मोदी ने विपक्ष के साथ-साथ सहयोगियों को भी दे दिया संदेश
जो वह चाहेंगे वही होगा, चाहे बीजेपी अल्पमत में हो तो क्या?
राहुल और अखिलेश ने बधाई देने के बहाने बिरला को सुनाई खरी-खरी
18वीं लोकसभा के लिए भारतीय जनता पार्टी के कोटा से सांसद ओम बिरला को दूसरी बार लगातार लोकसभा का स्पीकर चुना गया है। उनके सामने कांग्रेस के के सुरेश उम्मीदवार थे। मगर सदन शुरू होने के महज 18 मिनट के अंदर ध्वनि मत से प्रोटेम स्पीकर भृतहरी महताब ने ओम बिरला को लोकसभा का स्पीकर घोषित कर दिया। बिरला भाजपा के ऐसे सांसद बन गए हैं जिन्हें दूसरी बार लोकसभा स्पीकर पद के लिए चुना गया है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी उनको स्पीकर की आसंदी तक लेकर गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव सदन में रखा गया था और ज्यादातर सदस्यों ने मोदी के प्रस्ताव पर सहमति जताई। अगर बिरला अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर लेते हैं तो बलराम जाखड़ के बाद ऐसा करने वाले वह दूसरे नेता होंगे। इस दौरान जब बिरला ने अध्यक्षीय आसन ग्रहण किया तो पीएम मोदी, राहुल गांधी, किरण रिजिजू समेत विपक्ष के भी कई नेताओं ने उन्हें बधाई दी।
बिरला के बहाने मोदी ने विरोधियों के साथ सहयोगियों को भी किया चित
लोकसभा स्पीकर के बहाने मोदी ने विरोधियों को तो चित किया ही है, अपने उन सहयोगियों को भी कड़ा संदेश दे दिया है कि भले भाजपा के नम्बर कम हैं तो क्या हुआ, वे किसी के आगे झुकने वाले नहीं हैं। तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम और नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू भी स्पीकर पद पर निगाह रखे हुए थे। पर मोदी ने पहले अपनी कैबिनेट में महत्वपूर्ण चेहरे भी पुराने ही रखे हैं, यहाँ भी न नायडू की चली न ही नीतीश की। भले ही अखिलेश ने बधाई भाषण में बिरला को संसदीय परंपरा याद दिलाई हो या फिर राहुल ने कहा कि विपक्ष जनता की आवाज लेकर आया है। दरअसल उनका इशारा पिछली लोकसभा के बिरला के फैसलों पर था। पिछली लोकसभा में बिरला ने एक साथ 140 सांसदों को सदन से निष्कासित कर दिया था और राहुल गांधी को कोर्ट से सजा सुनाए जाने के एक ही दिन के अंदर उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी। तो विपक्ष के नेता चाहे राहुल गांधी हों या अखिलेश यादव, भले बधाई के बहाने ओम बिरला को नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हों, पर बिरला से रहम की उम्मीद करना उनके लिए बेमानी ही रह सकता है क्योंकि बिरला वही करेंगे जो साहब चाहेंगे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?
बिरला को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “दूसरी बार लोकसभा स्पीकर का पद संभालना अपने आप में ही रिकॉर्ड है। बलराम जाखड़ ही इससे पहले सिर्फ दो बार लोकसभा अध्यक्ष रहे हैं। ज्यादातर नेता स्पीकर बनने के बाद चुनाव नहीं लड़े हैं या फिर जीतकर नहीं आए हैं, लेकिन आप (ओम बिरला) चुनाव जीतकर आए हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि “मैं ओम बिरला जी को दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई देता हूँ। सदन को उनकी सूझ-बूझ और अनुभव से बहुत लाभ होगा। उन्हें आगामी कार्यकाल के लिए मेरी शुभकामनाएं।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने क्या कहा?
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को बधाई देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि “सरकार के पास राजनीतिक सत्ता है, लेकिन विपक्ष देश की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है। इस बार विपक्ष देश की आवाज का प्रतिनिधित्व कर रहा है।” राहुल गांधी ने कहा, “अध्यक्ष जी, विपक्ष आपको आपके काम में मदद करेगा। हम चाहते हैं कि सदन ठीक से काम करे। महत्वपूर्ण यह है कि विपक्ष को सदन में जनता की आवाज को उठाने दिया जाए। मुझे विश्वास है कि आप हमें अपनी आवाज और जनता की आवाज को उठाने का मौका देंगे।”
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बिरला को दूसरी बार स्पीकर बनने के लिए बधाई दी और कहा कि “प्रधानमंत्री जी और हमारे साथी नेता विपक्ष ने आपको बधाई दे चुके हैं। आपको पाँच साल सदन चलाने का अनुभव रहा है। साथ ही आपको पुराने और नए दोनों सदनों का अनुभव है। जिस पद पर आप बैठे हैं उससे कई गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं। हम सब यही मानते हैं कि सदन बिना भेदभाव के आगे बढ़ेगा और लोकसभा अध्यक्ष के रूप में हर सांसद और हर दल को सम्मान देंगे। निष्पक्षता इस महान पद की महान जिम्मेदारी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि “आप लोकतांत्रिक न्याय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में बैठे हैं। हम सबकी आपसे अपेक्षा है कि किसी जनप्रतिनिधि की आवाज दबाई ना जाए और न ही निष्कासन जैसी कार्यवाही दोबारा सदन की गरिमा को ठेस पहुँचाए। आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता ही है, लेकिन आपका अंकुश सत्ता पक्ष पर भी रहे।”
तीसरी बार लोकसभा अध्यक्ष के लिए हुआ चुनाव
आज तक भारत में लोकसभा अध्यक्ष के लिए यह तीसरा चुनाव हुआ है। ओम बिरला के सामने कांग्रेस ने आठवीं बार चुने गए सांसद के. सुरेश को मैदान में उतारा था। जाहिर सी बात थी कि लोकसभा अध्यक्ष का पद ओम बिरला को मिलना था क्योंकि उनका पक्ष ज्यादा भारी था। एक तरफ एनडीए उम्मीदवार को 297 सांसदों का साथ था, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष को 232 सांसदों का समर्थन प्राप्त था।
फिलहाल ओम बिरला लोकसभा के स्पीकर निर्वाचित हो चुके हैं और उम्मीद की जानी चाहिए कि सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष को भी अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलेगा। पिछली बार की तरह सदन में विपक्ष मजबूत जरूर है पर आसंदी की कुर्सी पर पिछली बार वाले बिरला जी ही विराजमान हैं। विपक्ष की छोटी सी गलती पर उनसे रहम की उम्मीद करना बिल्कुल उसी तरीके से है जैसे सूरज का पश्चिम से निकलना।
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