नई संसद में पहला शपथ ग्रहण समारोह, पहले ही दिन विरोध और सेम सेम के नारे
देश की नई संसद में 18वीं लोकसभा के लिए पहली बार चुने गए सभी सांसदों के लिए शपथ ग्रहण का कार्यक्रम आज से शुरू हुआ है । 2 दिन यह कार्यक्रम चलेगा । शपथ ग्रहण के पहले दिन ही विपक्ष ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के आगे विरोध प्रदर्शन किया । विरोध प्रदर्शन करते वक्त कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन लड़के ने कहा सत्ता पक्ष संविधान का उल्लंघन कर रहा है । दरअसल मामला प्रोटेम स्पीकर से जुड़ा हुआ है । विपक्ष का कहना है कि आठ बार के चुने हुए कांग्रेस के सांसद को प्रोटीन स्पीकर बनाना चाहिए था जबकि सत्ता पक्ष का कहना था की विपक्ष के सांसद भले आठ बार सांसद चुने गए हैं पर वह लगातार नहीं चुने गए हैं ।
शपथ ग्रहण के पहले मीडिया कर्मियों से बोले प्रधानमंत्री मोदी
संसदीय लोकतंत्र में आज का दिन गौरव मय है,यह वैभव का दिन है। आजादी के बाद पहली बार हमारे अपने नए संसद में यह शपथ हो रहा है, अब तक ये प्रक्रिया पुराने संसद में होती थी। आज के इस महत्वपूर्ण दिन पर मैं सभी नव निर्वाचित सांसदों का स्वागत करता हूं सबका अभिनंदन करता हूं और सबको शुभकामनाएं देता हूं । संसद का ये गठन भारत के सामान्य मानवी के संकल्पों की पूर्ति का है। नए उमंग नए उत्साह के साथ नई गति प्राप्त करने के लिए ये अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है। श्रेष्ठ भारत के निर्माण और विकसित भारत का लक्ष्य ये सारे सपने लेकर आज 18वीं लोकसभा का प्रारंभ हो रहा है। विश्व का सबसे बड़ा चुनाव बहुत ही शानदार तरीके से, बहुत ही गौरवमय तरीके से संपन्न होना, ये हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। करीब 65 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया। अगर हमारे देश के नागरिकों ने लगातार तीसरी बार किसी सरकार पर भरोसा किया है, तो इसका मतलब है कि उन्होंने सरकार की नीतियों और नीयत पर मुहर लगाई है। मैं आप सभी के समर्थन और भरोसे के लिए आभारी हूं। सरकार चलाने के लिए बहुमत ज़रूरी है, लेकिन देश चलाने के लिए आम सहमति ज़रूरी है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कल 25 जून हैं। जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा से समर्पित हैं, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है। कल 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी ये कभी नहीं भूलेगी की संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था, भारत को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था। इमरजेंसी के ये 50 साल इस संकल्प के हैं कि हम गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी ये संकल्प करेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था।
*इंडिया गठबंधन के नेताओं ने संसद परिसर में संविधान की प्रति लेकर विरोध प्रदर्शन किया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा संविधान को बचाने के लिए हमने जो कोशिश की थी उसमें जनता हमारे साथ है लेकिन मोदी जी ने संविधान को तोड़ने की कोशिश की। इसलिए आज हम यहां एकत्रित होकर विरोध कर रहे हैं। यहां पर गांधी जी की प्रतिमा थी और हम यहीं पर विरोध कर रहे हैं । हर लोकतांत्रिक नियमों को तोड़ा जा रहा है इसलिए हम बता रहे हैं कि मोदी जी आज संविधान के तहत चलिए ।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शपथ लेने पहुंचे तो विपक्षी लगाएं सेम सेम के नारे
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का नाम जब लोकसभा में शपथ लेने के लिए पुकारा गया तो विपक्ष ने सेम सेम के नारे लगाए । दरअसल विपक्ष हाल ही में हुए कई परीक्षाओं में गड़बड़ घोटाले को लेकर शिक्षा मंत्री को 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में आइना दिखा रहा था ।
10 साल के बाद में देश में मजबूत विपक्ष से सत्ता पक्ष का सामना होना है । और सही मायने में तो सत्ता पक्ष की ताकत और विपक्ष की ताकत का पता बुधवार 26 जून को चलेगा जिस दिन लोकसभा के स्पीकर का चुनाव होगा । अगर सत्ता पक्ष लोकसभा स्पीकर अपना बनाने में कामयाब हो गया तो मान लिया जाएगा कि मोदी सरकार बहुमत में है और अगर बड़ी विपक्ष ने इस मामले मार ली तो आने वाले दिन मोदी सरकार के लिए मुश्किल भरे हो सकते हैं ।
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