अपनी ही सरकार के एक फैसले के खिलाफ विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का मुख्यमंत्री को पत्र
हरियाणा के विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने अपनी ही सरकार के एक फैसले के खिलाफ मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। दरअसल, बीते दिनों हरियाणा सरकार ने ‘प्लस 4’ बिल्डिंगों को बनाने के लिए फिर से फैसला लिया था। ‘प्लस 4’ मकानों के निर्माण को लेकर पहले दिन से ही विवाद चल रहा है। खट्टर सरकार में विवाद के बाद इन मकानों के निर्माण पर रोक लगा दी गई थी। परंतु हरियाणा की वर्तमान सरकार ने बिल्डर लॉबी के आगे झुकते हुए शर्तों के साथ इन मकानों के निर्माण का रास्ता खोल दिया था। परंतु बुधवार, 10 जुलाई को देर रात, विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने अपनी ही सरकार के इस फैसले के खिलाफ मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में लिखा:
हाल ही में हरियाणा सरकार ने आवासीय क्षेत्रों में स्टिल्ट प्लस 4 मंजिल भवनों के निर्माण की अनुमति फिर से दी है। यह निर्णय नागरिकों के निरंतर विरोध के बावजूद कुछ शर्तों के साथ लागू किया गया है। पंचकुला शहर के लगभग 5000 लोगों द्वारा हस्ताक्षरित अभ्यावेदन के तथ्यों को उचित रूप से विचार नहीं किया गया। इस निर्णय को लेकर पंचकुला के निवासियों में व्यापक असंतोष है। निवासियों के कल्याण संघों और संघर्ष समिति, जिसे जनरल (सेवानिवृत्त) वी.पी. मलिक, सेवानिवृत्त अधिकारी और वरिष्ठ नागरिकों द्वारा नेतृत्व किया जा रहा है, ने इस निर्णय के खिलाफ आवाज उठाई है और फिर से अपने विरोध दर्ज कर रहे हैं।
इस निर्णय के परिणामस्वरूप पंचकुला के निवासियों को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:
- पंचकुला शहर की मास्टर प्लान का विघटन: कुछ इमारतें तीन मंजिला होंगी और कुछ चार मंजिला, जो शहर की संरचना और सिमेट्री को बिगाड़ देगी। इसके अलावा, यह निवासियों की गोपनीयता और सुरक्षा का उल्लंघन करेगा, क्योंकि ऊपरी मंजिलों से निचली मंजिलों के घरों में झांकने की संभावना बढ़ जाएगी।
- अवसंरचना पर दबाव: निवासियों की घनत्व में वृद्धि से शहर की मौजूदा अवसंरचना जैसे जल आपूर्ति, सड़कों, नालों, सीवेज, बिजली आदि पर अत्यधिक दबाव पड़ेगा।
- ताजी हवा और धूप पर असर: यह ताजी हवा के संचलन और धूप को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा, जो नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक और प्रतिकूल होगा।
- पड़ोसियों के बीच विवाद: स्टिल्ट प्लस 4 मंजिल भवन के निर्माण के लिए पड़ोसियों से अनुमति लेना अनिवार्य है। अगर कोई पड़ोसी अनुमति देने से मना करता है, तो यह पड़ोसियों के बीच अनावश्यक विवाद पैदा करेगा और समाज में सामंजस्य के ताने-बाने को तोड़ देगा। इसके अलावा, यह अनावश्यक शिकायतों और मुकदमों का कारण बनेगा, जिससे न्यायालयों और सरकारी कार्यालयों पर अनावश्यक बोझ पड़ेगा।
- पार्किंग की समस्या: जनसाधारण और विभिन्न निवासियों के कल्याण संघों से प्राप्त शिकायतों के अनुसार, योजना के तहत स्टिल्ट प्लस 4 मंजिल भवनों के निर्माण के बाद पार्किंग स्थान का उपयोग व्यावसायिक गतिविधियों जैसे जिम, होटल आदि के लिए किया जा रहा है, जिससे पार्किंग की समस्या वैसी ही बनी रहती है।
इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, अनुरोध किया जाता है कि उक्त योजना/नीति को लागू न किया जाए, और यदि यह संभव नहीं है, तो उक्त निर्णय को केवल नए सेक्टरों में ही लागू किया जाए।
यह महत्वपूर्ण है कि सरकार नागरिकों की आवाज सुने और उनके मुद्दों का समाधान करे ताकि शहर का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके और निवासियों की समस्याओं का उचित समाधान हो।
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