मोहब्बत की दुकान या मानवता की… -कमलेश भारतीय
बड़ी अजीब बात है। वर्षों से चल रही कांवड़ यात्रा पर उत्तर प्रदेश की सरकार के एक अजब गजब आदेश से यह यात्रा विवादों में आ गयी है और विपक्षी दल इस आदेश को वापस लेने की मांग उठा रहे हैं । आदेश बस इतना है कि मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों व उनके कर्मचारियों के नाम लिखने होंगे ! यह इसलिए कि उत्तर प्रदेश के कौशल विकास मंत्री कपिल अग्रवाल का कहना है कि मुस्लिम समुदाय के लोग देवी देवताओं के नाम पर दुकान चलाते हैं । दुकान पर आपत्ति नहीं लेकिन हिंदू देवी देवताओं के नाम पर दुकान न खोलें, इससे कावड़िये चाय पानी पीकर बाद में पता लगने पर झगड़ा करते हैं ! इसलिए पहले से पता होना जरूरी है। कुछ ऐसे ही आदेश उत्तराखण्ड सरकार ने हरिद्वार में कांवड़ यात्रा मार्ग के दुकानदारों को दिये हैं। कांवड़ यात्रा बस दो दिन बाद यानी बाइस जुलाई को शुरू होने जा रही है !
इस आदेश पर विपक्ष में उबाल आ गया है और लगे हाथों में मुद्दा भी मिल गया है ! यही क्यों सत्ता पक्ष में शामिल केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने ही इस आदेश पर आपत्ति उठाते कहा कि मैं इस फैसले से सहमत नहीं ! के सी त्यागी का कहना है कि ये आदेश प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के नारे के खिलाफ हैं ! इसी तरह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का कहना है कि ये आदेश सामाजिक अपराध हैं । कोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर कार्यवाही करे ! कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी ने भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का यह आदेश संविधान, लोकतंत्र और सांझी विरासत पर हमला है ! सांसद चंद्रशेखर ने भी कहा कि इससे सांप्रदायिक तनाव हो सकता है ! इन सबसे अलग हटकर अभिनेता सोनू सूद ने कहा कि हर दुकान पर एक ही नेम प्लेट होनी चाहिए-मानवता !
इस तरह कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले ही इस तरह के आदेशों के चलते विवादों में फंस गयी है । क्या ये आदेश संविधान के द्वारा कहीं भी रोज़गार करने पर कुठाराघात नही ? क्या किसी एक समाज को रोज़गार से वंचित करने का यह षड्यंत्र नहीं? या फिर उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में करारी हार का बदला ? क्या कांवड़ या रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले मुस्लिम कारीगर नहीं बनाते ? जगन्नाथ रथ को कितने और कौन से हाथ बनाते हैं? चलिये, यह सुखद आश्चर्य तो सबको पता है कि हिंदू देवी देवताओं के सबसे ज्यादा गीत किसने गाये और लिखे हैं? मोहम्मद रफी ने सबसे ज्यादा गीत बहुत गहरे दर्द मे डूब कर गाये हैं। क्या उन भजनों पर प्रतिबंध लगा दोगे? :महाभारत’ जैसे लोकप्रिय धारावाहिक के संवाद किसने लिखे? प्रसिद्ध लेखक राही मासूम रज़ा ने! पहले उन्होंने बी आर चोपड़ा को संवाद लिखने से मना कर दिया था लेकिन यह बात मीडिया में आने पर जब रज़ा की आलोचना हुई तब उन्होंने खुद निर्देशक चोपड़ा से इसके संवाद लिखने का ऑफर दिया और संवाद लिखे, जो बहुत पसंद किये गये! क्या महाभारत के प्रसारण पर बैन लगा दोगे एक दिन ? प्रसिद्ध पत्रकार व जनसत्ता के पूर्व संपादक रहे व मेरे मित्र ओम थानवी ने भी फेसबुक पोस्ट में विभाजन से पूर्व हिंदू पानी और मुसलमान पानी लिखे पटके दिखाते पूछा है कि क्या हम उन्हीं विभाजनकारी हालातों में देश को धकेलने जा रहे हैं? अब आप ही बताइये कि कौन सी दुकान चाहिए? मोहब्बत और मानवता वाली या फिर हिन्दू मुसलमान वाली ? नेम प्लेट लगाने वाले आदेश वापस लिये जाने चाहिएं ताकि सद्भावना और प्रेम की लौ जगमगाती रहे!
क्या अब सचमुच ही किसी मोहब्बत की दुकान की जरूरत है या फिर ऐसे आदेशों की? सोचने की बात है, विचार की बात है। कवि गोपाल दास नीरज कहते हैं :
अब के सावन में शरारत मेरे साथ हुई
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई!
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