस्त रात 09:44 बजे से देर रात (यानी 3 अगस्त सुबह) 12:27 बजे तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय : 2 अगस्त देर रात 12:27 (सुबह 3 अगस्त) बजे से सुबह 03:09 बजे तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय : 3 अगस्त को सुबह 03:09 बजे से सुबह 05:52 बजे तक
सावन शिवरात्रि व्रत विधि….
पंडित रामकिशन महाराज ने बताया कि शिवरात्रि के एक दिन पहले मतलब त्रयोदशी तिथि के दिन, भक्तों को केवल एक समय भोजन ग्रहण किया जाता है। शिवरात्रि के दिन सुबह नित्य कर्म करने के बाद भक्तों को पूरे दिन व्रत का संकल्प लेना चाहिए। संकल्प के दौरान, भक्तों को मन ही मन प्रतिज्ञा दोहरानी चाहिए और भगवान शिव से व्रत को निर्विघ्न रूप से पूर्ण करने का आशीर्वाद मांगना चाहिए।
शिवरात्रि के दिन भक्तों को संध्याकाल स्नान करने के बाद ही पूजा करनी चाहिए या मंदिर जाना चाहिए। पंडित रामकिशन महाराज का कहना था कि शिव भगवान की पूजा रात्रि के समय करनी चाहिए और अगले दिन स्नान आदि के बाद फिर पूजा कर अपना व्रत खोलना चाहिए।
व्रत का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए भक्तों को सूर्योदय और चतुर्दशी तिथि के अस्त होने के मध्य के समय में ही व्रत का समापन करना चाहिए। लेकिन एक अन्य धारणा के अनुसार व्रत के समापन का सही समय चतुर्दशी तिथि के बाद का बताया गया है। आम लोगों की मान्यता है कि शिव पूजा और पारण (व्रत का समापन) चतुर्दशी तिथि अस्त होने से पहले करना चाहिए।
श्रावण शिवरात्रि पूजा सामग्री….
पंडित रामकिशन महाराज ने बताया कि शिवरात्रि पर गाय का कच्चा दूध, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली, जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बेलपत्र, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पुष्प, पंच फल, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, धतूरा, भांग, गन्ने का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी चंदन, आम्र मंजरी, कुशासन, मंदार पुष्प, शिव और मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि से पूजा-अर्चना करें।
क्यों मनाई जाती है शिवरात्रि….
पंडित रामकिशन महाराज ने बताया कि पौराणिक कथाओं अनुसार शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव मध्य रात्रि के समय लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। कहते हैं भगवान शिव की लिंग रूप में पूजा सबसे पहले भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु ने की थी। इसलिए ही शिवरात्रि पर्व का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं जो व्यक्ति इस दिन शिवलिंग की विधि विधान उपासना करता है उस पर भोलेनाथ की विशेष कृपा सदैव बनी रहती है।
शिवरात्रि के दिन का महत्व….
पंडित रामकिशन महाराज की माने तो शिवरात्रि का दिन भगवान शिव की विशेष कृपा पाने के लिए सबसे खास माना जाता है। उनका कहना था कि जो व्यक्ति इस दिन पूरी श्रद्धा से व्रत-पूजन करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस दिन जलाभिषेक या रुद्राभिषेक करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। कावड़ जल चढ़ाने के लिए भी शिवरात्रि का दिन सबसे उत्तम माना जाता है।
श्रावण मास की शिवरात्रि का अर्थ….
छपारिया हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित रामकिशन महाराज के अनुसार सावन शिवरात्रि में सावन का अर्थ श्रावण मास है तो वहीं शिवरात्रि का अर्थ होता है शिव को समर्पित रात। कहते हैं श्रावण महीने में भगवान शिव और माता पार्वती धरती पर रहते हैं ऐसे में इस दौरान जो भक्त सच्चे मन से उनकी उपासना करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। सावन में शिवरात्रि का दिन सबसे खास होता है। इसलिए इस दिन शिव भगवान की विधि-विधान पूजा जरूर करनी चाहिए।
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