रामायण के पहले भी दारा सिंह निभा चुके थे हनुमान का रोल !
दारा सिंह के हनुमान का रोल मिलने की कहानी भी दिलचस्प है
स्वर्गीय दारा सिंह जी को कैसे रामानंद सागर की रामायण में पवन पुत्र हनुमान का रोल निभाने का मौका मिला था? इसकी भी एक कहानी है जो जानने लायक है। पहली दफा दारा सिंह जी ने भगवान हनुमान का किरदार निभाया था 1976 में आई फिल्म बजरंग बली में। वो फिल्म चंद्रकांत जी ने डायरेक्ट की थी। और फिल्म ब्लॉकबस्टर रही थी। उस फिल्म की सफलता ने दारा सिंह जी को घर-घर में पवन पुत्र हनुमान के रूप में विख्यात कर दिया था। रामायण तो उस फिल्म के 11 साल बाद बनी थी।
दारा सिंह जी के पुत्र विंदू दारा सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब रामानांद सागर रामायण बना रहे थे तब दीपिका चिखलिया तो सीता जी के रोल के लिए उनकी पहली पसंद ही थी। लेकिन अरुण गोविल भगवान राम के किरदार के लिए रामानंद सागर की फर्स्ट चॉइस नहीं थे। रामानंद सागर अरुण गोविल जी को किसी दूसरे रोल में लेना चाहते थे। मगर अरुण गोविल जी ने उनसे विनती की थी कि उन्हें भगवान राम का किरदार निभाने का मौका दिया जाए। और आखिरकार उन्हें मौका मिल भी गया।
रामानंद सागर जी को एक दफा एक स्वप्न आया था जिसमें उन्होंने देखा था कि उनकी रामायण में दारा सिंह भगवान हनुमान बने हैं। अगले दिन रामानंद सागर दारा सिंह जी से मिले और उन्हे अपने स्वप्न के बारे में बताया। और कहा कि अब तो हनुमान जी आपको ही बनना पड़ेगा। दारा सिंह उस वक्त साठ बरस के हो चुके थे। उनके घुटने और कंधे थोड़े कमज़ोर होने लगे थे। उन्होंने असमर्थता जताई। लेकिन रामानंद सागर नहीं माने। वो ठान चुके थे कि भगवान हनुमान का किरदार तो दारा सिंह जी ही निभाएंगे। आखिरकार दारा सिंह जी को मानना पड़ा। और यू्ं दारा सिंह जी बने रामानंद सागर की रामायण में पवन पुत्र हनुमान ।
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