बीजेपी और कांग्रेस में हुई जुबान की जंग, सवाल के बदले सवाल जवाब किसके पास?
हरियाणा में अब बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे से हिसाब-किताब मांग रही है। लगातार एक दूसरे पर वार कर रही भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस अपनी बातों से एक दूसरे को निशाने पर रखती हुई नजर आ रही है। हरियाणा मांगे जवाब के बाद भाजपा का आया नॉन स्टॉप हरियाणा क्या अब बन चुका है फुल स्टॉप हरियाणा?
आपको बता दे कि जल्द ही हरियाणा में चुनाव होने वाले हैं ऐसे में पार्टी जुबान से एक दूसरे पर हमला करती हुई नजर आ रही है। एक दूसरे को सवाल जवाब से घेरने का सिलसिला बरकरार है। पहले कांग्रेस की तरफ से “हरियाणा मांगे जवाब” अभियान की शुरुआत हुई इसके विपक्ष में बीजेपी ने “हुड्डा दे जवाब” अभियान शुरू किया। उसके बाद भाजपा द्वारा नॉनस्टॉप हरियाणा की शुरुआत हुई जिस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने फुल स्टॉप हरियाणा अभियान से बीजेपी को घेरा। अभियानों को लेकर दोनों राजनीतिक दल आमने-सामने जुबानी तौर पर लड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस कमेटी ने सत्तारूढ़ भाजपा से जहां 10 साल के कार्यकाल का हिसाब मांगा, वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के 10 साल के कार्यकाल में किए गए कार्यों पर उनसे सवाल पूछना शुरू कर दिए।
हरियाणा मांगे जवाब के बाद हुड्डा के जवाब का जबरदस्त बोलबाला
इतना तो साफ है कि हरियाणा की जनता दोनों अभियानों को गौर से समझने वाली है। विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की जनता किस अभियान के पक्ष मे है इस बात का जवाब देना अभी मुश्किल हो चुका है पर इतना तो साफ है कि दोनों अभियान जोरो शोरो से तेजी पकड़ चुके हैं। इस अभियान के तहत सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा पूरे प्रदेश में पद यात्राएं निकाल रहे हैं और लोगों के साथ संवाद कर रहे हैं। यहां तक की 20 अगस्त के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा रथ यात्रा भी निकाली जाएगी।
हिसाब-किताब पर तनातनी केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा ओबीसी सम्मेलन में कांग्रेस के विरुद्ध एक लाइन सेट कर देने के बाद भाजपा ने ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ के जवाब में ‘हुड्डा दें जवाब’ अभियान आरंभ कर दिया है। नायब सैनी ने पूर्व सीएम के कार्यकाल का जिक्र करते हुए उनसे पूछा है कि कांग्रेस ने अपने 10 साल के राज में कौन-कौन से अहम काम किए हैं। इस अभियान की गुंज पूरे राज्य में सुनाई दे रही है।
नॉन स्टॉप नहीं फूल बन गया हरियाणा
अभी जुबान की कैंची तो चलती हुई दिखाई दे ही रही थी कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तरफ से बीजेपी पर दूसरी बार वार किया गया है। उनका कहना है कि भाजपा ने हरियाणा को अब तक कुछ नहीं दिया है। महंगाई और बेरोजगारी के मामले में प्रदेश नंबर वन पर आ चुका है। हुड्डा का यह भी कहना है कि इस बार हरियाणा में सरकार बनने जा रही है और लोगों का पूरा समर्थन मौजूद है। नॉन स्टॉप हरियाणा के नारे के बाद नायब सिंह सैनी और हुडा के बीच जंग छिड़ चुकी है। दोनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कटाक्ष करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
पूर्व सीएम हुड्डा ने X पर लिखा कि “यह महारा हरियाणा फूल स्टॉप हरियाणा है। क्योंकि हर चीज पर फुल स्टॉप लगा हुआ है।” अब इस पर पलटवार करते हुए नायब सिंह सैनी लिखा कि फुल स्टॉप तो सिर्फ आपकी (भूपेंद्र हुड्डा) राजनीति पर लगा हुआ है। नॉन स्टॉप हरियाणा के बाद फुल स्टॉप हरियाणा से कांग्रेस पार्टी में निशान तो बना लिया है। पर इन नारों से दोनों पार्टी जनता से क्या कहना चाहती हैं? जहां कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के राज में हरियाणा के अंदर भ्रष्टाचार बड़ा है तो वही भाजपा ने कांग्रेस के शासन में हुए विकास पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा का आरोप
कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि नायब सिंह सैनी सरकार को अपना “नॉन स्टॉप हरियाणा” नारा बदलकर “फुल स्टॉप हरियाणा” कर लेना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी शासन ने राज्य में “निवेश, औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन, फसल की कीमतों पर पूर्ण विराम” लगा दिया है। हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता ने मंगलवार को एक बयान में कहा है कि ‘‘भाजपा सरकार में अगर कोई चीज लगातार जारी है तो वह है बेरोजगारी, महंगाई, अपराध, नशाखोरी और युवाओं का पलायन।’’
नायब सिंह सैनी ने किया पलटवार
सैनी ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा पर पलटवार करते हुए कहा है कि ”भूपेंद्र हुड्डा जी, मेरा हरियाणा आज नॉन स्टॉप हरियाणा है।” एक्स पर हिंदी में लिखे एक पोस्ट में मुख्यमंत्री ने हुड्डा के नेतृत्व वाली राज्य की कांग्रेस सरकार (2005-2014) पर कटाक्ष करते हुए दावा किया कि “अब गुंडागर्दी, दलितों और पिछड़े वर्गों के खिलाफ अत्याचार, सरकारी नौकरियों की नीलामी, किसानों की जमीन छीनना और उस आतंक के राज पर पूर्ण विराम लग गया है जो उस समय सत्ता में था।”
कांग्रेस ने 15 जुलाई को “हरियाणा मांगे हिसाब” अभियान शुरू किया, जिसके तहत वह बेरोजगारी, कानून व्यवस्था और किसानों के मुद्दों सहित कई मोर्चों पर सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साध रही है। जिसके जवाब में उन्हें सवाल ही मिले। अब ऐसे में जनता पर निर्भर करता है कि उन्हें किसके सवालों के जवाब और किसके सवाल ज्यादा उचित लगेंगे। हालांकि, दोनों पार्टियों ने सिर्फ सवाल पूछने का ही काम किया है। जवाब अभी तक भी किसी की तरफ से आता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। सवाल के बदले सवाल ज्यादा पूछे जा रहे हैं तो क्या यह कहना सही होगा की कांग्रेस और बीजेपी के पास सवालों की किताब तो मौजूद है पर उसमें जवाबों की जगह अभी भी खाली है।
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