दुर्लभ संयोग से भरा हुआ है इस बार का श्रावण मास : पंडित चेतन शर्मा
आइए इस लेख में श्रावण मास 2024 से जुड़ी सभी जानकारियों को विस्तार से जानते हैं। पंडित चेतन शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया की हिंदू शास्त्रों में हर मास किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। ऐसे ही, सावन का महीना भगवान शिव को प्रिय हैं। सावन माह सनातन धर्म का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस दौरान भक्त भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। श्रावण मास में भगवान की शिव की पूजा आराधना करने वाले भक्तों पर भगवान शिव की कृपा बरसती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की एकादशी को देवशयनी एकादशी पड़ती है। इस दिन सृष्टि के पालनहार झीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं। इसके साथ ही वह सृष्टि के संचार का बागडोर भोलेनाथ के हाथ में दे जाते हैं। ऐसे में भोलेनाथ अपने हर एक भक्त की पुकार सुनते हैं। इस साल सावन का महीना 22 जुलाई 2024 दिन सोमवार से शुरू होगा जिस वजह से यह बेहद शुभ माना जा रहा है। साल 2024 में सावन की शुरुआत और समाप्ति दोनों ही सोमवार से हो रही है, जिससे इसका महत्व दोगुना हो गया है। इस बार सावन 2024 में पांच सोमवार और चार मंगला गौरी व्रत आएंगे। इसके अतिरिक्त 31 जुलाई 2024 (बुधवार): कामिका एकादशी, 1 अगस्त 2024 (गुरुवार): प्रदोष व्रत, 2 अगस्त 2024 (शुक्रवार): सावन शिवरात्रि, 7 अगस्त 2024 (बुधवार): तीज़, 9 अगस्त 2024 (शुक्रवार): नाग पंचमी, 16 अगस्त 2024 (शुक्रवार): पुत्रदा एकादशी, 17 अगस्त 2024 (शनिवार): प्रदोष व्रत आदि मुख्य दिवस है। इसके अलावा प्रीति, आयुष्मान योग के साथ सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है। इस शुभ योग में भोलेनाथ की पूजा करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होगी। हिंदू पंचांग के अनुसार,प्रीति योग सुबह से लेकर शाम 5 बजकर 58 मिनट तक है। इसके बाद आयुष्मान योग लग जाएगा। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5 बजकर 57 मिनट से आरंभ होकर राक 10 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। श्रावण मास के दौरान कांवड़ यात्रा भी बहुत प्रसिद्ध है, जिसमें श्रद्धालु हरिद्वार से पवित्र गंगाजल भरकर पैदल अपने गंतव्य तक पहुंचाते हैं। तथा अपने गांव व नगर के शिवालियो में भगवान शिव को गंगाजल चढ़ाते हैं।
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