अब छोरियां छोरों से कम नहीं: हरियाणा की मनु भाकर पहली भारतीय महिला खिलाड़ी, जिसने ओलंपिक में जीता पदक
पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में कांस्य पदक जीतकर भारत का खाता खुला
छोरियां छोरों से कम हैं के, दंगल फिल्म का यह डायलॉग हरियाणा की छोरी मनु भाकर पर पूरी तरह से सटीक बैठ गया है। पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर ने भारत के लिए पहला पदक जीता है और इस पदक जीतने के साथ ही वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी भी बन गई हैं जिन्होंने पदक जीता है।
पेरिस ओलंपिक में भारत का खाता खोलते हुए मनु भाकर ने रविवार को महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। वह ओलंपिक खेलों में शूटिंग पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं, और 12 साल बाद भारत को शूटिंग में ओलंपिक पदक मिला। पिछली बार भारत ने लंदन 2012 में शूटिंग में पदक जीते थे, जब विजय कुमार ने रैपिड-फायर पिस्टल में रजत और गगन नारंग ने 10 मीटर एयर राइफल में कांस्य पदक जीता था।
तीन साल के अंतराल ने मनु के आत्मविश्वास में बड़ा बदलाव किया। टोक्यो ओलंपिक 2021 में क्वालिफिकेशन के दौरान पिस्टल खराब हो जाने के कारण वह निराश हो गई थीं, लेकिन इस बार उन्होंने पूरी तरह से अलग प्रदर्शन किया। टोक्यो गेम्स में दिल टूटने के बाद सेवानिवृत्ति पर विचार करने से लेकर पेरिस में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने तक, मनु खेलों में पुनरुत्थान का एक नया उदाहरण बन गईं।
“टोक्यो के बाद, मैं बहुत निराश थी, और उस निराशा से उबरने में मुझे काफी समय लगा। सच कहूं तो, आज मैं कितनी खुश हूं, यह शब्दों में बयां करना मुश्किल है,” ओलंपिक पदक जीतने के बाद मनु भाकर ने कहा।
मनु, जिन्होंने क्वालिफिकेशन राउंड में तीसरे स्थान पर रहते हुए 580 अंकों के साथ व्यक्तिगत शूटिंग इवेंट के फाइनल राउंड में प्रवेश किया था, ने फाइनल में 221.7 अंक हासिल कर कांस्य पदक जीता। वह दक्षिण कोरिया की किम येजी पर 0.1 अंक की बढ़त के साथ रजत पदक की दौड़ में थीं, लेकिन अंतिम शॉट में भारतीय खिलाड़ी ने 10.3 अंक बनाए, जबकि कोरियाई खिलाड़ी ने 10.5 अंक बनाकर रजत पदक जीत लिया।
दक्षिण कोरिया की ओह ये जिन ने ओलंपिक रिकॉर्ड तोड़कर स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 243.2 अंक हासिल कर पिछले रिकॉर्ड 240.3 को तोड़ा।
मनु भाकर के ओलंपिक पदक की कहानी
हरियाणा के झज्जर से ताल्लुक रखने वाली मनु भाकर ने कम उम्र में ही एथलेटिक्स में अपनी प्रतिभा दिखाई थी। टेनिस, स्केटिंग, बॉक्सिंग और थंग-टा मार्शल आर्ट में राष्ट्रीय पहचान पाने वाली मनु ने 2016 में रियो ओलंपिक से प्रेरित होकर शूटिंग में रुचि दिखाई। एक हफ्ते के भीतर, उन्होंने अपने पिता राम किशन भाकर को खेल पिस्टल खरीदने के लिए मना लिया और उनकी अद्भुत यात्रा शुरू हुई।
मनु का उदय 2017 में हुआ जब उन्होंने ओलंपियन हिना सिद्धू को हराकर राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप का खिताब जीता और 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में रिकॉर्ड तोड़ स्कोर 242.3 बनाया। इसके बाद एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में रजत पदक और अंतरराष्ट्रीय मंच पर असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए 2018 एशियाई खेलों में 25 मीटर एयर पिस्टल के क्वालिफिकेशन राउंड में खेलों का रिकॉर्ड 593 बनाते हुए छठा स्थान हासिल किया।
मनु ने 2018 यूथ ओलंपिक्स में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर पहला भारतीय शूटर और महिला एथलीट बनने का गौरव प्राप्त किया। कोच जसपाल राणा के मार्गदर्शन में उन्होंने ओलंपिक चयन ट्रायल्स टी4 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में शीर्ष स्थान हासिल किया, एशियाई खेलों की चैंपियन पलक को 4.4 अंकों के बड़े अंतर से हराया।
मनु भाकर के गांव में खुशी का माहौल
मनु भाकर के पदक जीतने के बाद उनके गांव में खुशियों का माहौल है और ढोल पटाखे के साथ-साथ लोगों ने मिठाई बांटी। वहीं मनु भाकर की दादी ने कहा, “मैं उन्हें आशीर्वाद देती हूं, उसने बहुत अच्छा काम किया है। जब वह यहां आएगी तो हम सब उसका स्वागत करेंगे। मैं उसके लिए खास खाना बनाऊंगी। मैं मनु के लिए अलग से सोने की चेन बनवाऊंगी।”
बधाई और शुभकामनाओं का तांता
मनु भाकर के ओलंपिक में पहला पदक जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए कहा, “ऐतिहासिक पदक, बहुत बढ़िया। पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को पहला पदक जीतने के लिए बहुत-बहुत बधाई। यह सफलता इसलिए और भी खास है क्योंकि वह भारत के लिए निशानेबाजी पदक जीतने वाली पहली महिला बन गई हैं, यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि है।”
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