शादी के 22 साल बाद वेट-लिफ्टिंग शुरू की, जीता गोल्ड
तीन बच्चों की मां ने अमेरिका में खेला इंटरनेशनल टूर्नामेंट, अब टारगेट वर्ल्ड चैंपियन बनना..!!
अमेरिका के टेक्सास में इंटरनेशनल वेट लिफ्टिंग टूर्नामेंट में बाड़मेर की अनिता राठी
अगर कुछ करने का जज्बा हो तो उम्र आड़े नहीं आती। इसी जज्बे के साथ शादी के 22 साल बाद जिम में कदम रखने वाली बाड़मेर की अनिता राठी आज वेट लिफ्टिंग की इंटरनेशनल प्लेयर हैं। आमतौर पर जिस उम्र में महिलाएं जिम में जाना छोड़ देती हैं, उसी 40 की उम्र में अनिता ने जिम में पसीना बहाना शुरू किया। कोच ने उन्हें इंस्पायर किया। आज वो नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर देश का नाम रोशन कर रही हैं।
हाल ही में अमेरिका में इंटरनेशनल पॉवर लिफ्टिंग फेडरेशन का टूर्नामेंट खेलकर अनिता स्वदेस लौटी हैं। इस दौरान उन्होंने बताया कि उनका एक ही लक्ष्य और ड्रीम है कि इंटरनेशनल वेट लिफ्टिंग टूर्नामेंट में गोल्ड जीतकर अपने देश का राष्ट्रगान सुन सकें।
पढ़िए… अनिता के बाड़मेर से निकलकर अंतर्राष्ट्रीय प्लेयर बनने की जर्नी
शादी के 20 साल बाद जॉइन की जिम
शादी के करीब 20 साल बाद मैंने खुद को फिट रखने के लिए घर के पास बनी वीआईपी जिम जॉइन की। वहां जमकर पसीना बहाया। इस दौरान कोरोना भी आया, लेकिन मुझे जिम से लगाव हो गया और खुद को फिट रखने के लिए मैं पूरा फोकस करने लगी। जिम में मेरे ट्रेनर करण जागिड़ थे। उन्होंने मुझमें क्षमता देखी और मुझे पावर लिफ्टिंग करने के लिए इंस्पायर किया। मैंने 2022 में पहली बार पावर लिफ्टिंग की शुरुआत की। उस समय मेरा वजन 69 किलो था। दिनरात मेहनत की। मई 2022 में भरतपुर में स्टेट लेवल प्रतियोगिता हुई। इसमें मैंने पावर लिफ्टिंग 69 किलो कैटेगरी में हिस्सा लिया। मुझे पहली बार में ही सिल्वर मेडल मिला। उसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। जुलाई 2022 में अलवर में कॉम्पिटिशन खेला, जिसमें फोर्थ रैंक लाई।
3 माह में कम किया 6 किलो वजन
सुबह चार बजे उठकर पहले वॉकिग करती। इसके बाद जिम जाकर चार से पांच घंटे तक एक्सरसाइज व पावर लिफ्टिंग करती। हमेशा फोकस होकर तैयारी की। खाने-पीने पर कंट्रोल किया। रात को सोने से पहले वॉकिग करके सोती थी। लगातार एक्साइज व वॉकिंग, खाने पर कंट्रोल कर मैंने 3 महीने में 6 किलो वजन कम कर दिया।
स्टेट में जीता गोल्ड, नेशनल में सिल्वर मेडल
राठी बताती हैं- मैंने अक्टूबर 2022 में कोटा में आयोजित स्टेट लेवल कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया। वहां 63 किलो पावर लिफ्टिंग में हिस्सा लिया। वहां मुझे गोल्ड मेडल मिला और नेशनल खेलने का टिकट भी मिल गया। इसके बाद 15 जनवरी 2023 को औरंगाबाद पावर लिफ्टिंग कॉम्पिटिशन खेलने के लिए गई। वहां पर मैंने 63 किलो कैटेगरी में दो सिल्वर मेडल जीते। इसके बाद लगातार प्रैक्टिस व वॉकिंग से 63 किलो से वजन घटाकर 57 किलो किया।
बेंच प्रेस पावर लिफ्टिंग में नेशनल में फिर जीता सिल्वर
सितंबर 2023 में 57 किलो कैटेगरी में फलोदी में स्टेट लेवल कॉम्पिटिशन हुआ, जिसमें बेंच प्रेस में गोल्ड मेडल जीता। यहां से नेशनल कॉम्पिटिशन के लिए सलेक्शन हुआ। इसके लिए बेंगलुरु खेलने पहुंची। 22-26 नवंबर 2023 को नेशनल टूर्नामेंट में सिल्वर जीता। वहां से इंटरनेशनल टूर्नामेंट के लिए सिलेक्शन हुआ और लगातार मेहनत करने से आगे की राह मिलती गई।
65 देश के खिलाड़ी पहुंचे यूएसए
अनिता राठी ने बताया कि यूएसए के ऑस्टिन, टेक्सास में पावर लिफ्टिंग बेंच प्रेस प्रतियोगिता इस साल 22 मई से 1 जून के तक चली थी। इसमें अलग-अलग कैटेगरी में खिलाड़ी शामिल हुए। 57 किलो कैटेगरी में 65 देश के खिलाड़ी पहुंचे। उसमें मैं मामूली अंतर से पिछड़ गई, जिससे मेरी रैंक 4 नंबर पर आई। इसके बाद 12 जून को बाड़मेर पहुंची। यहां पहुंचने पर समाज के लोगों व परिवार के लोगों ने स्वागत किया तो हौसला बढ़ गया। मेरी कैटेगरी में वर्ल्ड चैम्पियन बनने की तैयारी कर रही हूं।
अब लक्ष्य नार्वे के गोल्ड मेडल पर
अनिता ने अभी से इंटरनेशनल के लिए तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि इंटरनेशनल, वर्ल्ड और एशिया पैसेफिक में गोल्ड जीतने पर विजेता के दे!श का एंथम गूंजता है। साल 2025 में इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन नार्वे में है। इसके लिए पहले स्टेट में गोल्ड और उसके बाद नेशनल में गोल्ड हासिल करना होगा। इसके बाद इंटरनेशनल में जाने का टिकट मिलता है। मैंने तैयारी शुरू कर दी है, जिससे इंटरनेशनल लेवल पर नेशनल एंथम गूंज सके और मैं मेरे भारत का नाम रोशन कर सकूं।
परिवार में तीन बच्चे, पति और सास
अनिता राठी का जन्म आनंद गुजरात में 4 अप्रैल 1982 को हुआ था। 16 मई 1998 को बाड़मेर में शादी हुई। कुछ साल पति के साथ गुजरात में रहीं। फिर साल 2007 में बाड़मेर आ गईं। तब से यहां पर ही रह रहे हैं। पति मोबाइल व इलेक्ट्रिक सामान की मार्केटिंग का काम करते हैं। पति के बिजनेस के अकाउंट का काम भी देखती हूं और घर की जिम्मेदारियां भी निभाती हूं। सबसे बड़ी बेटी प्राची (24) है, जो MBBS फाइनल ईयर में है। उसके बाद खुशी (20) है, जो इंजीनियर है। एक बेटा वंश (17) है, जो 12वीं क्लास में पढ़ता है।
परिवार का खूब मिला सहयोग
अनिता का कहना है- मेरी सफलता में मेरे परिवार का सबसे बड़ा हाथ रहा है। पति और सास ने कभी भी मुझे रोका-टोका नहीं। पति अर्जुन राठी ने कदम-कदम पर सहयोग किया। बच्चों ने भी हर समय मेरा ध्यान रखा। मेरे कोच करण जागिड़ ने मेरी प्रतिभा को पहचाना और मुझे ट्रेनिंग देकर इस मुकाम तक पहुंचाया।
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