पैकेज के भरोसे पर बनेगा लोकसभा स्पीकर ?
लोकसभा स्पीकर पर विपक्ष ने उतारा अपना उम्मीदवार
संसदीय इतिहास में पहली बार स्पीकर चुनाव के लिए होगी वोटिंग
लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे राहुल गांधी
खबरी प्रशाद, नई दिल्ली
मोदी है तो मुमकिन है यह डायलॉग भारतीय जनता पार्टी का ही है और ऐसा लगता है कि इस बार की लोकसभा में यह डायलॉग सही बैठ रहा है। दरअसल 18वीं लोकसभा के स्पीकर पद के लिए भारत के संसदीय इतिहास में पहली बार चुनाव होने जा रहा है। विपक्ष का आरोप है कि हम तो सत्ता पक्ष के उम्मीदवार को समर्थन देने को तैयार थे परंतु सत्ता पक्ष परंपरा के अनुसार डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देने को तैयार नहीं था। इसी वजह से हमें अपना उम्मीदवार उतारना पड़ा ।
आगे बढ़े इसके पहले यह कहानी बहुत कुछ कह देती है
महाभारत में जब पांडव जूए में सब कुछ हार गए थे और उन्हें कौरवों की तरफ से अज्ञातवास का फरमान सुना दिया गया था तब पांडवों की तरफ से कृष्ण उनके दूत बनकर धृतराष्ट्र की सभा में गए थे और उनसे पांडवों के लिए सिर्फ पांच गांव मांगे थे। परंतु अहंकार में भरे हुए दुर्योधन ने कृष्ण से कहा था पांच गांव तो छोड़िए मैं तो सुई की नोक के बराबर भी उनको जगह देने को तैयार नहीं हूं। संसदीय परंपरा में आज जो कुछ भी हुआ उसको देखने के बाद अकस्मात यह कहानी याद आ गई ।
दरअसल विपक्ष द्वारा अपना उम्मीदवार उतारे जाने की पटकथा तो 24 जून सोमवार की रात ही लिख दी गई थी परंतु उसके लिए इंतजार किया जा रहा था 25 जून का कि शायद सत्ता पक्ष अपना रुख नरम करें और विपक्ष की मांग पर विचार करे। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने संसद के बाहर मीडिया कर्मियों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि हम तो राजनाथ सिंह के फोन का इंतजार कर रहे हैं मगर उन्होंने हमारे नेता (कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे) को फोन तक करना जरूरी नहीं समझा। इसलिए मजबूरी बस हमें अपना उम्मीदवार उतारना पड़ रहा है। वही राजनाथ सिंह ने कहा कल यानी 24 जून सोमवार से मल्लिकार्जुन खड़गे से मेरी तीन बार बात हुई है। बस इतना कहकर ही वह आगे बढ़ गए उन्होंने यह नहीं बताया कि मल्लिकार्जुन खड़गे से बात क्या हुई है। मामला यहीं फस गया और मंगलवार को दोपहर 12:00 बजे तक लोकसभा के स्पीकर के नाम के लिए नामांकन दाखिल किया जाना था। भारतीय जनता पार्टी ने पिछली बार के लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पर ही अपना दांव खेल दिया। ओम बिरला वही स्पीकर है जिन्होंने पिछली लोकसभा में 140 से भी ज्यादा सांसदों को लोकसभा से बाहर का रास्ता दिखाया था। इस बार लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी का बहुमत न होने की वजह से मोदी सरकार को इस बात का डर सता रहा है की नए स्पीकर को लाने के बाद मजबूत स्थिति में दिख रहा विपक्ष कहीं खेल न कर दे।
विपक्ष के दोनों हाथों में लड्डू
कहा जा रहा है कि स्पीकर के पद पर अपना उम्मीदवार उतारने के बाद भले ही विपक्ष का उम्मीदवार हार जाए परंतु फिर भी विपक्ष ने उम्मीदवार उतार कर मोदी सरकार को यह तो बता दिया है कि 18वीं लोकसभा में एनडीए सरकार की राह आसान नहीं रहने वाली। इंडिया गठबंधन को अपने उम्मीदवार के समर्थन में डाले गए वोटो से अपनी ताकत का अंदाजा भी हो जाएगा। अगर कहीं उम्मीदवार जीत गया तो ऐसी स्थिति में क्या होगा यह लिखने की जरूरत नहीं है।
एनडीए की बैठक में तेलुगू देसम नहीं आई
जानकारी मिली है कि राजनाथ सिंह के घर पर लोकसभा स्पीकर के चुनाव को लेकर जो बैठक आयोजित की गई थी उसमें तेलुगू देशम पार्टी से कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा था। अगर वाकई में यह खबर सच है तो यह एनडीए के लिए अभी से खतरे की घंटी साबित हो रही है। हालांकि ना तो तेलुगु देशम और नाही जेडीयू अभी कोई खेल करने की स्थिति में है।
25 ऐसे सांसद जो ना एनडीए में है ना ही इंडिया गठबंधन में
लगभग 25 से 30 ऐसे सांसद हैं जो ना एनडीए गठबंधन का हिस्सा है या ना ही इंडिया गठबंधन का। सारा खेल इन सांसदों के वोट पर भी निर्भर करेगा। अगर इन सांसदों ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को वोट दे दिया तो इंडिया गठबंधन की ताकत और बढ़ जाएगी। अगर इसका उल्टा होता है यानी कि यह वोट एनडीए को चले जाते हैं तो ऐसी स्थिति में एनडीए सरकार के बहुमत के आंकड़े में और बढ़ोतरी हो जाएगी।
अपने-अपने उम्मीदवार को जीतने के लिए एनडीए और इंडिया गठबंधन जोड़-तोड़ में जुटा
लोकसभा स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार जितवाना एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों के लिए नाक का सवाल बन गया है। जब से विपक्ष ने अपना उम्मीदवार को उतारने का ऐलान किया है तब से लेकर लगातार दोनों गठबंधन के नेतागण सभी छोटी पार्टियों के संपर्क में आ गए हैं और समर्थन लेने की कोशिश की जा रही है।
एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों ने अपने सांसदों को जारी किए व्हिप
एनडीए गठबंधन में शामिल सभी सांसदों को सुबह 10:30 बजे संसद में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया गया है। तो वही इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को सुबह 11:00 के पहले संसद भवन पहुंचने के लिए कहा है।
मत विभाजन की स्थिति में कागज की पर्चियां से होगी वोटिंग
वैसे तो नई लोकसभा पूरी तरीके से ऑटोमेटेड बनाई गई है परंतु यह पहली लोकसभा है। अभी सदस्यों को सीट भी आवंटित नहीं की गई है। जिसकी वजह से अगर ऐसी नौबत आती है कि मतदान करवाना है तो ऐसी स्थिति में कागज की पर्चियां से वोटिंग होगी। अगर मतदान की स्थिति आती है तो कागज की पर्चियां की वजह से मतदान होने के बाद परिणाम आने में कुछ समय लग सकता है।
विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर तृणमूल कांग्रेस हुई नाराज
लोकसभा स्पीकर पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के. सुरेश की उम्मीदवारी को लेकर तृणमूल कांग्रेस की नाराजगी सामने आई है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद अभिषेक बनर्जी की तरफ से कहा गया है कि विपक्ष के उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर हमसे कोई संपर्क नहीं किया गया कोई बात नहीं हुई। दुर्भाग्य से यह एक तरफा फैसला है।
कौन-कौन है उम्मीदवार और किस दल से है
एनडीए की तरफ से पूर्व लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 18वीं लोकसभा के स्पीकर पद के लिए आवेदन किया है तो इंडिया ब्लॉक की तरफ से आठ बार के संसद के सुरेश की तरफ से नामांकन किया गया है । के सुरेश वहीं सांसद हैं जिनके लिए विपक्ष ने प्रोटेम स्पीकर की मांग की थी । विपक्ष का कहना था कि के सुरेश आठ बार के जीते हुए सांसद हैं जबकि प्रोटेम स्पीकर जिनको बनाया गया है वह सात बार के जीते हुए सांसद हैं। एनडीए सरकार संवैधानिक परंपराओं का उल्लंघन कर रही है ।
ओम बिरला जीते तो पहली बार भाजपा का कोई नेता दूसरी बार लगातार बनेगा लोकसभा स्पीकर
लोकसभा स्पीकर पद पर अगर ओम बिरला जीत जाते हैं तो ऐसा पहली बार होगा कि भारतीय जनता पार्टी का कोई नेता लगातार दूसरी बार लोकसभा का स्पीकर बनेगा ।
कौन होगा 18वीं लोकसभा का स्पीकर पता चलेगा दोपहर 12:00 बजे
18वीं लोकसभा के लिए लोकसभा का स्पीकर कौन बनेगा इस बात के बारे में दोपहर 12:00 बजे के आसपास परिणाम आने की संभावना है । यह तो निश्चित हो गया है कि 18वीं यह तो निश्चित हो गया है कि तीसरी बार मोदी सरकार की राह आसान नहीं रहने वाली है । मजबूत स्थिति में दिख रहा विपक्ष सदन शुरू होने के दूसरे ही दिन अपनी कड़े तेवर के साथ मोदी सरकार के सामने खड़ा नजर आ रहा है । तो वही मोदी सरकार को भी इस बात का डर अंदर-अंदर सता रहा है कि अगर कहीं बाजी पलट गई तो फजीहत हो जाएगी । तो शाम दाम दंड भेद लगाकर लोकसभा स्पीकर का पद एनडीए अपनी झोली में डालने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा ।
लोकसभा में राहुल गांधी बनेंगे विपक्ष के नेता
राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति के फैसले को स्वीकार कर लिया है और वे लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद संभालेंगे।
यह निर्णय 18वीं लोकसभा के पहले बड़े मुकाबले से कुछ घंटे पहले आया है, जिसमें पुनर्जीवित विपक्ष और कमजोर होती सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के बीच स्पीकर पद को लेकर टकराव होगा।
डिप्टी स्पीकर पद पर विपक्षी सदस्य को नियुक्त किए जाने की परंपरा के अनुसार कोई आश्वासन न मिलने पर, कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक ने अंतिम समय में स्पीकर पद के लिए चुनाव कराने का निर्णय लिया। उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार ओम बिड़ला, जो पिछले लोकसभा में स्पीकर थे, के खिलाफ के. सुरेश को उम्मीदवार बनाया है।
देर रात 9:30 बजे कांग्रेस नेता किसी वेणुगोपाल ने इस बात का ऐलान किया कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे राहुल का नाम प्रोटेम स्पीकर को भेज दिया गया है।
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