हरियाणा के परिवहन मंत्री कहते हैं सवाल गलत , जबकि पुलिस का आधिकारिक बयान सामने
80 सीटर बस में 200 से ज्यादा यात्री: कई महिलाएं बेहोश, हंगामा
करनाल में बस रोकने के बाद हंगामा हुआ
परिवहन मंत्री से सवाल पूछने पर सवाल को ही गलत करार दिया
तरावड़ी थाने के एसएचओ ने बताया तीन बस लगाकर यात्रियों को आगे भेजा गया
खबरी प्रशाद, चंडीगढ़
पंचकूला में कल सुबह-सुबह स्कूल के बच्चों से भरी एक बस हादसे का शिकार हुई, जिसमें 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। एक महिला को पीजीआई रेफर किया गया। खबर लिखे जाने तक महिला की तबीयत गंभीर थी और सूत्रों के अनुसार संभवतः महिला का एक हाथ काटना पड़ सकता है। खबर लिखे जाने तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई थी।
देर शाम हरियाणा के परिवहन मंत्री असीम गोयल सेक्टर 6 नागरिक अस्पताल बच्चों से मिलने पहुंचे। खबरी प्रशाद अखबार के संवाददाता ने उनसे अंबाला से बिहार जा रही एक बस को लेकर सवाल पूछा, तो मंत्री जी ने कहा कि सवाल ही गलत है।
आखिर सवाल क्या था ?
दरअसल, 7 और 8 जुलाई की दरमियानी रात करनाल के तरावड़ी इलाके में हरियाणा से बिहार जा रही एक बस को हंगामे के बाद रोकना पड़ा। बस में हंगामा भूसे के तरीके से भरी हुई सवारियों को लेकर हुआ था। आलम यह था कि जब बस से सवारियां उतारी गईं, तो कई महिलाएं बेहोश हो गईं। इस बात की पुष्टि तरावड़ी पुलिस ने भी की है। जानकारी यह भी है कि जब बस से सवारियों को उतारा गया, तो 200 से ज्यादा सवारियां थीं। दैनिक भास्कर डिजिटल के अनुसार बस में 300 यात्री सवार थे। बस में यात्रियों के भार से बस का शॉकर भी टूट गया, जिसकी वजह से बस को रोकना पड़ा। यात्रियों का आरोप है कि बस में यात्रियों के साथ मारपीट भी हुई।
परिवहन मंत्री के क्षेत्र का हाल
हरियाणा के परिवहन मंत्री असीम गोयल अंबाला सिटी से विधायक हैं। यह बस, जो कि लक्ष्य टूर एंड ट्रेवल्स की डबल डेकर बस थी, का नंबर UP 52 AT 4169 है। जब परिवहन मंत्री जी के क्षेत्र से ही बसों की ओवरलोडिंग हो रही है, तो दूसरी जगहों का तो भगवान ही मालिक है।
तरावड़ी थाने के एसएचओ ने क्या बताया
तरवाड़ी थाने के एसएचओ मुकेश कुमार ने बताया, “हमें रात को 2 बजे सूचना मिली थी। कुछ प्रवासी मजदूरों ने बताया कि प्राइवेट बस चालक उन्हें परेशान कर रहे हैं। लोग बस में बीमार भी हो गए हैं। बस के अंदर 250 से ज्यादा यात्री थे। बस को कब्जे में लिया गया है। यात्रियों को दूसरी बसों से भेज दिया गया है। मजदूरों को लेकर जाने के लिए तीन बसें भेजनी पड़ीं।”
उम्मीद है कि मंत्री जी तक यह खबर पहुंचेगी और परिवहन मंत्री होने के नाते वे अपने क्षेत्र के साथ-साथ रात के अंधेरे में चलने वाली इन स्लीपर बसों पर कार्यवाही जरूर करवाएंगे, क्योंकि रात के अंधेरे में चलने वाली इन स्लीपर बसों में भूसे के तरीके से सवारियां भरकर ले जाई जा रही हैं।
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