शर्मनाक..! बिहार में 5 साल की बच्ची से स्कूल में गैंग रेप
5वीं और छठवीं क्लास में पढ़ते हैं आरोपी
बिहार के नवादा में रिश्ते को शर्मसार कर देने वाली खबर सामने आई है । यहां 5 वर्षीय बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया । वाकया नगर थाना अंतर्गत एक प्राइवेट स्कूल का है जहां 05 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किए जाने के कांड में संलिप्त दो किशोरों को निरुद्ध किया गया है ।
नगर थाना में बच्ची की मां द्वारा आवेदन दिया गया कि उसकी 5 वर्ष की बेटी के साथ उसके स्कूल में 2 किशोरों ने सामूहिक किया है । सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए नगर थानाध्यक्ष द्वारा घटनास्थल पर पहुंचकर वहां का निरीक्षण किया । पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ की । बच्ची को इलाज एवं मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल भेजा गया ।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अंबरीश राहुल के निर्देशानुसार नगर थाना द्वारा में कांड की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है । इस मामले में अनुसंधान प्रारंभ किया गया । जांच के क्रम में नगर थाना द्वारा हॉस्पिटल एवं घटनास्थल पर जाकर साक्ष्य जुटाया गया ।
स्कूल परिसर में पूछताछ करने पर यह बात सामने आई की 2 नाबालिग लड़कों द्वारा बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया है । दोनों को निरुद्ध कर पूछताछ की गई तो उन्होंने अपना अपराध स्वीकार किया । इस प्रकार नवादा पुलिस के द्वारा 48 घंटे के अंदर 5 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किए जाने के कांड का उद्भेदन करते हुए दोनों आरोपियों को निरुद्ध किया ।
छोटे बच्चे रेप करना कैसे सीख जाते हैं ?
हर एक बलात्कार की कहानी अपने साथ दर्द लेकर चलती है। ऐसे में अगर किसी मासूम बच्ची के साथ यौन शोषण हो तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। बच्चों की मासूमियत को रौंदने वाला अगर कोई बच्चा ही हो तब कई सारे सवाल उठ जाते है। क्या यह कहना सही होगा कि ऐसे बच्चे जो रेप जैसे घिनौने अपराध को अंजाम देते हैं उनकी मासूमियत पहले से ही खत्म हो चुकी थी ? उनकी मानसिकता आखिर किस प्रकार की है कि उन बच्चों ने ऐसा करने का सोचा भी ?
यह कल्पना कर पाना तक मुश्किल हो जाता है कि एक नाबालिक जो महज 11-12 वर्ष का है वह छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार कैसे कर सकता है ? क्या इसमें फोन को दोष देना चाहिए ? या फिर इसमें मां बाप दोषी है !
- शारीरिक विकास से उठे सवाल : धीरे-धीरे जब लड़का और लड़की बड़े होते हैं उनके शरीर में शारीरिक विकास भी होता है। इसको लेकर वे परेशान रहते हैं। बात करने तो जाते हैं लेकिन क्या बात करें इस बारे में ज्यादा पता नहीं होता। एक दूसरे का शरीर पसंद आने लग जाता है पर उसका सही इस्तेमाल और तरीके के बारे में ज्ञान नहीं होता। ऐसे में 11 से 14 साल के लड़के कई सारे सवालों की खोज में गलत काम कर बैठते है।
- फोन बढ़ाता है मानसिकता : आजकल मूवी और सीरीज में कई सारी अश्लील चीज दिखाई देती है जो बच्चों के दिमाग पर गहरा असर डालती है। सही और गलत की सोच को खत्म करती है। नेटफ्लिक्स, इंस्टाग्राम और ना जाने कितनी वेबसाइट ने एडल्ट कंटेंट दिखाना शुरू कर दिया है। मां-बाप कितनी ही कोशिश कर ले पर फोन में बच्चे क्या देखते हैं इस बात पर उनका जोर नहीं चलता। कोई अश्लील सीन उन्हें दिखाई देता है तो उनके मन में उत्तेजना पैदा होती है वैसा ही कुछ करने की। यह भीं एक कारण नाबालिग बलात्कारी आरोपी के लिए हो सकता है ।
- परिवारक माहौल : धीरे-धीरे बच्चे बड़े होते हैं और बड़े होते हुए परिवार में अगर बच्चे ऐसा कुछ माहौल देख ले जो गलत है उससे भी उनके दिमाग पर असर पड़ता है। कई बार ऐसा भी हुआ है की मां-बाप को देखते हुए बच्चे ने गलत कदम उठाया हो । सब बच्चों के लिए मां-बाप भगवान का रूप होते हैं और जो वह करते हैं बच्चे भी वही करना चाहते हैं। गुड टच और बैड टच की समझ नहीं होती पर दूसरों को कॉपी करना चाहते हैं। यह भी एक कारण हो सकता है जो नाबालिक को रेप करने के लिए उकसा सकता है।
सेक्स एजुकेशन है जरूरी
इस मोबाइल को दोष देना सही नहीं होगा। चाहे वजह जो भी हो पर नाबालिक रेप के सवालों के जवाब ढूंढते हुए करता है। उसे जिस बात की समझ नहीं होती वह वही करना चाहता है। एक दूसरे के बारे में जानने की उत्साह में बच्चे गलत कदम उठा लेते हैं, जो उसे गलत रहते जानने के लिए प्रेरित करता है। अगर स्कूल के साथ माता-पिता भी सेक्स के बारे में ज्ञान देने लग जाए तब इससे बच्चों के सवालों की पोटली वही खत्म हो जाएगी। जितने भी सवाल है वह मां बाप से पूछेंगे ना कि बाहर की दुनिया में वालों का जवाब ढूंढने में लगेंगे। सेक्स एजुकेशन बच्चों को उनके मन पर काबू करने के लिए भी ज्ञान देता है। लड़का लड़की से आकर्षित हो और लड़की लड़के से यह तो आम बात है। धीरे-धीरे ऐसा होना ही है तो वक्त के साथ जरूरी हो जाता है कि लड़का एक लड़की के शरीर के बारे में जाने और लड़की भी समझे कि गुड टच और बैड टच क्या होता है।
शहरों में रेप केसेस अधिक क्यों होते हैं?
एक रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर बलात्कार के मामले शहरों में रिकार्ड होते है। इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। गांव मे आज भी एक दूसरे की मर्यादा को समझा जाता है। एक बेटी की इज्जत के साथ पूरे घर की इज्जत जुड़ी होती है और यह बात गांव में सभी लोग जानते हैं। जैसे कि घूंघट की प्रथा आज भी गांव से पूरी तरह नहीं मिटी है वैसे ही एक दूसरे के प्रति सम्मान भी गांव वालों में देखने को मिलता है। यह भी कह सकते हैं कि शहरों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल अधिक देखने को मिलता है। जिस से कई सारे लोग फिर चाहे वह बड़े हो उनका मन गलत काम में लग जाता है। ऐसा होते ही धीरे-धीरे वह अपनी सूझबूझ खत्म कर बैठते है।
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