बाबा यूपी छोड़कर भागे नहीं है, पर बाबा कहां है किसी को पता नहीं है
भोले बाबा के 6 सेवादार हुए अरेस्ट, 30 करीबी हिरासत मे
एफआईआर में नाम शामिल ना होने की हकीकत आई सामने, क्या करोड़ों की संपत्ति के मालिक बच जाते हैं अपराध से?
हाथरस कांड के प्रमुख बाबा भोलेनाथ उत्तर प्रदेश छोड़कर कहीं नहीं गए हैं यह कहना है बाबा के वकील एपी सिंह का । जो बीते कल हाथरस कांड में घायल हुए बाबा के भक्तों से मिलने के लिए अलीगढ़ पहुंचे हुए थे । पर अगर बाबा उत्तर प्रदेश छोड़कर कहीं नहीं गए हैं तो आखिरकार बाबा है कहां क्या उन्हें आसमान निगल गया या जमीन निगल गई । इस बात की जानकारी देते हुए बाबा के वकील एपी सिंह भी बचते नजर आए । उन्होंने कहा कि बाबा के पास अपना कोई आश्रम नहीं है वह तो पेंशन से अपना गुजारा करते हैं जब भी बाबा को जांच की टीम बुलाएगी वह आएंगे।
वही दिल और दिमाग को झकझोर देने वाले हाथरस कांड पर न्यायिक आयोग का गठन हो गया है और जिसकी पहली बैठक नैमिषारण्य में हुई है । आयोग के अध्यक्ष बृजेश श्रीवास्तव ने कहा , बहुत जल्द ही आयोग की टीम हाथरस जाएगी और सबूत इकट्ठा करेगी । दो महीने के अंदर हम जांच पूरी करेंगे और रिपोर्ट शासन को सौंप देंगे । अगर हमें जरूरत पड़ेगी तो पुलिस और मीडिया कर्मियों के भी बयान दर्ज करेंगे , हम दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए बहुत तेजी से काम करेंगे ।
छह लोगों की हुई गिरफ्तारी आईजी रेंज अलीगढ़ शलभ माथुर
आईजी रेंज अलीगढ़ शलभ माथुर ने 4 जुलाई बृहस्पतिवार को पत्रकार वार्ता में बताया की अब तक छह लोगों की गिरफ्तारी की गई है यह सभी लोग आयोजन समिति के सदस्य हैं जिन 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया उनमें दो महिलाएं भी शामिल है । आरोपियों में मैनपुरी के राम लड़ते यादव , शिकोहाबाद के उपेंद्र यादव , हाथरस के मेड सिंह , मंजू यादव , मुकेश कुमार और मंजू देवी शामिल है । वहीं उन्होंने बताया कि मुख्य आयोजक देव प्रकाश बढ़कर पर 1 लाख का इनाम घोषित किया गया है वह अभी पुलिस की पकड़ से दूर है । जानकारी यह भी मिली है कि पुलिस ने एटा , हाथरस , मैनपुरी कासगंज से लगभग 30 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है यह सभी लोग भोले बाबा से ही जुड़े हुए हैं ।
एक सामान्य आदमी से बाबा बनने का पूरा सफर कैसे तय किया भोले बाबा ने
हाथरस कांड के बड़े चेहरे नारायण साकार हरि को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। खबर सामने आई है कि उनके पास करोड़ों की संपत्ति जमा है, आलीशान आश्रम के साथ लग्जरी कारों का काफिला मौजूद है। आखिर एक सामान्य आदमी से बाबा बनने के बाद करोड़ों की संपत्ति अर्जित कैसे कर ली?
आपको बता दे की हाल ही में उत्तर प्रदेश हाथरस में एक सत्संग के दौरान बड़ा हादसा हुआ , जिसने 123 लोगों की जान चली गई । पूरे देश को झकझोर देने वाली यह घटना तब हुई जब नारायण साकार विश्व हरि के सत्संग के बाद उनका चरण रज लेने और दर्शन करने के लिए लोग आतुर हो गए। कई लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है। सरकार ने वादा किया है कि जिन लोगों की घटना के दौरान मृत्यु हो गई उनको 2 लाख रुपए दिए जाएंगे और जो लोग घायल हुए उन्हें 50 हज़ार रुपए का हर्जाना मिलेगा। हालांकि नारायण साकार हरि जिनके लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया था, उसका नाम तक पुलिस ने एफआईआर में दर्ज नहीं किया है। अब बाबा को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। भोले बाबा की संपत्ति पर सवाल उठने लगे हैं। जांच के दौरान यह भी पता चला कि नारायण साकार हरि के ऊपर पहले से ही कई मामले दर्ज हो चुके हैं। यह भी पता चला है कि जिस आश्रम में वह रहते थे उसकी कीमत करोड़ों में है।
आम इंसान से बाबा बनने का सच क्या है?
ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि किसी बाबा के पास लग्जरी कार, आलीशान महल और करोड़ों की जमीन जायदाद मौजूद हो। नारायण साकार हरि का नाम भी इन्हीं में जुड़ चुका है। रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों के हाथ बाबा की संपत्ति से जुड़े कुछ दस्तावेज लगे हैं। बाबा के पास उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में 13 एकड़ में फैला हुआ आश्रम है, जिसकी कीमत लगभग चार करोड़ है। यहां तक की आश्रम के अंदर फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाएं मौजूद है। कई कमरे मौजूद है जिसमें से 6 कमरे बाबा के ही है। 6 कमरे कमेटी के सदस्यों और संस्थान के लिए काम करने वाले लोगों को दिए गए हैं। आश्रम के लिए प्राइवेट रोड का भी प्रबंध किया गया है। लेकिन बाबा ने दावा किया है कि यह आश्रम उन्हें गिफ्ट के तौर पर मिला था। दस्तावेजों में आश्रम के अलावा भी बाबा की करोड़ों की संपत्ति है, जो देश के कई हिस्सों में फैली हुई है।
बाबा की पर्सनल गाड़ी फॉर्चूनर है और जब भी वह कहीं बाहर जाते हैं तब 20 से 25 गाड़ियां तो उनके साथ चलती ही हैं। हाथरस में सत्संग करने भी बाबा 15 गाड़ियों का काफिला लेकर पहुंचे थे। कानपुर में भी बाबा का एक आश्रम बताया जा रहा है, जो 14 बीघा में फैला हुआ है। आश्रम के पास बाबा का ऐसा डर बिठा रखा है कि आसपास के गांव वाले आश्रम के बगल से गुजर तक नहीं सकते। गांव के लोगों का कहना है कि आश्रम के अंदर 10 सेवादार रहते हैं जो वहां पर पूजा पाठ किया करते हैं। सूत्रों के मुताबिक यह भी पता चला है कि पूर्व में कोई थाना प्रभारी और पुलिसकर्मियों को आश्रम से ही टिफिन जाया करता था । बाबा साकार हरि अपने प्रवचनों में सफेद थ्री पीस सूट-बूट और महंगे चश्मे में भी नजए आए।
खुद की रखते हैं आर्मी
जब आश्रम से बाबा का काफिला निकलता है, तब उसमें कई सारी गाड़ियां और सैकड़ो सेवादारों की फौज पीछे दौड़ती है। खुद की आर्मी के साथ निजी सेवादार भी बाबा के साथ चलते हैं। इस फौज में जो भी लोग होते हैं उन्हें गुलाबी रंग के कपड़े पहनने पड़ते हैं। फौज में भर्ती के लिए आवेदन भी करना पड़ता है। इससे ऐसा लगता है कि बाबा को पुलिस प्रशासन पर ज्यादा भरोसा नहीं है।
औलाद नहीं होने के कारण ट्रस्ट को दी प्रॉपर्टी
अब धीरे-धीरे बाबा की पोल खुल चुकी है। बताया जा रहा है कि औलाद नहीं होने के कारण सूरज पाल सिंह जाटव ने 24 मई 2023 को अपनी सारी संपत्ति नारायण विश्व हरि ट्रस्ट के नाम कर दी थी। बाबा अपने भक्तों से एक रुपया नहीं लेते हैं, पर बाबा का साम्राज्य कई शहरों में फैला हुआ है। भक्तों के बीच ये बाबा कई नाम से जाने जाते हैं- नारायण साकार हरि, विश्व हरि, भोले बाबा, पर इनका असली नाम सूरजपाल सिंह जाटव है। जिनकी उम्र करीब 58 साल बताई जा रही है। अब सवाल यह उठता है कि भक्तों से बिना 1 रुपया लिए भी इतना बड़ा साम्राज्य कैसे खड़ा हो सकता है? कही इसी रईसी ने ही तो उनका नाम एफआईआर में दर्ज होने से तो नहीं रोक रखा है ?
बाबाओं का यह मायालोक
उत्तर प्रदेश के भोले बाबा के बारे में मिले विवरण के अनुसार उन्होंने मायालोक बना कर आमजन को भ्रमित करने का काम कर रखा था । खुद को भगवान् विष्णु का अवतार बता कर डिजिटल तरीके से शेषनाग पर बैठे सुदर्शन चक्र थामे दिखाई देते थे और अतीत ऐसा कि 28 साल पहले छेड़खानी के आरोप में पुलिस विभाग में निलंबित हुए और एटा जेल की हवा भी खाई और आधा दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं और ये साक्षात् विष्णु भगवान् होने का दम भरते हैं ! कोर्ट से बहाल होने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर सूरजपाल जाटव बाबा नारायण साकार हरि के रूप में सामने आया !
अभी इसकी मैनपुरी के आश्रम में आरती उतारी जा रही है और मुख्य द्वार पर चरणामृत और प्रसाद व भोग वितरण किये जाने के समाचार हैं । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बाबा आदित्यनाथ, जो बुलडोजर बाबा के रूप में मीडिया में वाहवाही लूट रहे हैं, उनका बुलडोजर अब तक कहां है और आश्रम पर व भोले बाबा पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं हो रही ? ये सवाल उठ रहे हैं निरंतर !
अभी उत्तर प्रदेश के बाद आज विदेश में भी ऐसे ही ढोंगी धर्मगुरु राजिंदर कालिया पर उनकी ही चार शिष्याओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया है ! ये धर्मगुरु इक्कीस साल पहले ब्रिटेन पहुंचे और एक मंदिर बनाया, आरोप है कि भारतीय मूल की चार शिष्याओं की मदद करने के नाम पर दुष्कर्म किया ! तीन लोगों ने वेतन न देने का आरोप भी लगाया !
आखिर यह बाबाओं का कैसा मायाजाल है? क्या राम रहीम, आसाराम या अन्य बाबाओं के अतीत के किस्सों से समाज कोई सबक लेने को तैयार नहीं ? दुखों को दूर करने या करवाने के लिए इन ढोंगियों के सिवाय और कोई रास्ता नहीं ? धर्म के नाम पर ये कैसे अवतार बन कर सामने आ रहे हैं, जिन पर उनकी ही शिष्याओं या साध्वियों के यौन शोषण के केस चल रहे हैं ? इस मायाजाल से कब मुक्त होंगे? अशिक्षा, अंधविश्वास, असीमित दुख और सीमित कमाई ये सब कारण हैं इनके मायाजाल के फैलने के ! ये भोले बाबा भोली जनता के धन, मन और तन का हरण करने में संकोच नहीं करते! फिर भी ये बाबा हैं और 121 लोगों की आहुति के बाद भी इनके आश्रम बड़े आराम से चल रहे हैं ! सत्य धर्म की परीक्षा का समय है । अधर्म का नाश हो, सत्य की विजय ! तभी मानेंगे कि कहीं धरती पर स्वर्ग है धर्म है !
मुझको कहां ढूंढे रे बंदे मैं तो तेरे पास में….
कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी
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