Chandigarh Toy Train हादसे में एक बच्चे की मौत पर उठे सवाल, गलती किसकी
बाहर जाते वक्त बच्चों के साथ रखे सावधानी, घूमते फिरते समय ध्यान रखना है जरूरी
एक परिवार घूमने के लिए जब भी बाहर जाता है उनमें साथ एक बच्चा अक्सर होता ही है जो अक्सर जिद करने लगता है। फिर चाहे वह खेलने की हो या खाने की। मां बाप अक्सर बच्चों को लेकर लापरवाह हो जाते हैं। उनका ध्यान बच्चों से ज्यादा घूमने पर लग जाता है। ऐसे में दुर्घटना होना आम बात हो चुकी है।
छुट्टियों में लोग अपने बच्चों को बाहर लेकर घूमने जाते हैं। उस समय ऊपर विशेष ध्यान रखना जरूरी है। शरारत करते हुए कभी कोई हादसा भी हो सकता है। एक परिवार को हमेशा बच्चों को लेकर सतर्क रहना चाहिए और उनके ऊपर ध्यान देना चाहिए कि वह कहां आ रहे हैं और कहां जा रहे हैं। अगर आप लोग बच्चों के साथ बाहर जाने का प्लान कर रहे हैं तो कुछ बातों को पहले से ही ध्यान में रखते हुए जाना चाहिए।
बच्चों के लिए ट्रैवल टिप्स क्या है?
ज्यादातर बच्चे मां-बाप का हाथ छोड़कर मौज मस्ती के लिए भागते हैं। उनको हमेशा अपने साथ व्यस्त रखना चाहिए। ताकि उनका ध्यान इधर-उधर ना जाए। एंटरटेनमेंट का पूरा ख्याल बच्चों के साथ रखना पड़ता है। आमतौर पर बच्चे काफी एक्टिव होते हैं तो उनकी एनर्जी सही जगह पर प्रयोग हो इसका भी मां-बाप को ख्याल रखना चाहिए।
बाहर जाते समय या ट्रैवल करते समय बच्चों के खिलौने साथ रखना जरूरी हो जाता है। ताकि वह अपने खिलौनों से खेल सके। आपने देखा होगा कि मां-बाप मॉल में बच्चों को झूले पर बिठा देते हैं लेकिन वह झूले कितने सुरक्षित है और कितने नहीं इस बात का पता नहीं होता। उन्हें झूलों से गिरकर बच्चों को चोट लग जाती है। बच्चों के साथ बाहर जाते वक्त माता-पिता के साथ हमेशा खाना होना चाहिए। इसे वह बाहर जाते समय परेशान नहीं करते। माता-पिता मॉल के अंदर अपने बच्चों को गेमिंग जोन में छोड़कर चले जाते हैं और शॉपिंग करने लगते हैं। हालांकि यह करना गलत होगा। एक बड़े की निगरानी होना बच्चों के ऊपर जरूरी होता है।
चंडीगढ़ में टॉय ट्रेन से से गिरा बच्चा हुई मौत
चंडीगढ़ के एक मॉल में टॉय ट्रेन के अंदर बच्चे सफर कर रहे थे कि तभी अचानक टॉय ट्रेन पलट गई।
जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई । परिवार पंजाब की किसी शहर से चंडीगढ़ घूमने आया था परंतु चंडीगढ़ शहर उनके लिए यादगार न होकर दागदार शायर बन कर रह गया ।
गेमिंग जोन में लगी आग
बच्चे अक्सर गर्मियों का मजा लूटने के लिए गेम ज़ोन जाया करते हैं, लेकिन अगर यही मजा सजा बन जाए, तब किसकी गलती होगी? गुजरात के राजकोट से एक बड़ी खबर सामने आई थी। जहा आग लगने के कारण गेम जोन के अंदर 12 बच्चों के साथ 35 लोगों की मौत हो गई थी। यह हादसा करीब 1 महीने पहले का है। हालांकि, ऐसा नहीं है गुजरात में इस तरह का हादसा पहली बार हुआ हो। पिछले कुछ सालों में गुजरात देश के कुछ सबसे ज्यादा खतरनाक हादसों का गवाह बन चूका है।
उस समय मौजूद लोगों के अनुसार, नाना-मावा रोड पर मौजूद गेम जोन में अक्सर लोगों की भीड़ रहा करती थी। सूत्रों के अनुसार उस समय गेम जोन में 300 लोग मौजूद थे, जिसमें से ज्यादातर संख्या बच्चों की थी। बच्चों समेत बड़े भी गेम जोन का मजा उठा रहे थे, तभी आग लग गई। बच्चों के माता-पिता को भी कहां पता था कि यह खुशियां कुछ पल की ही है।
अब इन हादसों को किसकी लापरवाही कहेंगे माता-पिता की, परिवार की या बच्चों की या फिर गेमिंग जोन चलने वाली कंपनियों की ? बच्चे तो नासमझ होते हैं उनका ख्याल रखना माता-पिता का फर्ज है। पर आजकल के जमाने में लोग अपने आप में इतना व्यस्त है कि वह अपने बच्चों पर ठीक ढंग से ध्यान नहीं दे पाते। खास तौर पर जब वह कहीं घूमने के लिए जाते हैं ।
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