गोल्डी मसाले ,अशोक मसाले ,भोला मसाले जैसी बड़ी 16 कंपनियों के मसले लैब टेस्ट में फेल
खाद्य सुरक्षा में बड़ा घोटाला , 16 बड़ी कंपनियों के मसाले असुरक्षित, बिक्री पर रोक
खबरी प्रशाद, दिल्ली / कानपुर
केशव भुरारिया
उत्तर भारत का मैनचेस्टर कहे जाने वाले कानपुर शहर जो कि वर्तमान में मसाले का शहर के नाम से भी प्रसिद्ध है। कल उस समय चर्चा में आ गया , जब 16 कंपनियों के मसाले के सैंपल लैब टेस्ट में फेल हो गए। जैसे ही यह रिपोर्ट सामने आई उसके बाद में मसाला बाजार में कानपुर से लेकर दिल्ली तक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हड़कंप मच गया।
घर घर में इस्तेमाल होने वाले बड़ी कंपनियों के मसाले लैबोरेट्री टेस्ट में फेल हो गए हैं। जिन कंपनियों के मसाले लैबोरेट्री टेस्ट में फेल हुए वह कोई छोटी-मोटी कंपनियों नहीं है। टेलीविजन चैनल और बड़े घरानों के अखबारों को मोटे-मोटे विज्ञापन देने वाली यह कंपनियां हमारी आपकी सेहत से खिलवाड़ कर रही है। शायद यह भारत के इतिहास में पहली बार होगा जब इतनी बड़ी मात्रा में कंपनियों के मसाले के सैंपल लैबोरेट्री टेस्ट में फेल हुए हैं। यानी कह सकते हैं कि भारत का सबसे बड़ा खाद्य घोटाला है।
खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में एक गंभीर खुलासा हुआ है, जिसमें पता चला है कि अशोक, भोला जैसे प्रमुख मसाला ब्रांड्स के उत्पाद खाद्य सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करते। उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) की हालिया जांच में इन मसालों के सैंपल में कीटनाशकों, पेस्टीसाइड्स और कीड़ों की अत्यधिक मात्रा पाई गई है, उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन का कहना है कि इन कंपनियों के कई प्रोडक्ट खाने लायक ही नहीं है। जिससे इनकी बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है।
लैबोरेट्री टेस्ट में असुरक्षित घोषित हुए मसाले
इस साल मई में FSDA ने कानपुर स्थित मसाला कंपनियों पर व्यापक छापेमारी की गई थी। इस छापेमारी में 16 कंपनियों के 35 अलग-अलग मसाले के उत्पादों के सैंपल लिए गए थे। इन सैंपलों को जांच के लिए आगरा स्थित लैब भेजा गया था। रिपोर्ट के अनुसार, 23 सैंपल असुरक्षित पाए गए हैं। जांच में ये सामने आया है कि इन मसालों में पेस्टीसाइड्स और कीटनाशकों की मात्रा खतरनाक स्तर तक अधिक है, और कुछ मसालों में कीड़े भी पाए गए हैं। इसके बाद FSDA ने इन मसालों की बिक्री पर रोक लगा दी है।
प्रमुख ब्रांड्स के कौन से मसाले के सैंपल हुए फेल
गोल्डी मसाले, जिसके ब्रांड एंबेसडर अभिनेता सलमान खान हैं, के विभिन्न उत्पादों जैसे गरम मसाला, बिरयानी मसाला और सांभर मसाला में असुरक्षित तत्व पाए गए हैं। इसके अलावा, अशोक मसाले के धनिया पाउडर, गरम मसाला और मटर पनीर मसाला भी खाद्य सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। भोला मसाले के उत्पादों की बिक्री पर भी रोक लगाई गई है। ये ब्रांड्स भारतीय बाजार में काफी लोकप्रिय हैं और इनकी गुणवत्ता की कमी ने उपभोक्ताओं को गंभीर चिंता में डाल दिया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहले भी फेल हो चुके हैं एमडीएच मसाले का सैंपल
इससे पहले, अप्रैल महीने में हांगकांग और सिंगापुर ने MDH और एवरेस्ट ब्रांड के मसालों पर बैन लगा दिया था। इन देशों ने आरोप लगाया था कि इन मसालों में एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा अत्यधिक है, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। भारत सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और सिंगापुर तथा हांगकांग के खाद्य नियामकों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही, MDH और एवरेस्ट से भी स्पष्टीकरण लिया जा रहा है।
खराब मसाले का स्वास्थ्य पर प्रभाव
FSDA की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि असुरक्षित मसालों के सेवन से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इनमें दिल और गुर्दे की समस्याएं, बांझपन और प्रजनन समस्याएं शामिल हैं। विशेष रूप से, एथिलीन ऑक्साइड जैसे खतरनाक कीटनाशक कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं। यह कीटनाशक सामान्यत: कीटाणुनाशक और स्टरलाइजिंग एजेंट के रूप में प्रयोग किया जाता है, लेकिन इसके स्वास्थ्य पर दुष्परिणाम बहुत खतरनाक हो सकते हैं।
कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई
FSDA ने उन कंपनियों को नोटिस जारी किया है जिनके उत्पाद असुरक्षित पाए गए हैं। इन कंपनियों को 14 दिनों के भीतर अपना उत्तर देने के लिए कहा गया है। यदि इन उत्तरों से संतोषजनक जवाब प्राप्त नहीं होता है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें अदालत में मुकदमा दायर करना और जुर्माना लगाना शामिल होगा। यह कार्रवाई खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है ताकि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ मिल सकें।
भविष्य की सरकारी रणनीति
भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत मसालों की गुणवत्ता की निगरानी को और भी सख्ती से लागू किया जाएगा। सरकारी विभाग और संबंधित एजेंसियां मिलकर हानिकारक तत्वों के खिलाफ जागरूकता फैलाने और सख्त कार्रवाई करने के लिए काम करेंगी। इसके अतिरिक्त, भारतीय मसाला उद्योग में उच्च मानक बनाए रखने के लिए निरंतर निरीक्षण और जांच की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करोड़ों रुपए का है मसाला उद्योग
भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में लगभग 32,000 करोड़ रुपए के मसालों का निर्यात किया। इसमें मिर्च, जीरा, हल्दी, करी पाउडर, और इलायची प्रमुख मसाले हैं। इस निर्यात में गिरावट को रोकने और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है। इस स्थिति में सुधार के लिए तत्काल और प्रभावी उपाय किए जाने की जरूरत है।
खाद्य सुरक्षा के इस गंभीर मामले ने भारतीय मसाला उद्योग और उपभोक्ताओं के बीच चिंता पैदा कर दी है। इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए, सरकार, कंपनियां, और उपभोक्ता सभी को मिलकर काम करना होगा ताकि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और स्वास्थ्य को खतरे से बचाया जा सके। यह स्थिति भारतीय खाद्य उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षण है, और इसके समाधान के लिए सभी पक्षों को सक्रिय रूप से काम करने की आवश्यकता है।
वह कंपनियां जिनके सैंपल हुए फेल
गौरव इंटरप्राइजेज – हल्दी पाउडर
गोविंद गृह उद्योग – गरम मसाला
पदमा प्रोडक्ट – गरम मसाला और सब्जी मसाला
मंगलम एंटरप्राइजेज – मिर्च पाउडर
विनीश मसाला – चिकन मटन और कोरमा मसाला
अरावली मसाले प्राइवेट लिमिटेड – हल्दी पाउडर
स्पाइसी फूड एलएलपी – मिर्च पाउडर
श्री साहिब जी गृह उद्योग – गरम मसाला
रौनियार इंटरप्राइजेज गरम – मसाला और सब्जी मसाला
इसके अलावा भी और भी कई कंपनियां है जिनके सैंपल लैब टेस्ट में फेल हो गए हैं।
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